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July 10, 2025

उत्तराखंड के सीएम तीरथ का दावाः कुंभ की सभी व्यवस्थाएं पुख्ता, केंद्र की गाइडलाइन का पूरा पालन

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि दिव्य, सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित कुम्भ का आयोजन कराने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। भारत सरकार की गाईडलाईन का पूरा पालन किया जाएगा। साथ ही इस बात की भी पूरी कोशिश की जा रही है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गैरजरूरी रोकटोक का सामना न करना पड़ा। साधु संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चाकचौबंद की गई है। बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से संत महात्मा और श्रद्धालु उत्साहित हैं। पिछले स्नान में पहली बार हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
केंद्र से मिला पूरा सहयोग
कुम्भ मेले के तहत कराए गए विभिन्न कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के साथ ही भारत सरकार से कुम्भ मेला के लिए 700 करोड़ रूपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। नमामि गंगे द्वारा सफाई व्यवस्था (शौचालय तथा डस्टबिन) के दृष्टिगत रू 58 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गयी, जिसके अन्तर्गत 11800 अस्थाई शौचालय एवं 6674 अस्थाई मूत्रालयों की स्थापना की गयी है। नमामि गंगे द्वारा सुन्दर कुम्भ मेला की दृष्टि से 01 करोड़ की धनराशि पेन्ट माई सिटी कैम्पेन के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गयी। नमामि गंगे द्वारा 78 चेजिंग रूम हेतु रू0 50 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गयी।
ये हुए कार्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्थाई रूप से 09 स्नान घाटों एवं आस्था पथ हरिद्वार व मुनिकीरेती लागत रु0 4964.65 लाख का निर्माण कराया गया। घाटों की कुल लम्बाई 1133 मीटर है। आस्था पथ की लम्बाई 2405 मीटर है। आस्थापथ ऋषिकेश का पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा कार्य-लागत रू० 1157.65 लाख का कार्य कराया गया है। जिसकी कुल लम्बाई 2.08 कि०मी० है। स्थाई रूप से कुल 157.65 कि0मी0 सड़कों लागत रू0 12751.26 लाख का निर्माण कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थाई रूप से 08 स्थाई सेतुओं लागत रू0 6398.50 लाख का निर्माण कराया गया है, जिनकी कुल लम्बाई 541 मीटर है। पेयजल व्यवस्था के लिए 04 आई वैल, 01 आर०बी०एफ० तथा 04 ट्यूबवैल कुल लागत रू0 1216 लाख का निर्माण कराया गया, जिससे कुल 19.18 एम. एल.डी. अतिरिक्त पेयजल प्राप्त होगा। 8.5 किमी नई सीवर लाईन लागत रू0 487 लाख की बिछाई गयी, जिससे 2312 परिवार लाभान्वित हुये। 25 कि0मी0 भूमिगत केबल परियोजना लागत रू0 301 करोड़ का कार्य कराया गया जिससे 22500 उपभोगक्ता लाभान्वित हुयें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौन्दर्यीकरण के दृष्टि से 15 चैराहों लागत रू0 600 लाख तथा 123 पार्को लागत रू0 1100 लाख का सौन्दर्यीकरण कार्य कराया गया। सफाई व्यवस्था के दृष्टिगत लगभग 9000 स्वच्छकों की तैनाती मेलावधि में की जा रही है। हर की पैडी का जीर्णोद्धार एवं रोडी बेलवाला का स्थल विकास लागत रू0 34 करोड का कार्य कराया गया। मीडिया कर्मियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सैन्टर लागत रु0 257.51 लाख की स्थापना की गयी है।
कुम्भ में स्वास्थ्य सुविधाओं और क्राउड मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 150 बैड अस्पताल लागत रु 222.02 लाख की स्थापना की गयी है। उत्तर प्रदेश से डाक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। 463 बैड क्षमता के 39 अस्थाई चिकित्सालयों हेतु उपकरण, दवाईयां, मक्खी – मच्छर नियंत्रण एवं अस्थाई कार्मिकों, श्रमिकों की व्यवस्था हेतु लगभग रु0 7015.83 लाख की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राउड मैनेजमेंट पर भी खासतौर पर फोकस किया गया है। भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा हेतु पुलिस सर्विलांस सिस्टम लागत 17.34 करोड़ की स्थापना की गयी है। कुम्भ मेला अवधि हेतु लगभग लागत रु० 118.39 लाख से अस्थाई नेत्र कुम्भ की स्थापना की गयी है।
अधिकारियों को 75 दिन का वर्कप्लान बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृत महोत्सव का अयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य में लोकहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाये जाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों की जबावदेही तय की जायेगी। योजनाओं से जनता को अधिक से अधिक लाभान्वित किये जाने का प्रयास किया जायेगा।

अधिकारियों को साफ कर दिया गया है कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम समय में सरलता से पहुँचाना है। शासन स्तर से मुख्य सचिव द्वारा शासन के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, सचिव ( प्रभारी) एवं अपर सचिव स्तर तक के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप (जनहित से जुड़े प्रकरणों के सम्बन्ध में ) 75 दिन की कार्ययोजना बनाते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा सम्बन्धितों की जबावदेही तय की जायेगी।


