कोरोना के टीके की भ्रांतियों को दूर करने को आगे आए चिकित्सक, आज लगे 2973 को टीके, मिले 82 नए संक्रमित
उत्तराखंड में कोरोना का टीकाकरण अभियान जोर पकड़ने लगा है। आज 2973 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। अब तक प्रदेश में कुल 28791 लोगों को टीके लग चुके हैं। वहीं, शनिवार को 82 नए संक्रमित मिले। 167 लोग स्वस्थ हुए। एक मरीज की कोरोना से मौत हुई। प्रदेश में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 96068 हो गई। इनमें से 91880 लोग स्वस्थ हुए। 1643 की कोरोना से मौत हुई। वर्तमान में कोरोना के एक्टिव केस 1202 रह गए हैं। आज भी पांच जनपदों में एक भी नया संक्रमित नहीं मिला। वहीं, देहरादून में सर्वाधिक 37 संक्रमित मिले। आज हिमालय अस्पताल में 25 वर्षीय महिला की कोरोना से मौत हुई।
चिकित्सक और नर्स आए आगे, लगवाए टीके
देहरादून जनपद में कोविड-19 टीकाकरण अभियान गति पकड़ चुका है। जनपद के सरकारी चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, केन्द्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ निजी कोविड चिकित्सालयों में हेल्थ केयर वर्करों का टीकाकरण किया जा रहा है। टीकाकरण के क्रम में जनपद के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने जिम्मेदारी के साथ आगे आकर कोविड का टीका लगवाया। इसके साथ ही अन्य हेल्थकेयर वर्कर को संदेश दिया है कि कोविड का टीका सुरक्षित है। टीकाकरण सुरक्षित और आवश्यक है। टीकाकरण से ही हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को निर्णायक बना सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी ने महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय में कोविड का टीका लगवाया। डॉ. डिमरी ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि कोरोना के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में हम अपने देश में विकसित किया गया टीका लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीका पूर्णतः सुरक्षित है। किसी भी टीके को लगाने के बाद सामान्य बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं, यह टीके का दुष्प्रभाव नहीं होता। कोविड का टीका लगाने के बाद भी बुखार आना सामान्य बात है। उन्होंने कहा कि टीका लगने के बाद भी मास्क का उपयोग करना, सामाजिक दूरी का पालन करना तथा नियमित रूप से हाथ धोना आवश्यक है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनएचएम देहरादून डॉ. एनके त्यागी ने भी कोविड का टीका लगवाया। उन्होंने कहा कि हम सबको टीकाकरण अभियान में बढ़चढ़ कर आगे आना होगा। टीका पूर्णतः सुरक्षित है। समस्त हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर ने कोरोना संक्रमण के दौर में असुरक्षित माहौल में अपना कार्य किया है। इसलिए सरकार ने उन्हें सबसे पहले इस टीके की सौगात दी है। सभी हेल्थ केयर वर्कर को आगे आकर टीका लगवाना चाहिए।
जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार पाण्डेय को भी कोविड का टीका लग चुका है। उन्होंने बताया कि उन्हें भी टीका लगने के बाद किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई है। सरला थपलियाल एएनएम गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय देहरादून में वैक्सीनेटर के पद पर तैनात हैं, जो हेल्थ केयर वर्कर को टीका लगा रहीं हैं और स्वयं भी टीका लगवा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि हेल्थ केयर वर्कर टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। अभी तक जितने वर्कर का टीकाकरण किया है उनमें से किसी को भी कोई दिक्कत नहीं हुई है। टीका लगने के बाद बुखार आना सामान्य प्रक्रिया है। टीका पूर्णतः सुरक्षित है।
गीता गांधी शताब्दी चिकित्सालय में टीकाकरण का कार्य कर रही हैं। उनका कहना है कि वे कोविड टीकाकरण को लेकर काफी उत्साहित हैं। वे अपना भी टीका लगवा चुकी हैं। टीका लगने से उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई है। प्रमोद नेगी, विकासनगर ब्लॉक में ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक पर कार्यरत हैं। कोविड वैक्सीन लगवा चुके हैं। अमित राणा, कालसी ब्लॉक में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत हैं, और काविड वैक्सीन लगवा चुके हैं।विमला, विकासनगर में आशा कार्यकत्री, संगीता, रायपुर ब्लॉक में आंगनवाड़ी कार्यकत्री, पूर्णिमारायपुर ब्लॉक में आंगनवाड़ी कार्यकत्री भी कोविड का टीका लगवा चुकी हैं।
उधर देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जनपद देहरादून में कोविड टीकाकरण से अभी तक कोई भी दुष्प्रभाव की घटना नहीं है। कोविड का टीका पूर्णतः सुरक्षित है, जिसे सभी आवश्यक प्रक्रियाओं और ट्रायल के बाद ही भारत सरकार द्वारा अनुमति दी गयी है। वैश्विक स्तपर पर भी कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है। अतः सभी से अपील है कि अपनी बारी आने पर कोविड का टीका अवश्य लगवाएं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।