विधायक सीएम मिलने गए या सीएम ने विधायक से की मुलाकात, दोनों बात में है फर्क, पहले भी मिलते रहे विधायक

विपक्षी विधायक समस्याओं को लेकर सीएम से मिले, तो ये आम बात है। इसमें नया कुछ नहीं और पहले से भी ऐसा होता रहा है। यदि मुख्यमंत्री विपक्ष के विधायक से मिलने गए और समस्या पूछी तो ये बड़ी खबर है। नई परंपरा की शुरुआत है। पर यहां तो विधायक ने सीएम से मुलाकात की और प्रचारित ऐसा किया जा रहा है कि जैसे कुछ नया हो गया। फिर समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टल के तो क्या कहने। हैडिंग बनती है कि सीएम से दिखाई दरियादिली। विपक्षी विधायक से की मुलाकात। जानी समस्याएं।
बात हो रही है सबसे ज्यादा राजनीतिक उठापटक वाले राज्य उत्तराखंड की। यहां सबसे बड़ी खासियत ये है कि मुख्यमंत्रियों को विपक्ष से ज्यादा अपनी ही पार्टी के लोगों से डर रहता है। तभी तो यहां बार बार मुख्यमंत्री बदले जाते रहे। चाहे कांग्रेस हो या फिर भाजपा। दोनों में इसे लेकर कोई खास अंतर नहीं है। इसके बावजूद सामाजिक जीवन में लोग एक दूसरे के दुख सुख में शामिल होते हैं। एक दूसरे का हाल जानने अस्पताल तक जाते हैं। ऐसे कई बार हो चुका है। अब हम बता रहे हैं कि कांग्रेस विधायक सीएम से मिले या सीएम विधायक से मिले।
धामी ने मांगा समय और की सीएम से मुलाकात
पिथौरागढ़ जिले में धारचूला विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हरीश धामी से जब फोन से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात का समय मांगा था। जैसा ही पहले भी होता रहा। कल आठ अप्रैल को जब उन्हें समय मिला तो वह सीएम से मिले और उन्हें बिंदुवार समस्या गिनाई। उन्होंने बताया कि समस्याएं सुनकर सीएम तीरथ सिंह रावत ने उन्हें समाधान का आश्वासन भी दिया।
धामी ने पिथौरागढ़ में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास में 2013 के बजाय 2011 के मानकों को अपनाने पर आपत्ति की। मुख्यमंत्री ने इस पर जांच का आश्वासन दिया। धामी ने बताया कि उन्होंने 2016 में उनके विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत सड़कों का निर्माण अब तक नहीं होने की बात उठाई। साथ ही पिथौरागढ़ में छह साल से तैनात एक प्रभागीय वनाधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाया है।
मुलाकात के बाद ये किया जा रहा है प्रचार
विधायक धामी की सीएम से मुलाकात के बाद अब प्रचार इस तरह से किया जा रहा है। सीएम के प्रचार तंत्र ने जो विज्ञप्ति जारी की, उसमें ऐसा लग रहा है कि सीएम ने धामी से मुलाकात की। यानी कि समस्याएं सुनने के लिए सीएम ने धामी को बुलाया। इसकी बाकायदा फोटो भी जारी की गई। इसमें धामी खड़े हैं और सीएम कुर्सी पर बैठे हैं। धामी के हाथ में ज्ञापन है। एक ज्ञापन सीएम पढ़ रहे हैं।
अब कुछ इस तरह की न्यूज सारे मीडिया में कल छायी रही
उत्तराखंड हित में नए और अहम फैसले लेने में देरी नहीं कर रहे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अब विपक्षी विधायकों के प्रति दरियादिली भी दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री की इस पहल से कांग्रेस विधायक हरीश धामी भी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है। कांग्रेस विधायक भाजपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में विपक्ष की उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री एक माह से कम कार्यकाल में तीरथ सिंह रावत ने इस धारणा को तोड़ने की पहल की है।
गुरुवार को उन्होंने धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी से मुलाकात की। यही नहीं, उन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए विपक्षी विधायक से विकास कार्यों का फीडबैक भी लिया। बताया जा रहा है कि विपक्ष के विधायकों से मिलने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में विपक्ष के अन्य विधायकों से उनके गृह क्षेत्रों के फीडबैक लेंगे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने उत्तराखंड में विपक्षी विधायकों से मिलने की परंपरा शुरू की थी। तीरथ सिंह रावत के इस सकारात्मक रवैये से सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष के विधायकों की उम्मीदों भी बढ़ गई हैं।
अब जानिए हकीकत
प्रचार तंत्र ने तो यहां तक दावा कर दिया कि पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ने उत्तराखंड में विपक्षी विधायकों से मिलने की परंपरा शुरू की थी। अब तीरथ सिंह रावत ऐसा सकारात्मक रवैया अपना रहे हैं। वहीं, हकीकत ये है कि पूर्व में भी कांग्रेसी विधायक सीएम से मिलते रहे हैं।
पूर्व में भी सीएम से मिले विधायक
11 सितंबर 18 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात कर उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करवाया था। प्रीतम ने सड़क, बिजली और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी थी। उस दौरान उनके साथ देहरादून महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष लाल चन्द शर्मा भी साथ थे। प्रीतम सिंह का उदाहरण यहां इसलिए दिया गया कि वह भी धामी की तरह अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर सीएम से मिले थे। कांग्रेस नेता को यहां तक बताते हैं कि एक बार नहीं कई बार विधायक सीएम से मिलते। ऐसी मुलाकात सामान्य बात हैं। यही नहीं, 12 फरवरी 2021 को चमोली आपदा को लेकर हरीश रावत ने तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र से मुलाकात की। तब उनके साथ कई कांग्रेस नेता और विधायक भी थे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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