कांग्रेस की आर्थिक स्थिति चरमराई, सांसदों से किया ये आग्रह, आर्थिक स्थिति में सुधार के उपायों की घोषणा
आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते अब कांग्रेस ने अपने सांसदों से पार्टी शुल्क लेने के बजाय अपनी हवाई यात्रा लाभों का उपयोग करने का आग्रह किया है। साथ ही पार्टी फंड में प्रति वर्ष 50000 रुपये का दान देने के लिए भी कहा है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने लागत में कटौती और धन जुटाने के लिए कई उपायों की घोषणा भी की है। धन की कमी का सामना कर रही पार्टी ने सचिवों से लेकर महासचिवों तक सभी पार्टी पदाधिकारियों के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा की है। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा कि खर्च को कम से कम रखने का विचार है। मैं एक-एक रुपया बचाने की कोशिश कर रहा हूं।
पार्टी में आर्थिक सुधारों की कवायद के तहत सचिवों को ट्रेन से यात्रा करने के लिए कहा गया है और जब संभव न हो तो सबसे कम हवाई किराए पर यात्रा करने के लिए कहा गया है। संसद सदस्य व महासचिवों को यात्रा के लिए अपने हवाई यात्रा लाभों का उपयोग करने के लिए कहा गया है। कांग्रेस मेमो में लिखा है कि एआइसीसी, सचिवों को 1,400 किमी तक उपयुक्त ट्रेन किराए की प्रतिपूर्ति की जाएगी। 1,400 किमी से अधिक की दूरी के लिए, सचिवों को सबसे कम हवाई किराया दिया जाएगा। हवाई किराया महीने में दो बार दिया जाएगा। अगर ट्रेन का किराया हवाई किराए से अधिक है, तो वे हवाई यात्रा कर सकते हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि कैंटीन, स्टेशनरी, बिजली, समाचार पत्र, ईंधन आदि पर खर्च एआईसीसी पदाधिकारियों द्वारा स्वयं कम से कम किया जाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि सचिव और महासचिव के 12000 रुपये और 15000 रुपये के भत्तों में भी कटौती की जाएगी। बंसल ने कहा कि-उनमें से ज्यादातर शायद ही कभी इस राशि का उपयोग करते हैं और हम इस खर्च को भी कम करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस सांसदों से कहा गया है कि वे हर साल 50,000 रुपये का योगदान दें और पार्टी के दो समर्थकों से 4,000 रुपये प्रति वर्ष मांगें।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में चुनावी बॉन्ड से कांग्रेस पार्टी के संग्रह में 17 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2018-19 में कांग्रेस को चुनावी बांड से 383 करोड़ मिले थे। 2019-20 में पार्टी को कुल चुनावी बांड का सिर्फ 9 प्रतिशत 318 करोड़ प्राप्त हुआ। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इसी अवधि में, सत्तारूढ़ भाजपा ने 2019-20 में बेचे गए इलेक्टोरल बॉन्ड का 76 प्रतिशत हिस्सा एकत्र किया। 2019-20 में कुल मिलाकर 3,355 करोड़ के चुनावी बांड बेचे गए, जिसमें से बीजेपी की आय 2,555 करोड़ थी। यह पिछले वर्ष चुनावी बांड के माध्यम से प्राप्त 1,450 करोड़ पर 75 प्रतिशत की छलांग थी।
मौजूदा सरकार ने 2017-2018 में चुनावी बांड पेश किया था। चुनावी बांड का विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया था। यह चुनावी बांड व्यक्तियों के साथ-साथ कॉर्पोरेशन्स जिनमें आंशिक रूप से विदेशी स्वामित्व वाली संस्थाओं को अपनी पहचान छिपाकर राजनीतिक दलों को फंड देने की अनुमति देता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।