पेगासस स्पाईवेयर विवाद की गूंज संसद से लेकर दून तक पहुंची, कांग्रेस करेगी राजभवन कूच, जानिए अब क्या हुआ नया खुलासा
‘द वायर’ ने इस इजरायली स्पाईवेयर से जुड़े अपने नए खुलासे में कहा है कि साल 2019 में कर्नाटक की जनता दल सेकुलर-कांग्रेस सरकार से जुड़े फोन नंबर संभावित टारगेट थे। ‘द वायर’ की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2019 में जेडीएस-कांग्रेस की सरकार के गिरने और बीजेपी की सरकार बनने का इस कथित जासूसी से संबंध है।
उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को कथित तौर पर संभावित लक्ष्य के रूप में चुना गया था। द वायर का कहना है कि इन नंबरों को तब देखा गया जब नंबरों के रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही थी। जिनमें इजरायल के एनएसओ ग्रुप के एक भारतीय ग्राहक को दिलचस्पी थी। एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह पेगासस स्पाईवेयर को केवल सरकारों को ही बेचता है।
भारत में ये थे संभावित टारगेट
बता दें, द वायर की रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, दो केंद्रीय मंत्री, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और 40 भारतीय पत्रकार जासूसी के संभावित टारगेट थे। यह लिस्ट भारत की एक अज्ञात एजेंसी की है, जो कि इयरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का स्पाइवेयर Pegasus यूज करती है। एनएसओ का कहना है कि यह अपना Pegasus स्पाइवेयर केवल ‘जांची-परखी सरकारों’ को ही आतंक से लड़ने के मकसद से देती है. किसी भी प्राइवेट कंपनी को यह स्पाइवेयर नहीं दिया जाता है।
भारतीय सरकार ने किया इनकार
हालांकि, भारतीय सरकार ने इसमें अपनी भूमिका से साफ इनकार किया है। वहीं, कांग्रेस समेट विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेर रही हैं. कांग्रेस ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग करते हुए पीएम मोदी की इसमें भूमिका की जांच की मांग भी की थी।
ये हुआ था खुलासा
भारतीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के फोन नंबर उस लीक डाटाबेस में पाए गए हैं, जिन्हें इजरायली स्पाईवेयर पेगासस Pegasus के इस्तेमाल से हैक किया गया है। द वायर सहित 16 मीडिया संस्थानों की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है। रविवार शाम को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया था कि लीगल कम्यूनिटी मेंबर्स, बिजनेसमैन, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, कार्यकर्ताओं और अन्यों के नंबर इस लिस्ट में शामिल हैं। इस लिस्ट में 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर हैं। हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस सहित बड़े मीडिया संस्थानों के बड़े पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है।
चुनावों के दौरान बनाया गया निशाना
द वायर (The Wire) के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2019 के लोकसभा आम चुनावों से पहले 2018 और 2019 के बीच ज्यादातर को निशाना बनाया गया। पेगासस को बेचने वाली इजरायली कंपनी NSO ग्रुप का दावा है कि वह अपने स्पाईवेयर केवल अच्छी तरह से जांची-परखी सरकारों को ही ऑफर करती है।
क्या है पेगासस
पेगासस को बनाने वाले एनएसओ ग्रुप ने अपनी ट्रांसपेरेंसी और रिस्पॉसिबिलिटी रिपोर्ट 2021 में कहा है कि इसके उत्पाद सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से सत्यापित सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल के लिए ही बने हैं। कंपनी कहती है कि हम पेगासस का लाइसेंस केवल स्वीकृत, सत्यापित और अधिकृत सरकारों और सरकारी एजेंसियों को देते हैं। विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रमुख कानूनी जांच में उपयोग किए जाने के लिए।
वर्ष 2016 से मौजूद है ये स्पाइवेयर
पेगासस को इज़राइल स्थित साइबर इंटेलिजेंस और सुरक्षा फर्म NSO ग्रुप की ओर से विकसित किया गया था। माना जाता है कि यह स्पाइवेयर 2016 से ही मौजूद है और इसे क्यू सूट और ट्राइडेंट जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। बाजार में उपलब्ध ऐसे सभी उत्पादों में सबसे परिष्कृत माना जाता है। यह ऐप्पल के मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस और एंड्रॉइड डिवाइसों में घुस सकता है। पेगासस का इस्तेमाल सरकार की ओर से लाइसेंस के आधार पर किया जाना था। मई 2019 में, इसके डेवलपर ने सरकारी खुफिया एजेंसियों और अन्य के लिए पेगासस की बिक्री सीमित कर दी थी।
