टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, जीता कांस्य पदक, लगातार दूसरा पदक जीतने वाली भारत की इकलौती महिला खिलाड़ी
भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु भले ही गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई हैं, लेकिन उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को दूसरा पदक दिला दिया। उन्होंने चीनी शटलर हे बिंगजिआओ को दो सेटों में 21-13, 21-15 से सीधे सेटों में पराजित कर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाली सिंधु भारत की इकलौती ऐसी महिला खिलाड़ी बन गईं, जिनके नाम ओलंपिक में दो व्यक्तिगत मेडल जीतने का कमाल दर्ज हो गया।
इससे पहले भारत को वेटलिप्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को रजत के रूप में पहला पदक दिलाया था। ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में सिंधु के सामने चीन की शटलर बिंगजिआओ ने कड़ी चुनौती दी। पहले सेट में सिंधु ने लगातार चीनी शटलर के खिलाफ आक्रमक अंदाज दिखाया है और पहला सेट 21-13 सेट जीतने में सफल रहीं। दोनों के बीच गेम के दौरान लंबी रैलियां हुई, लेकिन सिंधु ने तीसरे सेट की नौबत नहीं आने दी।
बता दें कि सेमीफाइनल में पीवी सिंधु को विश्व की नंबर वन शटलर चीनी ताइपे की ताई जू-यिंग से हार का सामना करना पड़ा था। हे बिंगजिआओ (He Bing Jiao) और सिंधु के बीच बैडमिंटन कोर्ट पर 15 मैच खेल चुकी हैं जिसमें 9 मैच चीन की बिंगजिआओ ने जीता है और 6 मैच सिंधु के नाम रहा है। दोनों ने पहली बार 2015 के योनेक्स सनराइज मास्टर्स क्वार्टरफाइनल राउंड में एक-दूसरे का सामना किया था, सिंधु को उस मैच में सीधे सेटों में 23-21, 21-13 के स्कोर से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले 5 भिड़ंत में चार मुकाबले में चीनी शटलर को जीत मिली है। सिंधु ने हे बिंगजिआओ के खिलाफ आखिरी बार 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में जीत हासिल की थी।
माता-पिता भी हैं एथलीट
पुसरला वेंकट सिंधु (PV Sindhu) का जन्म 5 जुलाई 1995 को पीवी रमना और पी विजया के घर हुआ था, उनके माता-पिता दोनों ही एथलीट थे – राष्ट्रीय स्तर पर दोनों वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, इसलिए पीवी सिंधु की खेलों में रुचि कोई आश्चर्य की बात नहीं है. उनके पिता को वास्तव में वॉलीबॉल के खेल में उनके योगदान के लिए 2000 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है।
ट्रेनिंग के लिए रोजाना 120 किलोमीटर का सफर
पीवी सिंधु ने कम उम्र में बैडमिंटन में रुचि दिखाई, और वह अपने माता-पिता की बदौलत इसे आगे बढ़ाने में सफल रही। 12 साल से अधिक समय तक, उनके पिता उन्हें पुलेला गोपीचंद की अकादमी में ले जाने के लिए सुबह 3 बजे उठाते थे जहाँ उसने प्रशिक्षण लिया था। सिंधु 120 किमी रोजना सफर तय करती थी और इसके बाद ट्रेनिंग भी जमकर किया करती थी।
टूर्नामेंट के लिए अपनी बहन की शादी में नहीं हो सकी शामिल
पीवी सिंधु के जज्बे का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपनी बहन की शादी भी उन्होंने बैडमिंटन टूर्नामेंट के लिए मिस कर दिया था। पीवी सिंधु की बड़ी बहन पी दिव्या की शादी 2012 में हैदराबाद में हुई थी, लेकिन बैडमिंटन टूर्नामेंट के कारण शादी में शामिल नहीं हो सकीं, 17 साल की पीवी सिंधु उस समय लखनऊ में सैयद मोदी इंटरनेशनल इंडिया ग्रां प्री गोल्ड में खेल रही थीं।
फोन के बिना रही तीन महीने तक
साल 2016 में पीवी सिंधु ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं थी। ओलंपिक के लिए प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उस समय उनके कोच रहे पुलेला गोपीचंद ने सिंधु को पूरे तीन महीने तक फोन से दूर कर दिया था। 2016 रियो ओलंपिक में सिंधु के रजत पदक जीतने के बाद उत्साहित कोच गोपीचंद ने कहा था कि-सिंधु के पास पिछले तीन महीनों के दौरान उसका फोन नहीं था। पहली बात यह है कि मैं उसका फोन वापस कर दूंगा।
सचिन तेंदुलकर ने गिफ्ट् की थी कार
ओलिंपिक में सिल्वर जीतना बेशक सिंधु के लिए बेहद खास पल था। यह तब और भी खास हो गया जब ‘मास्टर ब्लास्टर’ सचिन तेंदुलकर ने उनकी जीत को तोहफे से सम्मानित किया। सचिन तेंदुलकर ने रियो उपलब्धि के लिए पीवी सिंधु को बीएमडब्ल्यू कार भेंट की थी।
पीवी सिंधु को ध्यान लगाना बेहद ही पसंद है
पीवी सिंधु को मेडिटेशन और योग करना बेहद पसंद हैं। सिंधु को स्वीमिंग करना भी बेहद ही पसंद है। जब वह ट्रेनिंग नहीं कर रही होती हैं तो पीवी सिंधु स्विमिंग, योगा और मेडिटेशन से खुद को तरोताजा करती हैं, 2019 को एनडीटीवी में दिए अपने इंटरव्यू में सिंधु ने कहा था-मैं शांत रहने के लिए ध्यान करती हूं।
पीवी सिंधु के फेवरेट एक्टर
दिग्गज बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु को टॉलीवुड से महेश बाबू और प्रभास काफी पसंद हैं इसके अलावा बॉलीवुड में सिंधु के फेवरेट एक्टर ऋतिक रोशन हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।