Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 25, 2025

मिग 21 विमान को निकट से देखना है तो यहां चले आइए, देहरादून के शौर्य स्थल की बढ़ा रहा शोभा

यदि आपको मिग 21 विमान का दीदार करना है तो देहरादून के चीड़बाग स्थित युद्ध स्मारक शौर्य स्थल चले आइए। शहीदों के सम्मान में बने इस भव्य युद्ध स्मारक शौर्य स्थल पर आज मिग 21 विमान पहुंच गया है।

यदि आपको मिग 21 विमान का दीदार करना है तो देहरादून के चीड़बाग स्थित युद्ध स्मारक शौर्य स्थल चले आइए। शहीदों के सम्मान में बने इस भव्य युद्ध स्मारक शौर्य स्थल पर आज मिग 21 विमान पहुंच गया है। ये विमान मेमोरियल की शान बढ़ाएगा। विमान को रखने के लिए वार मेमोरियल में पहले ही जगह तय कर ली गई थी। पूर्व सांसद (राज्यसभा सदस्य) एवं युद्ध स्मारक के अध्यक्ष तरूण विजय ने बताया कि वार मेमोरियल में मिग 21 रखने का प्रस्ताव करीब दो साल पहले कैंट बोर्ड की बैठक में पास हुआ था। यह मिग 21 रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के विशेष प्रयास से प्राप्त हुआ है।

भारत में 1964 से मिग 21 विमान का इस्तेमाल शुरू हुआ है। ये इकलौता ऐसा विमान है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर के करीब 60 देशों ने किया है। मिग 21 एविएशन के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक संख्या में बनाया गया सुपरसोनिक फाइटर जेट है। पाकिस्तान के साथ हुए 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी मिग 21 ने मुख्य भूमिका निभाई थी। मिग 21 लड़ाकू विमान की रफ्तार 2229 किमी प्रति घंटा की है। इसमें टर्बोजेट इंजन लगा हुआ है, जो विमान को सुपरसोनिक रफ्तार देता है।
इस मिग 21 विमान को वायुसेना के जौधपुर स्टेशन से दो ट्रक में खोलकर लाया गया। इसे देहरादून पहुंचने में तीन दिन लगे। साथ ही वायुसेना का 10 कार्मिकों का स्टाफ आया है। जो अब इस विमान को जोड़ रहा है। पूर्व सांसद तरूण विजय ने बताया कि अभी इसमें रंग रोगन आदि किया जाएगा। इस युद्ध स्मारक में नौ सेना का मिसाइल युद्धपोत का मॉडल भी आना है। जो इस वार मेमोरियल की शोभा में चार चांद लगाएगा।

शौर्यस्थल की खासियत
आपको बता दें कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कैंट रोड स्थित राजभवन के निकट चीड़बाग में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। इस शौर्य स्थल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां पर पहले, दूसरे विश्व युद्ध के साथ भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों के नाम की लिस्ट लगाई गई है।

शौर्य स्थल पर पाकिस्तान युद्ध का जिक्र किया गया है। इससे यहां आने वाले लोगों को भारत-पाकिस्तान व भारत-चीन युद्ध के बारे में जानकारी भी मिलेगी। यहां शहीद हुए जांबाज जवानों के नाम की सूची भी है। यहां तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने इसका भूमि पूजन किया था। स्मारक प्रदेश के लगभग 15 सौ शहीदों को समर्पित है। हाल ही में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने यहां चंदन का पौधा रोपित किया था।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page