इंतजार हुआ खत्म, दिल्ली-एनसीआर भीगा, उत्तराखंड में 164 सड़कें बंद, जानिए गलत भविष्यवाणी पर आइएमडी क्या बोला
झमाझम बारिश से लोगों को राहत
दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में मंगलवार को कई इलाकों में तेज बारिश से राहत मिली। इससे दिल्ली में मानसून के दस्तक देने का लंबा इंतजार भी खत्म हुआ है। दिल्ली में द्वारका समेत कई इलाकों में बारिश हो रही है। फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में सुबह 7 से 8.30 बजे की कई इलाकों में भारी बारिश देखने को मिली। सफदरजंग में 2.5 सेमी, आयानगर में 1.3, पालम में 2.4 और रिज में 1.0 सेमी तक बारिश हुई।
देखें वीडियो सहारनपुर में बारिश का नजारा
हैरान था मौसम विभाग
मौसम विभाग ने भी मंगलवार सुबह दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने का पूर्वानुमान जताया था। इससे पहले मौसम विभाग भी दिल्ली में जुलाई के मध्य तक भी मानसून न पहुंचने को लेकर हैरान था। विभाग ने कहा है कि मानसून के आकलन के गणितीय मॉडल का फेल हो जाना असामान्य और दुर्लभ है। यानी ऐसा बेहद कम ही देखने को मिलता है।
नई तारीख देने से बच रहा मौसम विभाग
आईएमडी ने ट्वीट कर कहा था, दक्षिण पश्चिम दिल्ली, गुरुग्राम, मानेसर, बल्लभगढ़, रोहतक, मेहम, झज्जर, फारुखनगर, नूंह, सोहना और उत्तर प्रदेश में कासगंज समेत कई इलाकों में बादलों की गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि दिल्ली में मानसून पहुंचने की स्थितियां बेहद अनुकूल बनी हुई हैं, लेकिन राजधानी में मानसून के आगमन की पहले की कई भविष्यवाणी गलत साबित होने के बाद मौसम विभाग कोई नई तारीख देने से बच रहा है।
कई राज्यों तक फैल चुका है मानसून
आईएमडी का कहना है कि मानसून दिल्ली के पड़ोसी यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में फैल चुका है. दिल्ली में मानसून पहुंचने के लिए हालात अनुकूल हैं। उत्तर भारत के कई हिस्सों समेत मानसून भारतीय प्रायद्वीप में सक्रिय हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक जेना ने स्पष्ट किया कि पूर्वानुमान 100 फीसदी सही नहीं हो सकते और मौसम विभाग स्थितियों की निगरानी कर रहा है।
बेहद कम फेल होता है पुर्वानुमान
मौसम विभाग ने ये माना है कि दिल्ली में मानसून के पहुंचने का अनुमान लगाने में गणितीय मॉडल की नाकामी असामान्य और बेहद कम देखी जाने वाली घटना है। दक्षिणपश्चिम मानसून राजस्थान के जैसलमेर औऱ गंगानगर तक पहुंच चुका है. लेकिन दिल्ली और हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों से इसकी बेरुखी जारी है।
उत्तराखंड की स्थिति
उत्तराखंड में मंगलवार की सुबह से ही कई इलाकों में लगातार बारिश का दौर जारी है। बारिश के मलबा आने से प्रदेश में करीब 164 सड़कें बंद हो गईं। उत्तराखंड में करीब तीन सप्ताह के बाद से बारिश ने जोर पकड़ा और तबाही मचानी शुरू कर दी। रविवार को बागेश्वर जिले में मकान के भूस्खलन की चपेट में आने से एक बच्चे सहित दंपती की मौत हो गई। अल्मोड़ा में नदी में पिता पुत्र बह गए। वहीं टनकपुर में नाले में बहने से महिला की मौत हो गई। उधर, सोमवार को चमोली जिले के थराली में एक बाइक सवार गदेरे के तेज बहाव में बह गया। उसका पता नहीं चल पाया है। अब तक कुल सात लोग आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं।
भारी बारिश की चेतावनी
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आज यानी 13 जुलाई व 14 जुलाई को भी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में पिथौरागढ़, नैनीताल, गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी जिले में कहीं कहीं आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही भारी बारिश का अनुमान है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन का खतरा रहेगा। नदी नालों का जल स्तर बढ़ सकता है। इन दो दिन यलो अलर्ट जारी किया गया है।
15, 16 और 17 को इन जिलों में होगी भारी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक 15, 16 और 17 जुलाई को उत्तराखंड के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। 15 व 16 जुलाई को देहरादून, टिहरी, नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही भारी बारिश का अनुमान है। 13 से 16 जुलाई तक पर्वतीय क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में मामूली भूस्खलन, चट्टानों के धसने, लिंक, सड़कें और राजमार्गों के अवरुद्ध होने की घटनाएं हो सकती हैं। साथ ही कहीं कहीं नदी और नाले उफान पर होंगे। निचले इलाकों में जलभराव की समस्या भी हो सकती है। 17 जुलाई को नैनीताल, बागेश्वर, चमोली तथा पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली चमकने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।