सरकार आपके बगल वाले का ही मास्क गायब, दरबार में ऐसे हालत रहे तो कैसे कंट्रोल होगा कोरोना
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एक तरफ केंद्र सरकार अब बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच अब घर में भी परिवार के सदस्यों के बीच मास्क लगाने की सलाह दे रही है। वहीं, हमारी सरकार इसके प्रति गंभीर नजर नहीं आ रही है। सीएम के साथ बैठक में ही एक व्यक्ति मास्क को मुंह से नीचे लटकाए हुए है। ऐसे में किसके माथे में लिखा है कि वह कोरोना संक्रमित नहीं हो सकता। ऐसे में सरकार की ओर से दिए गए उपदेश को कौन ग्रहण करेगा। जब तक वह अपने आसपास उपस्थित लोगों से ही कोरोना नियमों का पालन न करा सकें।
मंगलवार 27 अप्रैल को उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने ट्विटर पर कुछ फोटो डाली। साथ ही उन्होंने ट्विट के जरिये बताया कि- आज सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। यहां इंडस्ट्रियल एरिया में ऑक्सीजन उत्पादन में आ रही दिक्कतों के समाधान का भरोसा दिया। संकट की इस घड़ी में सबकी जिम्मेदारी है कि वे अपनी जिम्मेदारियों का पूरी गंभीरता के साथ निर्वहन करें।
उन्होंने आगे लिखा कि- इस मौके पर ऑक्सीजन कंपनी में काम कर रहे मजदूरों का भी उनके सहयोग के लिए उत्साहवर्धन किया। सेलाकुई में प्रस्तावित कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया और व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए।
इस संबंध में जो फोटो लगाई गई। इसमें एक फोटो ही कुछ चिंताजनक है। एक कमरे में बैठे सीएम, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के साथ ही एक व्यक्ति ने मास्क तक नहीं लगाया हुआ है। वहीं, उक्त व्यक्ति के निकट ही एक व्यक्ति खड़ा है। फोटो में अन्य लोगों के मास्क सही तरीके से लगे नजर आ रहे हैं। साथ ही निरीक्षण के दौरान हुए फोटो सेशन में भी सभी श्रमिकों ने मास्क पहने हुए हैं। अब मास्क हटाने वाले व्यक्ति को भी समझा दिया जाता कि मास्क सही तरीके से कैसे लगाया जाता है। खुद सभी आत्मचिंतन करें और अपने से ही सवाल पूछें कि क्या ये सही है।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे हैं एक्टिव केस
उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। सोमवार 26 अप्रैल की शाम को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 5058 नए संक्रमित मिले। वहीं, 24 घंटे के भीतर 67 लोगों की मौत हुई और 1601 लोग स्वस्थ हुए। वर्तमान में एक्टिव केस 39031 हो गए हैं। वहीं रविवार को 4368 नए केस दर्ज किए गए थे और 44 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई थी। इससे पहले शनिवार 24 अप्रैल को अब तक के सर्वाधिक 5084 नए संक्रमित मिले थे और 81 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी।
सर्वाधिक संक्रमित देहरादून में, हरिद्वार दूसरे नंबर पर
24 घंटे के बीतर सर्वाधिक संक्रमित देहरादून जिले में मिले। वहीं, हरिद्वार दूसरे नंबर पर है। देहरादून में 2034, हरिद्वार में 1002, नैनीताल में 767, पौड़ी में 323, उधमसिंह नगर में 283, अल्मोड़ा में 135, चंपावत में 104 संक्रमित मिले। प्रदेश में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 156859 हो गई है। इनमें से 112265 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 2213 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। टीकारण अभियान के तहत सोमवार को 662 केंद्र में 42614 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए।
63 स्थानों पर कंटेनमेंट जोन
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 163 स्थानों पर कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। यहां लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे स्थानों में सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। वहीं, लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। एक परिवार के एक सदस्य को आवश्यक वस्तु के लिए मोबाइल वेन तक जाने की अनुमति है।
कई शहरों में एक सप्ताह का कर्फ्यू
देहरादून में देहरादून और ऋषिकेश, नैनीताल में हल्द्वानी, रामनगर और लालकुआं, पौड़ी में कोटद्वार, स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला, टिहरी के कई कस्बों, उधमसिंह नगर आदि में गत रात से तीन मई की सुबह तक के लिए कोविड कर्फ्यू लागू है। यहां आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। अन्य स्थानों पर हर शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू है।
आनलाइन ही बेहतर विकल्प
चाहे सरकार के मंत्री हों या फिर अधिकारी। अभी भी वे दरबार सजाने में गुरहेज नहीं कर रहे हैं। प्रेस वार्ता के नाम पर या फिर अधिकारियों को निर्देश देने के नाम पर। या फिर निरीक्षण के नाम पर दो से ज्यादा लोग एक स्थान पर जमा हो रहे हैं। उत्तराखंड में भी ये बात अभी तक न तो नेताओं को समझ आ रही है और न ही अधिकारियों को। अब वक्त आ गया है कि सभी पहले कोरोना से खुद को बचाएं। साथ ही जो पूर्व में संक्रमित हो चुके हैं, वे तो और अधिक सतर्क रहें। क्योंकि उनके शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता तो बनी, लेकिन कोरोना का खात्मा नहीं हुआ। यदि उनके शरीर में कोरोना जिंदा है तो वे और अधिक लोगों को संक्रमित करेंगे।
सीएम राहत कोष से की धनराशि स्वीकृत
कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि स्वीकृत की है। राजकीय मेडिकल काॅलेजों के चिकित्सालयों की क्षमता में वृद्धि और सुदृढ़ीकरण से संबंधित कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है।
कोविड महामारी में राज्य में मास्क न पहनने वालों से जुर्माना वसूली के बाद उन्हें चार मास्क निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गई है। यह राशि पुलिस महानिदेशक के निवर्तन पर रखी गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए फ्रंटलाईन कोरोना योद्धाओं, आवश्यक सेवाओं में कार्य कर रहे व्यक्तियों, जनसामान्य को प्रिवेंशन के रूप में Arsenicum album तथा लक्षणों के आधार पर अन्य आवश्यक औषधियों और सुरक्षा संबंधी सामग्री वितरित किए जाने के लिए हौम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं को मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 करोड़ 18 लाख 80 हजार रूपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।
आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित किए जाने के लिए आयुष रक्षा किट क्रय किए जाने, राज्य व जिला स्तर पर आयुष डेस्क की स्थापना किए जाने, कोविड सुरक्षा सामग्री क्रय किए जाने के साथ ही जिला मुख्यालयों में आयुष रथ का संचालन किए जाने के लिए 4 करोड़ 64 लाख 23 हजार 500 रूपए की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत की गई है।
कोविड के संक्रमण से बचाव व राहत से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए जिलाधिकारी बागेश्वर और जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को 2-2 करोड़ रूपए जबकि जिलाधिकारी चमोली व जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर को 1-1 करोड़ रूपए उनकी मांग के अनुरूप मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किए गए हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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