कंपनी का ये है दावा
एनएसओ ग्रुप की वेबसाइट के होम पेज के अनुसार कंपनी ऐसी तकनीक बनाती है जो दुनिया भर में हजारों लोगों की जान बचाने के लिए आतंकवाद और अपराध को रोकने और जांच करने में मदद के लिए सरकारी एजेंसियों की मदद करती है।
ऐसे काम करता है पेगासस स्पाईवेयर
– इज़रायल के NSO ग्रुप ने पेगासस स्पाईवेयर बनाया
– आईफ़ोन और एंड्रॉयड फोन में घुसपैठ करने में सक्षम
– Whatsapp में एक खामी का पेगासस ने इस्तेमाल किया
– हानिकारक लिंक या मिस्ड Whatsapp वीडियो कॉल से ऐक्टिवेट
– स्पाईवेयर फ़ोन के बैकग्राउंड में चुपचाप सक्रिय
– फ़ोन के कॉन्टैक्ट, मैसेज, डेटा तक पूरी पहुंच
– माइक्रोफ़ोन और कैमरा भी ऑन कर सकता है
– Whatsapp ने अपनी खामी अब सुधार ली है
फोन में घुसता है स्पाईवेयर
– Whatsapp पर वीडियो कॉल आती है
– एक बार फ़ोन की घंटी बजते ही हमलावर हानिकारक कोड भेज देता है
– ये स्पाईवेयर फ़ोन में इंस्टॉल हो जाता है
– ऑपरेटिंग सिस्टम पर कब्ज़ा कर लेता है
– मैसेज, कॉल, पासवर्ड तक स्पाईवेयर की पहुंच
– माइक्रोफ़ोन और कैमरा तक भी स्पाईवेयर की पहुंच
उत्तराखंड कांग्रेस का राजभवन कूच 22 जुलाई को
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसजन बृहस्पतिवार 22 जुलाई को प्रातः साढ़े दस बजे केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी व उनके स्टाफ, देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, चुनाव आयोग के आयुक्तों, पत्रकारों व अन्य लोगों की इजराइली स्काइपवेयर पेगासस के माध्यम से जासूसी कराए जाने के खिलाफ राजभवन मार्च करेंगे। ऊक्त जानकारी देते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने दी।
उन्होंने बताया कि देश भर में कांग्रेस कार्यकर्ता मोदी सरकार के इस लोकतंत्र की हत्या के प्रयास के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे व देश के गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगेंगे। धस्माना ने बताया कि उक्त मार्च 22 जुलाई को दिला राम बाजार चौक से शुरू हो कर राजभवन के लिए प्रस्थान करेगा। इसके लिए सभी वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
इन्हें किया गया आमंत्रित
बृहस्पतिवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी के सभी संसद, पूर्व सांसद, 2019 के सांसद प्रत्याशी, विधायक गण, पूर्व विधायक गण, 2017 के विधायक प्रत्याशी, एआईसीसी, पीसीसी सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समस्त पदाधिकारी, जिला व महानगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्ष, सदस्य, नगर निगम मेयर व पूर्व मेयर, नगरपालिका अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्ष, नगर निगम पार्षद, समस्त प्रकोष्ठों व विभागों के प्रदेश अध्यक्ष राजभवन मार्च में शामिल होंगे।
उत्तराखंड के सीएम धामी बोले-कांग्रेस नहीं चाहती संसद में देशहित की हो चर्चा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता में संसद में विपक्ष की ओर से जासूसी प्रकरण को लेकर लगाए गए आरोप पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जब भी राष्ट्र के विकास की कोई बात की जाती है ते वो उसका विरोध करती रही है। अभी संसद सत्र में जब देश की 130 करोड़ जनता की बेहतरी और देश के विकास की बात हो रही थी कि कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि चीजें अलझी रहे। देश विरोधी शक्तियों से मिलकर बातों को उलझाने का कार्य कांग्रेस ने किया है वह नहीं चाहते कि देशहित के महत्वपूर्ण विषयों पर संसद में चर्चा हो। कांग्रेस का इतिहास विरोध के लिये विरोध करने का रहा है। जिन बातों का कोई इतिहास नहीं, कोई तथ्य नहीं केवल विरोध के लिये विरोध के लिये कांग्रेस कार्य कर रही है। देश में चाहे इंदिरा जी के शासन के समय की बात हो, चन्द्रशेखर जी की सरकार गिराने की बात हो, यही नहीं राजस्थान में गहलोत जी की सरकार गिराने के लिये उन्हीं के विधायकों में उन पर आरोप लगाने का कार्य किया है। इस प्रकार के अन्य कई मामलों को भी देखा जाय तो कांग्रेस के लोग इस प्रकार की तथ्यहीन बात करते रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।