उपनल कर्मियों ने दिन में किया सीएम आवास कूच, रात को धरना स्थगित

समान कार्य के लिए समान वेतन और नियमितिकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मियों ने शनिवार 17 अप्रैल की दोपहर सीएम आवास कूच किया। हाथीबड़कला पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कर्मियों ने दून मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय की ओर से जारी किए गए अल्टीमेटम पर कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं, रात दो कैबिनेट मंत्रियों ने धरनास्थल पहुंचकर उन्हें आश्वासन दिया और धरना समाप्त करा दिया।
परेड मैदान से निकाली गई रैली में कांग्रेस, आप के नेताओं ने भी पहुंचकर समर्थन किया। साथ ही रैली में प्रतिभाग भी किया। समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 54 दिन से धरना जारी है। सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार के साथ ही अन्य जनपदों में भी धरना दिया जा रहा है। आज सभी कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया।
कर्मचारियों में रोष जताया कि दून मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय से एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कर्मचारियों को कहा गया है कि 17 अप्रैल तक ड्यूटी पर लौटें। वरना उन्हें निकाल दिया जाएगा। जबकि, मुख्यमंत्री और सैनिक कल्याण मंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। उसके बावजूद विभाग की ओर से ऐसी कार्रवाई संदेह होता है कि सरकार और शासन के बीच दोनों कोई तालमेल नहीं है।
उधर, तीरथ सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों डॉ हरक सिंह रावत और गणेश जोशी के हस्तक्षेप के बाद उपनल कर्मियों का 56 दिनों से चला आ रहा धरना देर रात स्थगित हो गया। मंत्रियों ने उपनल कर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी व वन मंत्री हरक सिंह रावत रात 8:30 बजे सहस्त्रधारा रोड स्थित धरनास्थल पर पहुंचें। उन्होंने धरने पर बैठे उपनल कर्मचारियों को संबोधित किया। उनके आश्वासन पर आंदोलन कर्मियों ने धरना स्थगित करने की घोषणा की।
उपनल कर्मचारियों के मुख्यमंत्री कूच में शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना
उपनल कर्मियों की मांगों को मुखरता से लगातार उठाते आ रहे प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी परेड ग्राउंड पहुंचे और उन्होंने वहां आंदोलकारी उपनल कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही उपनल कर्मचारियों की जायज मांगों का समर्थन करती आई है और पार्टी की ओर से उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उपनल कर्मियों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि तत्काल सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले कर कर्मचारियों को राहत देने वाला निर्णय ले व हड़ताल खत्म करवाये। श्री धस्माना उपनल कर्मचारियों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच में शामिल हुए व उनके साथ कैंट रोड में बैरिकेडिंग तक गए व काफी देर तक उनके प्रदर्शन में शामिल रहे। धस्माना के साथ कांग्रेस नेता श्री महेश जोशी ,सुमित खन्ना,अभिषेक तिवारी व अन्य कार्यकर्ता भी कूच में शामिल रहे।
उपनलकर्मियों की मांगों का संज्ञान लें मुख्यमंत्रीः दिनेश मोहनिया
उपनलकर्मियों की इस रैली में उनको समर्थन देने आप के नेता भी पहुंचे, जिसमें आप उपाध्यक्ष विशाल चौधरी, वरिष्ट नेता रविंद्र जुगरान, आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया, नवीन पीरशाली, समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
आप प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि उपनलकर्मी करीब दो महीनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जिनकी मांगों को जायज मानते हुए आप पार्टी ने उनको अपना समर्थन दिया है। इस दौरान कई आप पार्टी पदाधिकारी इस कूच में शामिल हुए। आप प्रभारी ने कहा कि आप पार्टी शुरू से ही उपनलकर्मियों की मांगों को जायज बताते हुए उनके साथ खडी है। सरकार ने अभी तक उपनलकर्मियों की मांगों को नहीं माना है जिससे उपनलकर्मियों में काफी नाराजगी है । आप प्रभारी ने कहा कि प्रदेश के लगभग 22000 उपनलकर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदेालनरत हैं ,लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है ,जिससे इन सभी के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रावत जी उपनलकर्मियों की मांगों का संज्ञान जल्द से जल्द लें। जल्द ही इस मामले का निस्तारण करें। उन्होंने ये भी बताया कि, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं आप पार्टी का पूर्ण समर्थन उपनलकर्मियों के साथ रहेगा।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
उसने कर्मचारियों के साथ सरकार मजाक कर रही है