कुंभ में हुई किरकिरी, चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट की रोक, पर्यटक स्थलों पर उमड़ रही भीड़, अब कांवड़ यात्रा पर विचार

कोरोना की दूसरी लहर में उत्तराखंड की स्थिति भी बेहतर नहीं थी। यहां भी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई थी। अस्पतालों मे बेड, आइसीयू, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग तरसते रहे। यही नहीं दैनिक कोरोना के नए संक्रमितों और दैनिक मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा था। सात मई को सर्वाधिक 9642 नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 15 मई को सर्वाधिक 197 मौत दर्ज की गई थी। ये स्थिति तब रही, जबकि अस्पतालों से मौत के आंकड़े छिपाए गए और घरों की मौत का विवरण भी शायद सही तरीके से दर्ज किया गया हो। अप्रैल माह से मई माह के बीच की मौत को बाद में मौत के कुल आंकड़ों में जोड़ा जाता रहा। ऐसा 17 मई से लगातार किया गया। जो पूरे जून माह तक चला। इस अवधि में एक दिन तो 218 मौत को जोड़ा गया। उत्तराखंड में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 341023 हो गई है। इनमें से 326267 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक प्रदेश में कुल 7338 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। मौत की दर 2.15 है। रिकवरी 95.67 फीसद है।
यही नहीं, हाईकोर्ट ने कुंभ क्षेत्र में हर दिन 50 हजार लोगों के कोरोना टेस्ट करने को कहा। इस आंकड़े को सरकार कभी छू नहीं पाई। इससे आधे से कम टेस्ट हर दिन होते रहे। वहीं, जून माह में हरिद्वार कुंभ के दौरान आरटी-पीसीआर घोटाला सामने आया। इसमें करीब सवा लाख फर्जी टेस्ट कराने की बात कही गई। इसकी एसआइटी से जांच कराई जा रही है। इसके बावजूद सरकार पहले चारधाम यात्रा करने की तैयारी में जुट गई। इसके लिए कैबिनेट में भी प्रस्ताव पारित कर दिया गया। यात्रा सात जुलाई से शुरू होनी थी। पहले चरण में बदरीनाथ धाम जाने के लिए चमोली जिला, केदारनाथ के लिए रुद्रप्रयाग जिले, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए चारधाम यात्रा शुरू की जानी थी। इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
अभी समाप्त नहीं हुआ कोरोना
अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ। साथ ही राज्य या देश की पूरी आबादी को टीका नहीं लग पाया है। जिस रफ्तार से टीकाकरण हो रहा है, उससे ये कहा नहीं जा सकता है कि टीकाकरण दिसंबर माह में पूरा होगा। वहीं, विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जता रहे हैं। इसके विपरीत पर्यटक स्थलों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। शारीरिक दूरी, मास्क लगाने के नियम तार तार हो रहे हैं। राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ उमड़ रही है। उत्तराखंड में प्रवेश करने और पर्यटक स्थलों में जाने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के नियम में ढकोसले साबित हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग बगैर रिपोर्ट के उत्तराखंड में प्रवेश कर रहे हैं। वहीं, पर्यटक स्थलों से भी परेशानी वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। मसूरी के कैंप्टीफाल की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इसे देखकर कोई भी डर जाएगा और यही कहेगा कि यदि ऐसा ही रहा तो तीसरी लहर समय से पहले आ जाएगी।
अब कांवड़ यात्रा पर विचार
प्रदेश सरकार कांवड़ यात्रा पर पड़ोसी राज्यों से विचार-विमर्श कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। दूसरी तरफ, चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही सरकार कदम आगे बढ़ाएगी। गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में कांवड़ यात्रा और चारधाम यात्रा को लेकर बैठक हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को लेकर जनता की राय का भी सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए। सूत्रों की मानें तो बैठक में बताया गया कि कैबिनेट निर्णय के क्रम में कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई जा चुकी है। कहा गया कि हाईकोर्ट ने बड़ी संख्या में यात्रियों की आमद से कोरोना संक्रमण के प्रसार की आशंका को देखते हुए ही चारधाम यात्रा शुरू करने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगाई है। कांवड़ यात्रा में भी बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। बैठक में कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में आए यात्रियों का हवाला देते हुए बताया गया कि इन्हें नियंत्रित करने में काफी दिक्कतें आई थीं और कोरोना की रोकथाम के लिए बनाए गए मानकों का भी अनुपालन नहीं हो पाया। इससे बाद में हरिद्वार में संक्रमण के मामले बढ़े। बेहतर होगा कि चारधाम यात्रा को लेकर पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर लिया जाए और इसके बाद ही कांवड़ यात्रा को लेकर आगे कदम उठाए जाएं।
