ग्राफिक एरा के एएफडीपी में बताए गए सेंसर डिजाइनिंग के गुर
देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड युनिवर्सिटी में एआइसीटीइ अटल एकेडमी फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के पहले दिन आज विशेषज्ञों ने सेंसर डिजाइनिंग और आइओटी के माध्यम से सेंसर के विभिन्न उपयोगों के बारे में जानकारी दी।
देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड युनिवर्सिटी में एआइसीटीइ अटल एकेडमी फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के पहले दिन आज विशेषज्ञों ने सेंसर डिजाइनिंग और आइओटी के माध्यम से सेंसर के विभिन्न उपयोगों के बारे में जानकारी दी।सेंसर फैब्रिकेशन एंड इट्स एप्लिकेशन इन आइओटी विषय पर आयोजित इस पांच दिवसीय एफडीपी के पहले दिन डीआरडीओ के डायरेक्टर ग्रेड साइंसटिस्ट प्रो. वीके जैन ने प्रतिभागियों को माइक्रो इलैक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम और नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग से सेंसर डिजाइन की तकनीक के बारे में बताया। प्रो. जैन ने बताया कि इण्टनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग से सेंसर द्वारा एकत्रित डाटा को हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, सिविल इंजीनियरिंग, डिफेंस और कई और क्षेत्रों में नई तकनीकें विकसित करने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज घर में लगे एलपीजी सेंसर गैस लीकेज की सूचना
तुरंत आपको आपके मोबाईल पर दे सकते हैं। उन्होंने इन्फ्रा रेड सेंसर, गैस सेंसर, बायोफ्यूल सेंसर और हेल्थकेयर इन्डस्ट्री में इस्तेमाल किए जाने वाले वियरेबल सेंसर के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के दौरान डिपार्टमेण्ट आफ इलैक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के गौरव वर्मा ने सेंसर का डाटा इंटरनेट क्लाउड पर भेजने की प्रक्रिया के बारे में बताया। आर्ट आफ लिविंग के वरूण उपाघ्याय ने स्वास्थ्य और खुशी विषय पर सेशन दिया। एआईसीटीइ ट्रेनिंग एण्ड लर्निंग (अटल) एकेडमी के सौजन्य से आयोजित इस एफडीपी में ग्राफिक एरा डीम्ड युनिवर्सिटी के प्रो वाईस चांसलर प्रो. एचएन नागाराजा, डिपार्टमेण्ट आफ इलैक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. इरफान उल हसन और डा. वारिज पंवार भी उपस्थित रहे।





