कपिल सिब्बल के घर विपक्ष का डिनर, कांग्रेस की मजबूती को बताया जरूरत, लीडरशिप पर भी सवाल, यूपी में अखिलेश की मदद पर जोर
अपने 73 वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने विपक्ष के तमाम वरिष्ठ नेताओं को डीनर पर बुलाया। इस दौरान विपक्ष की मजबूती के लिए कांग्रेस की मजबूती को भी जरूरी बताया। साथ ही कुछ ने कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की भी जरूरत बता दी। साथ ही ये भी कहा गया कि विपक्ष तभी मजबूत होगा, जब कांग्रेस मजबूत होगी। सिब्बल के बुलावे पर शरद पवार, लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव, उमर अब्दुल्ला, सीताराम येचुरी जैसे नेता पहुंचे। ये डिनर भी ऐसे वक्त में हुआ जब राहुल गांधी सोमवार को ही दो दिवसीय दौरे पर कश्मीर गए। डिनर देने वाले कपिल सिबल उस G23 के सदस्य हैं, जो कांग्रेस नेतृत्व से असंतुष्ट बताए जाते हैं। उनके अलावा इस डिनर में G23 के कई कोर मेंबर भी शामिल हुए। जिनमें गुलाम नबी आज़ाद, भूपिन्दर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और संदीप दीक्षित के नाम अहम हैं।
बीजेपी से मुकाबले की सहमति
डिनर पर आए सभी विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने एकजुट होकर बीजेपी कर मुकाबला करने पर सहमति जताई मगर ये भी कहा कि विपक्ष तभी बीजेपी का मुकाबला कर सकता है जब कांग्रेस मजबूत होगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में उमर अब्दुल्ला ने भी इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि इस दिशा में कांग्रेस पार्टी में जरूरी बदलाव के लिए उठाए गए कपिल सिब्बल के कदमों की सभी लोग सराहना करते हैं।
यूपी में अखिलेश की मदद पर जोर
सूत्रों ने बताया कि सभी नेताओं ने कांग्रेस को मजबूत करने पर ज़ोर देते हुए कहा कि बीजेपी को पहले उत्तर प्रदेश में और फिर केन्द्र में 2024 में एक साथ मिलकर शिकस्त देने को तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक सिब्बल के डिनर में मौजूद कई विपक्षी नेताओं ने मिलकर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की मदद करने पर जोर दिया।
इसी घर में पहले भी हुई बैठक और बनी थी सरकार
दिलचस्प बात ये है कि कपिल सिब्बल का ये डिनर उनके सरकारी आवास 8 तीन मूर्ती लेन में आयोजित किया गया था। इस पते की खासियत ये है कि यहां सालों तक सीपीएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव कॉमरेड हरकिशन सिंह सुरजीत रहा करते थे। यहीं पर साल 2004 में विपक्ष ने साथ आकर यूपीए-लेफ्ट की सरकार बनाई थी।
15 दलों के 45 नेता जुटे, कुछ ने की कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की पैरवी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल की ओर से दि गए डिनर में 15 पार्टियों के करीब 45 नेता और सांसद जुटे। इनमें लालू यादव, शरद पवार, अखिलेश यादव, डेरेक ओब्रायन, सीताराम येचुरी और संजय राउत जैसे नेता शामिल हैं। इतना ही नहीं इसमें बीजेडी के पिनाकी मिश्रा, अकाली दल के नरेश गुजराल, और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी शामिल हुए। साथ ही टीडीपी, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस और आरएलडी के नेता भी शामिल हुए। ये वो पार्टियां हैं जो अमूमन विपक्षी पार्टियों की बैठकों या तो बुलाई नहीं जातीं या फिर आती नहीं हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने नाश्ते पर बुलाया था तो आम आदमी पार्टी न्योते के बाद भी शामिल नहीं हुई थी।
बता दें कि अक्सर पार्टी के भीतर नेताओं और अन्य विपक्षी दलों की ओर से यह राय मशविरा दिया गया है कि कांग्रेस को और मजबूत बनना चाहिए। उसके लिए नेतृत्व परिवर्तन करना जरूरी है। हालांकि कई नेता राहुल गांधी की वापसी के लिए जोर दे रहे हैं।
सबसे लंबा बोले शरद पवार
सूत्र बताते हैं कि कपिल सिबल ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस के सिपाही होने के नाते हम चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बने। सिब्बल की बात का सभी नेताओं ने समर्थन किया। सूत्रों के मुताबिक- सबसे लंबा शरद पवार बोले। उन्होंने कहा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं। आप जो पार्टी के भीतर और बाहर जो भी मुद्दे उठाते हैं वो सही हैं। इस पर सिब्बल ने कहा कि पार्टी के भीतर जो हम उठाते हैं वो अलग मामला है, लेकिन यहां सवाल विपक्षी एकता का है।
जेल से छूटने के बाद लालू यादव का पहला सामूहित डिनर
जेल से छूटने और तबीयत ठीक होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं के साथ लालू यादव का ये पहला सामूहिक डिनर था। इस मौक़े पर लालू यादव ने भी सिब्बल की बातों से सहमति जताते हुए विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत बताई और कहा कि यहां बैठे लोगों की वे ताकत हैं। हम जब भी मुश्किल में आते हैं तो सिब्बल साहेब को याद करते हैं। कांग्रेस पार्टी इन लोगों के अनुभव का फायदा उठाए।
बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने कही बड़ी बात
सूत्रों के मुताबिक, एक अहम बात बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने कही। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि बीजेडी कई मुद्दों पर कांग्रेस के साथ होना चाहती है पर उनको नहीं पता कि बात किससे की जाए। ये अलग बात है कि बीजेडी हमेशा बीजेपी के साथ चलती हुई देखी गई है। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्ष को कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद और भूपिन्दर सिंह हुड्डा के अनुभव का फायदा उठाना चाहिए।
किसानों के मुद्दे पर एकजुट है अकाली दल
अकाली दल की तरफ से कहा गया कि किसानों के मुद्दे पर एकजुट हैं और वाईएसआर की तरफ से कहा गया कि हम देश की बेहतरी के लिए पुरानी बातों को भूलने को तैयार हैं। इस मौके पर सबने अहमद पटेल को भी याद किया और कहा कि उनकी कमी खलती है। इस सब बातों के बीच सिब्बल और G23 के बाकी नेता बार-बार कहते रहे कि वे सभी कांग्रेस के सिपाही हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की अनुपस्थिति में ये डिनर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीतिक की एक बड़ी कहानी कह रही है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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