सूत्रों की मानें तो बैठक में सभी विभागों को तब तक चारधाम व कांवड़ यात्रा को लेकर अपनी ओर से तैयारियों को पूरा करने को कहा गया, ताकि पक्ष में निर्णय आने की स्थिति में चारधाम व कांवड़ यात्रा समय से शुरू की जा सके। वहीं, चारधाम यात्रा को लेकर बैठक में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। ऐसे में अधिकारियों से इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुरजोर पैरवी करने को कहा गया।
बैठक में मुख्य सचिव एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वद्र्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव नितेश झा, अमित नेगी, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन व जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
केदारनाथ में पुननिर्माण और बदरीनाथ धाम के कार्यों की समीक्षा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों एवं श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शीघ्र ही केदारनाथ का भ्रमण कर निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के अनुसार किये जाने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों में तेजी लायी जाय।
उन्होंने निर्देश दिये कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार किया जाना सुनिश्चित किया जाय। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ की तरह बदरीनाथ मन्दिर परिसर के सौन्द्रयीकरण रीवर फ्रन्ट डेवलपमेंट, लेक फ्रन्ट डेवलपमेंट, एरावल प्लाजा आदि कार्यो की डीपीआर तैयार करने में भी शीघ्रता करने को कहा। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिये लो.नि.वि. का डेडिकेटेड डिविजन बनाये जाने के निर्देश दिये।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिये 170 करोड़ की धनराशि उपलब्ध है। जिसके अन्तर्गत 5 निर्माण कार्य प्रगति पर है। कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल रूम, क्यू मैनेजमेंट सिस्टम सेल्टर निर्माण, हास्पिटल विल्डिंग, संगम घाट पुनर्निर्माण, शंकराचार्य समाधि का कार्य प्रगति पर है।
उन्होने बताया कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण के द्वितीय चरण के कार्य भी शीघ्र शुरू किये जायेंगे। सचिव पर्यटन ने बताया कि बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान फाइनल हो गया है। इसके तहत किये जाने वाले कार्यो के लिये 250 करोड़ की फंडिंग की व्यवस्था है। इसके तहत किये जाने वाले कार्यो की डीपीआर तैयार की जा रही है। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन आदि उपस्थित थे।
कोविड से बचाव की समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में कोविड से बचाव के लिये की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की।उन्होंने निर्देश दिये कि कोविड से बचाव में टीकाकरण जरूरी है, इसके साथ ही टेस्टिंग पर भी ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त वेक्सीन की व्यवस्था के लिये वे केन्द्र सरकार से अनुरोध करेंगे।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला अस्पतालों, सीएससी, पीएससी में पर्याप्त संख्या में आक्सीजन, आईसीयू,वेंटिलेटर तथा बच्चों के अलग से वार्ड बनाये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक व्यवस्थायें जुलाई अन्त तक सुनिश्चित करली जाय। मुख्यमंत्री ने पीएम केयर फंड के साथ ही सीएसआर के तहत उपलब्ध कराये गये उपकरणों के रखरखाव पर भी ध्यान देने को कहा।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कोविड से बचाव के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं के विकासपर ध्यान दिया गया है। राज्य में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता है। वेक्सिनेशन में राज्य का देश में 5वां स्थान है। उन्होंने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से इस सम्बन्ध में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डाक्टरों के साथ ही पेरा मेडिकल स्टाफ को इससे बचाव के लिये प्रशिक्षित किया गया है। उन्होने बताया कि प्रदेश में कोरोना के प्रसार में काफी कमी आयी है। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डे आदि उपस्थित थे।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।