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December 17, 2024

महाशिवरात्रि में इस बार है अति विशिष्ट संयोग, राशि के मुताबिक पूजन होगा परम फलदाई: आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल

इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 11 मार्च बृहस्पतिवार को रखा जाएगा। इस बार अति विशिष्ट संयोग बन रहा है। इससे विधान के अनुसार पूजन करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।


इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 11 मार्च बृहस्पतिवार को रखा जाएगा। इस बार अति विशिष्ट संयोग बन रहा है। इससे विधान के अनुसार पूजन करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। शिवयोग एवं गज केसरी ग्रह संयोग होने से इस बार का व्रत परम फलदाई हो रहा है।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के अनुसार 11 मार्च को दोपहर 2:38 तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो 12 मार्च को दोपहर 12: 23 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि का व्रत रात्रि व्यापिनी चतुर्दशी को लिया जाना ही शास्त्र सम्मत है। इसलिए 11 मार्च को प्रातः काल उठकर लकड़ी की चौकी में शिव पार्वती की मूर्ति स्थापित कर राशि के अनुसार शिवलिंग का पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

आचार्य के मुताबिक देव गुरु का वार बृहस्पति है। उस दिन संयोगवश शिवयोग है। साथ ही बृहस्पति की उपस्थिति मकर राशि में और चंद्रमा की उपस्थिति भी धनिष्ठा नक्षत्र एवं मकर राशि में है। इससे एक गज केसरी योग का निर्माण हो रहा है। जो अद्भुत माना जाता है मंत्र और यंत्र की सिद्धि के लिए बहुत बड़ा संयोग बन रहा है।
शिवरात्रि का पौराणिक महत्व
शिव पुराण के अनुसार इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। इसलिए इस रात्रि को वर्ष की चार विशेष रात्रि में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस रात्रि भर जागरण करने से सकल मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यद्यपि सभी राशियों के जातकों को बिल्वपत्र धतूरा भांग गंगा जल दूध तिल भगवान शिव का स्तवन और पूजन करना चाहिए। परंतु राशि अनुसार विशिष्ट पूजन से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
राशि अनुसार इस प्रकार करें पूजन
मेष राशि-लाल चंदन धतूरा और गंगाजल से
वृष राशि- सफेद चंदन दूध सफेद फूलों से।
मिथुन राशि- पीला चंदन गंगाजल बिल्वपत्र से।
कर्क राशि- सफेद चंदन दूध सफेद तिल गंगाजल से।
सिंह राशि- लाल चंदन काले तिल भांग के पत्तों से
कन्या राशि- सफेद फूल गंगाजल एवं तुलसी पत्र से।
तुला राशि- सफेद तिल सफेद फूल और कुमकुम से।
वृश्चिक राशि- लाल चंदन काले तिल गुड़हल के फूलों से।
धनु राशि- जौ तिल गंगाजल और दूध से।
मकर राशि- काले तिल लाल चंदन बिल्वपत्र से।
कुंभ राशि- काले तिल सफेद चंदन गंगाजल कुमकुम से।
मीन राशि- जौ तिल गंगाजल धतूरा के पुष्पों से।
आचार्य का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता संस्कृत।
निवास स्थान- धर्मपुर चौक के पास अजबपुर रोड पर मोथरोवाला टेंपो स्टैंड 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां 
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित वर्ष 2016 में। सटीक भविष्यवाणी पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने दी उत्तराखंड ज्योतिष रत्न की मानद उपाधि। त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ। ज्योतिष में इस वर्ष 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। वर्ष 2019 में अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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