समस्त विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ सक्षम अधिकारियों को योजना के क्रियान्वयन हेतु सम्बन्धित विभाग में जनहित से जुड़ी योजनाओं से सम्बन्धित 75 दिन की कार्ययोजना तैयार करते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभाग से जुड़ी जनकल्याणकारी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जबावदेह होगा।
मण्डलायुक्त अपने-अपने मण्डल के अन्तर्गत जिलाधिकारियों को उनके मूल दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना का निरूपण करने हेतु 75 दिन की कार्ययोजना तैयार करते हुए इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों की जबावदेही तय होगी।
राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये जाने एवं आम जनता की सुरक्षा हेतु पुलिस महानिदेशक द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, अपर पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को उनके दायित्वों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार करते हुए योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे तथा इसके लिए पुलिस महानिदेशक की जबावदेही होगी।
समस्त अधिकारियों का वर्क प्लान 75 घण्टे के भीतर मुख्यमंत्री सचिवालय प्रेषित किया जायेगा। प्रत्येक 30 दिनों के बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व अन्य विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ अधिकारियों के वर्क प्लान क्रियान्वयन का अनुश्रवण करेंगे।
कार्ययोजना में सम्बन्धित विभाग की कम से कम 05 महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं को सम्मिलित किया जाना अनिवार्य होगा तथा इन योजनाओं के क्रियान्वयन को सरल, सुगम व पारदर्शी बनाये जाने हेतु विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। अधिकारियों को निर्देशों की अनुपालना और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वनाग्नि प्रबंधन के लिए की गईं व्यवस्थाएं
प्रदेश में वनाग्नि प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वन विभाग द्वारा जनपद स्तरीय फायर प्लान तैयार कर लिया गया है। उसी के अनुरूप फायर लाईनो का अनुश्रवण, फायर क्रू स्टेशनों की स्थापना आदि काम किए गए हैं। लगभग 2000 फोरेस्ट फायर किट का क्रय, और फोरेस्ट फायर कंट्रोल रूम की स्थापना के लिए 180 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि विभिन्न वन प्रभागों को अवमुक्त कराई गई है। वनाग्नि सुरक्षा कार्य के लिए उपलब्धतानुसार फायर क्रू स्टेशनों पर 4 से 6 फायर वाचर रखे जाएंगे। जंगल से पिरूल संग्रहण के लिए सभी डीएफओ को निर्देशित किया गया है।
प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जाए
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये जाय।
स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों के लिए शीघ्र अधियाचन भेजे जाय। जिन पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है, उनमें तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने 75 दिनों के अंतर्गत चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा के सभी संवर्गों की सेवा नियमावली बनाने तथा रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। न्याय पंचायत स्तर तक एएनएम की व्यवस्था की जाय एवं उन्हें आवश्यक दवाइयों का किट भी उपलब्ध कराया जाय।
मातृ मुत्यु दर एवं शिशु मृत्युदर में और कमी लाने के प्रयास किये जाय। राज्य के जिन जनपदों में बाल लिंगानुपात में पिछले कुछ सालों में कमी आई है, ऐसे जनपदों में बाल लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाय। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए ऐसे क्षेत्रों में चिकित्सकों की नियुक्ति की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि सीएचसी, पीएचसी तक दवाइयों का पर्याप्त उपलब्धता हो।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जिला अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाय। प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आगामी 100 दिनों के अन्दर टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जाय। मेडिकल काॅलेज में जल्द भर्तियां की जाय। कोविड टीकाकरण में और तेजी लाई जाय। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रा मार्गों पर 108 एम्बुलेंस सेवा की पर्याप्त व्यवस्थाएं की जाय। जिन परिवारों के अभी तक आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं, उनके भी जल्द कार्ड बनाये जाय।
जिला अस्पतालों में सुपर स्पेशिलिस्ट/स्पेशिलिस्ट डाॅक्टरर्स की नियुक्ति की जाय। सभी को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिले इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाय। डेंगू, मलेरिया तथा अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए वर्षाकाल से पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाय।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की कार्य प्रगति की विस्तार से जानकारी ली। बैठक में जानकारी दी गई की अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत अभी तक 43 लाख 16 हजार गोल्डन कार्ड जारी किये जा चुके हैं। 02 लाख 55 हजार से अधिक लोगों ने अभी तक इस योजना का लाभ लिया है। अस्पतालों का भुगतान एक सप्ताह के अन्दर किया जा रहा है।
बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव डा. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणेन्द्र सिंह चौहान, स्वास्थ्य निदेशक डा. एसके गुप्ता, एनएचएम निदेशक डा. सरोज नैथानी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

रात्रि चौपाल में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से सुनी आमजन की समस्या
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट, दुगड्डा में आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल तरीके से प्रतिभाग किया। चौपाल में आई 21 समस्याओं से 17 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता की समस्याओं को दिन रात एक करके समाधान करना है। सभी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और अन्य अधिकारी दुरस्थ क्षेत्र में रात्रि विश्राम कर चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करें। कोई भी समस्या समाधान हेतु 01 माह से उपर का समय नही लगना चाहिए। राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने के लिए अधिकारियों को 75 दिन का वर्क प्लान बनाने के निर्देश दिए गये हैं।


रात्रि चौपाल में ब्लॉक प्रमुख रूची कैन्तुरा की दुग्गड्डा में आ रही मोबाईल कनेक्टीविटी प्राब्लम की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह के अन्दर सर्वे कराकर उक्त समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिये। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मुख्यमंत्री को सब्जी उत्पादन एवं विक्रय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री तीरथ द्वारा उद्यान विभाग के अधिकारियों को कैम्प लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से रूबरू कराकर जनता में जागरूकता लाने के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार एवं स्वयं सहायता समूहों हेतु कई योजनायें चला रही है। बीज एवं कृषि यन्त्रों में सब्सीडी दी जा रही है, बिना ब्याज के ऋण मुहैया कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री तीरथ ने दुगड्डा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं सहित महिला चिकित्सक की कमी की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तुरन्त इस पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिये है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किये किये जाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों के लिए शीघ्र अधियाचन भेजे जाय।
मुख्यमंत्री तीरथ ने चौपाल में आई सभी समस्याओं को अधिकारियों से गंभीरता से लेने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को किसी भी कार्य हेतु सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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