Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 15, 2025

पत्नी की हुई मौत, अस्पताल में भर्ती बीमार पूर्व विधायक को नहीं बताया, कुछ घंटों बाद पति ने भी तोड़ा दम

फतेहपुर में बिंदकी क्षेत्र से दो विधायक रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा ने पत्नी के निधन के कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया।


विधि का विधान ऐसा है कि किसी को ये पता नहीं होता कि अब उसकी मौत आ जाए। कोरोनाकाल के दौरान वैसे ही समय से पहले लोगों की मौत हो रही है। वहीं, परिवार के कई लोगों की एकसाथ मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं। फतेहपुर में बिंदकी क्षेत्र से दो विधायक रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा ने पत्नी के निधन के कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया।
उत्तर प्रदेश में पहले सोमवार की सुबह पूर्व विधायक की पत्नी ने दुनिया छोड़ दी। वहीं, सोमवार की रात फतेहपुर में बिंदकी क्षेत्र से दो विधायक रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा का निधन प्रयागराज के निजी अस्पताल में हो गया। वह बसपा के सक्रिय नेता थे और बिंदकी क्षेत्र से दो बार लगातार विधायक भी रहे थे। बसपा के टिकट पर उन्होंने लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था।
लंबे समय से कानपुर नगर के शिव कटरा मोहल्ले में रह रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा की पत्नी का हार्ट अटैक से सोमवार को निधन हो गया था। वहीं, करीब 22 दिन पहले अचानक कमजोरी महसूस होने पर पूर्व विधायक को परिजन प्रयागराज के निजी अस्पताल ले गए थे, जहां उन्हें भर्ती कराया गया था। उपचार के चलते उन्हें पत्नी के निधन की खबर नहीं दी गई थी।
दामाद फूलपुर विधायक प्रवीण पटेल के साथ आई बेटी सोनाली उर्फ गोल्डी ने मां की चिता को मुखाग्नि दी थी। देर रात अस्पताल में भर्ती सुखदेव प्रसाद की भी हालत बिगड़ गई और उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर से फतेहपुर और बिंदकी क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। लोग संत्वाना देने के लिए गांव पहुंचने लगे।
राजनीतिक सफर
मूलरूप से बिंदकी तहसील के सिकट्ठनपुर गांव के रहने वाले सुखदेव प्रसाद वर्मा ने 20वीं सदी के नौंवे दशक में निर्विरोध ग्राम प्रधान बनकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इसके बाद दुग्ध संचालक बने और वर्ष 2002 में वह पहली बार बिंदकी विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे। पहली बार उन्हें असफलता मिली और वह चुनाव हार गए। इसके बाद 2007 में बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के विश्वासपात्रों में उनकी गिनती होती थी। दोबारा 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने उम्मीदवार घोषित किया और फिर वह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद बसपा की टिकट पर 2017 का चुनाव वह हार गए। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में भी वह बसपा की टिकट पर मैदान में उतरे, लेकिन पराजित हुए।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page