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August 2, 2025

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, विधायकों और सांसदों के खिलाफ अपराधिक मामलों की वापसी में हाईकोई की इजाजत जरूरी

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आज मंगलवार 10 अगस्त को कहा कि हाईकोर्ट की इजाजत के बिना सासंदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस नहीं लिए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आज मंगलवार 10 अगस्त को कहा कि हाईकोर्ट की इजाजत के बिना सासंदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस नहीं लिए जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें संबंधित हाईकोर्ट की इजाजत के बिना केस वापस नहीं ले सकेंगी। हाल ही में केरल के मामले में हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर भी फैसला देंगे। कोर्ट ने ये भी कहा कि सभी हाई कोर्ट के रजिस्टार जरनल अपने चीफ जस्टिस को सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित, निपटारे की जानकारी दें। सीबीआइ कोर्ट और अन्य कोर्ट सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई जारी रखें। सासंदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक ट्रायल के जल्द निपटारे की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट स्पेशल बेंच का गठन करेगा।
सासंदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल न करने पर केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि हमने शुरू में ही केंद्र से आग्रह किया था कि वो सांसदों और विधायकों से संबंधित लंबित मामलों में गंभीर हों, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कुछ नहीं हुआ। कोई प्रगति नहीं हुई। कोर्ट ने ईडी की स्टेट्स रिपोर्ट पेपर में छपने पर नाराजगी जताई। कहा कि आज हमने पेपर में रिपोर्ट पढ़ी। सब मीडिया को पहले मिल जाता है। एजेंसी अदालत को कुछ नहीं देती। ईडी के हलफनामा भी फॉर्मेट में नहीं है और इसमें सिर्फ आरोपियों की सूची है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया। कोर्ट ने दो हफ्ते के समय के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
सीबीआइ की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआइ ने इस मामले में अभी स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। तुषार मेहता ने कोर्ट से फॉर्मेट के हिसाब से स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। सीजेआइ ने कहा कि एक स्पेशल बेंच का गठन करना होगा, जो इन मामलों की निगरानी करेगी। तुषार मेहता ने कहा कि वो भरोसा दिलाते हैं कि केंद्र सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जल्द ही सही तरीके से स्टेटस रिपोर्ट जारी की जाएगी। वकील कामिनी जयसवाल ने कहा कि अकेले गुजरात में 7000 अपील लंबित हैं। अदालती आदेश सिर्फ ट्रायल को लेकर हैं। जीजेआइ ने कहा कि वो इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण के लिए स्पेशल बेंच का गठन करेंगे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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