वह डॉक्टर नहीं हैं, लेकिन उनके पास दूर दराज से मिलने आते हैं मरीज, सेवा का दूसरा नाम है मोहन खत्री
देहरादून के दून अस्पताल या फिर कोरोनेशन अस्पताल में दूर दराज से आने वाले मरीज जब किसी बात के लिए परेशान होते हैं तो वे एक ऐसे सख्श तो तलाशते हैं जो उनकी मदद कर दे। यदि उक्त सख्श मिल जाए तो मरीज का काम तो मानो हो ही गया। वह मरीज को चिकित्सक से मिलवाते हैं। उसकी दवा दिलाने में मदद करते हैं। तभी तो उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों से देहरादून इलाज को आने वाले लोग चिकित्सक को मिलने से पहले इस सख्श से मुलाकात करना बेहतर समझते हैं। इस सख्श का नाम है मोहन खत्री।
मोहन खत्री राज्य आंदोलनकारी हैं। राज्य आंदोलन के दौरान वे जेल भी गए। सजा भी काटी। वह कांग्रेस में हैं, लेकिन सेवा कार्य या तो व्यक्तिगत रूप से करते हैं। या फिर रेडक्रास सोसाइटी के माध्यम से वह लोगों की सेवा करते हैं। अक्सर वह दून और कोरोनेशन अस्पताल जरूर जाते हैं। ये उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। वहां मरीजों और उनके तीमारदारों की मदद के लिए वे सदैव तत्पर रहते हैं। दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीज पहले उनसे जरूर मिलते हैं। ऐसे गरीब लोगों की वह हर संभव मदद करते हैं। इन दिनों कोरोनाकाल में वह कुछ स्वयंसेवी युवाओं के साथ मिलकर मरीजों और तीमारदारों को पका भोजन तक पहुंचा रहे हैं। यही नहीं, लोग भोजन में ये डिमांड भी करते हैं कि कल लंच और डिनर में क्या पकाना है।
देहरादून में रेडक्रॉस सोसाइटी की और से शहीद चौक डाकरा गढ़ी केंट में कोरोना की रोकथाम के लिए मोहन खत्री ने लोगो के लिए गत दिवस कैंप लगाकर निःशुल्क दवाई बांटी। भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के जिला सदस्य मोहन खत्री ने बताया कि वह खुद कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। बड़ी मुश्किल और चिकित्सकों की मेहनत के बाद इस बीमारी से उबर पाए हैं। वह जानते हैं कि एक कोरोना के मरीज को किन किन परिस्थियों से गुजरना पड़ता है।
कोरोना ने जिस प्रकार पूरे देश प्रदेश में प्रकोप मचाया हुआ है, उससे सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को जागरूक करने के साथ ही आवश्यक दवा का वितरण भी जरूरी है। इसी के तहत कैंप में 550 लोगो को दवाई बांटी गई। बताया कि रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से निःशुल्क दवाई वितरण का कार्य प्रदेश में जगह जगह किया जा रहा है। इसमें लोगों को कोरोना के प्रति जागरूरक भी किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से गांधी शताब्दी के चिकित्सक डॉ. सोहन सिंह बुटोला, संयोजक विकास राज थापा, पंकज क्षेत्री, प्रणव सिंह, ममता खत्री, संजीव वर्मा, अंकित थापा, राहुल भंडारी, रिंकू थापा, सागर गुप्ता, आदित्य वर्मा, इंदु देवी, पुष्पा थापा आदि ने सहयोग दिया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
मोहनलाल खत्री जी को नमन