झूठ बोल रही है सरकार, बता रही नियम कुछ, हकीकत में हो रहा कुछ, दो सप्ताह से लागू नहीं करा सके नियम, लोगों में कन्फ्यूजन
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना के दो टीके लगाने की स्थिति में छूट के नियम पर या तो सरकार झूठ बो रही है, या फिर कर्मचारी सरकार के इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। क्योंकि राज्य की सीमाओं पर तो आज एक अगस्त को ऐसा ही वाक्या नजर आया कि कोरोना के टीके की दोनों डोज लगाने पर भी मौके पर मौजूद कर्मियों ने इसे मानने से मना कर दिया और आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट मांगी। ऐसे में एक परिवार के सभी सदस्यों की कोरोना जांच की गई। हालांकि जांच में सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई।
दो सप्ताह पहले जारी किए गए थे ये नियम
करीब दो सप्ताह पूर्व जब कोरोना कर्फ्यू को 20 जुलाई की सुबह छह बजे से बढ़ाकर 27 जुलाई तक किया गया था तब बाहरी राज्यों से आने वालों के लिए कोरोना के नियमों कुछ बदलाव किया गया था। इसमें टीका लगा चुके लोगों को राज्य में बगैर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के प्रवेश की अनुमति दी गई थी। आप भी उस दिन के जारी इस संबंधि निर्देशों को पढ़ सकते हैं। जो इस प्रकार हैं-
वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन के उपरांत एवं उन वैक्सीनेटेड व्यक्तियों द्वारा राज्य के हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बार्डर चेक पोस्ट पर वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही बाहरी राज्यों से उत्तराखंड राज्य में आने वाले व्यक्तियों को उत्तराखंड में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। उन सभी व्यक्तितियों को RT PCR, TrueNat/ CBNAAT/ RAT COVID Negative Test Report दिखाने में छूट प्रदान की जाएगी। के साथ ही राज्य में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जायेगी। लेकिन उन व्यक्तियों को राज्य में प्रवेश के उपरांत MHA. MOH&FW Gol and State Government द्वारा जारी SOPs का अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
–बाहरी राज्यों से उत्तराखंड राज्य में आने वाले वह व्यक्ति जिनके पास कोविड वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र नहीं है, उन सभी को अधिकतम 72 घंटे पूर्व की RT PCR, TrueNat/ CBNAAT/ RAT COVID Negative Test Report के साथ ही राज्य में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
फिर ऐसे दोहरा रहे हैं जैसे पहली बार किया गया
जब नियम पहले ही जारी हो गए हैं, फिर उसे बार बार सुर्खियों में आने के लिए ऐसे दोहराया जा रहा है, जैसे कि इस नियम में पहली बार बदलाव किया गया। अब गत दिवस सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ किया है कि अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले उन्हीं व्यक्तियों को कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट से छूट दी जाएगी, जिन्होंने आने से 15 दिन पहले कोराना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हों। उन्होंने यह भी कहा कि कोराना की संभावित तीसरी लहर से निबटने को सरकार की तैयारियां पूरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश व युवा पीढ़ी के हित को देखते हुए ही सरकार ने पूरी समीक्षा के बाद स्कूल-कालेज खोलने का निर्णय लिया है।
अब देखिए हकीकत
गोतमबुद्ध नगर निवासी कुसुम तिवारी पत्नी विनोद तिवारी आज रविवार एक अगस्त को परिवार के साथ देहरादून आ रहे थी। आशारोड़ी चेक पोस्ट पर जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों ने कोरोना टीके की दोनों डोज काफी पहले लगवा रखी है। इसके बाद मौके पर मौजूद कर्मी इस बात पर अड़े रहे कि वे 72 घंटे तक की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाएं। टीके की दो डोज की रिपोर्ट देखने को कोई तैयार नहीं हुआ। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने कोरोना का टेस्ट कराया। हालांकि पांच मिनट में सबके टेस्ट हो गए और रिपोर्ट निगेटिव आई। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार कुछ कह रही है और जमीनी हकीकत कुछ और है।




