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December 15, 2024

Video: देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों ने जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन

उत्तराखंड में चारधाम सहित अन्य मंदिरों की व्यवस्था देवस्थानम बोर्ड से मुक्त कराने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है। गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री बाजार क्षेत्र में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड में चारधाम सहित अन्य मंदिरों की व्यवस्था देवस्थानम बोर्ड से मुक्त कराने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है। गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री बाजार क्षेत्र में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने दोहराया कि यदि बोर्ड को भंग करके पुरानी व्यवस्था बहाल नहीं की तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। साथ ही आगामी चुनाव में भाजपा को लोगों का विरोध झेलना पड़ेगा।
श्री पांच मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल के नेतृत्व में आज तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री धाम में जुलूस निकला। उन्होंने कहा कि वे लगातार पिछले 54 दिन से वे आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं, जो अच्छी बात है। हमे विश्वास है कि धामी सरकार इस काले कानून को समाप्त करेगी। साथ ही कहा कि यदि 15 दिन बाद इस काले कानून को वापस नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। साथ ही बड़ी बैठक करके आंदोलन तेज करने का निर्णय किया जाएगा। साथ ही तब तक निरंतर धरना और प्रदर्शन का कार्यक्रम जारी रखा जाएगा।
प्रदर्शन करने वालों में व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र सेमवाल, राकेश सेमवाल, सदस्य मंदिर समिति अनिल नौटियाल, गणेश सेमवाल, पूर्व कोषाध्यक्ष दिनेश चंद्र, विजय सेमवाल, नरेश निखिलेश, धनंजय, सुमन राणा, सूर्य प्रकाश चौहान, सोमेश मध्यांचल, वीरेंद्र सेमवाल आदि शामिल थे।

 

बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उस समय भी तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। वहीं, गंगोत्री में पिछले साल भी निरंतर धरना होता रहा। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में तो बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद सत्ता संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर धामी सीएम बने और उन्होंने इस संबंध में अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। सिर्फ कहा कि तीर्थ पुरोहितों के पक्ष में सरकार बेहतर कर रही है। ऐसे में तीर्थ पुरोहित लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

गंगोत्री से सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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