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August 2, 2025

केंद्रीय कर्मियों के डीए में बढ़ोत्तरी के बाद अब निजी क्षेत्र की बारी, कई कंपनियां करेंगी सेलरी में इजाफा

अब निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वालों के वेतन में वृद्धि की आस लग गई है।

कोरोनाकाल में तो निजी क्षेत्र के साथ ही सरकारी नौकरी वालों के वेतन भत्तों में ब्रेक सा लग गया था। यही नहीं, कई लाभ में चलने वाले क्षेत्र भी कोरोना का बहाना बनाकर कर्मियों की सेलरी बढ़ाने की बजाय कम देने में दिलचस्पी दिखाते रहे हैं। अब कुछ राज्यों में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में केंद्र ने भी सरकारी कर्मियों के डीए में बढ़ोत्तरी कर दी। राज्य सरकारें भी इसे लागू कर रही हैं। ऐसे में अब निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वालों के वेतन में वृद्धि की आस लग गई है।
हालांकि, कई सेक्टर्स में वेतन का इजाफा हो चुका है और कई सेक्टर्स में होने बाकी हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 के शुरुआत में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियों ने जबर्दस्त जुझारू क्षमता का प्रदर्शन किया है। एक सर्वे में कहा गया है कि महामारी के झटके के बावजूद भारतीय कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों के वेतन में औसतन 8.8 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी। वहीं अगले साल यानी 2022 में वेतन वृद्धि 9.4 प्रतिशत रहेगी।
एऑन के मंगलवार को जारी 26वें वार्षिक वेतन वृद्धि सर्वे के अनुसार, 2022 को लेकर ज्यादातर कंपनियां आशान्वित हैं। अगले साल 98.9 प्रतिशत कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करेंगी। वहीं 2021 में 97.5 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की बात कही है। सर्वे में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों की धारणा सकारात्मक है और भारतीय कंपनियां पुनरुद्धार की राह पर हैं। ज्यादातर कंपनियों का मानना है कि 2021-22 में वेतन वृद्धि 2018-19 के स्तर पर पहुंच जाएगी। एऑन के मानव पूंजी कारोबार में भागीदार रूपंक चौधरी ने कहा कि-यह वित्तीय सेहत और अर्थव्यवस्था में तेजी का मजबूत संकेत है। स्पष्ट रूप से चीजें बेहतर हो रही हैं। 2020 में वेतन वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही थी। 2021 में इसके 8.8 प्रतिशत तथा 2022 में 9.4 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद है। यह 2018 और 2019 के महामारी-पूर्व के स्तर के बराबर होगा।
सर्वे में कहा गया है कि महामारी की वजह से कंपनियों की डिजिटल यात्रा तेज हुई है और इससे लघु अवधि में डिजिटल प्रतिभाओं के लिए जंग छिड़ी है। इससे वेतन बजट बढ़ रहा है और साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी बदलने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। चौधरी ने कहा कि कंपनियों को अपनी प्रतिभा रणनीति को नए सिरे से परिभाषित करना होगा जिससे वे इस जंग में टिकी रह सकेंगी। उन्होंने कहा कि परंपरागत और गैर-परंपरागत क्षेत्रों की भारतीय कंपनियां डिजिटल क्षमताओं में निवेश कर रही हैं। ताकि वे वृद्धि की रफ्तार को कायम रख सकें।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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