रिलायंस फाउंडेशन के ईएसए डे पर शामिल हुईं ईशा अंबानी, 680 से अधिक बच्चों के चेहरों पर छाई मुस्कान
रिलायंस फाउंडेशन के एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स फॉर ऑल (ESA) डे के अवसर पर मुंबई के विभिन्न इलाकों से आए 680 से अधिक बच्चों ने हैम्लीज़ वंडरलैंड में खुशी और सीख से भरा दिन बिताया। इस खास आयोजन में बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धक अनुभव भी मिले। इन बच्चों में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और गैर-सरकारी संगठनों से जुड़े विद्यार्थी शामिल थे, जिन्हें रिलायंस फाउंडेशन की वर्षभर चलने वाली विभिन्न पहलों के माध्यम से सहयोग दिया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिलायंस फाउंडेशन की निदेशक ईशा अंबानी भी इस अवसर पर बच्चों के साथ मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि रिलायंस फाउंडेशन का मानना है कि जब बच्चों को आनंददायक अनुभव मिलते हैं, तो वे सपने देखते हैं। अपना चरित्र बनाते हैं और अपनी क्षमता को विकसित करते हैं। हमारा ESA कार्यक्रम इसी सोच के साथ खुशी बांटने का माध्यम है। पिछले 15 वर्षों से रिलायंस फाउंडेशन विविध पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए उत्सव आयोजित करता आ रहा है। इस वर्ष हैम्लीज़ वंडरलैंड में ‘लाइट एटेलियर’ का अनुभव बच्चों के लिए बेहद खास रहा। रोशनी और परछाइयों के साथ खेलते हुए बच्चों को सीखते देखना अद्भुत था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जियो वर्ल्ड गार्डन में आयोजित हैम्लीज़ वंडरलैंड कार्निवल में बच्चों ने डिनो वर्ल्ड, एलिवेटर टू द नॉर्थ पोल, जायंट फेरिस व्हील, कैरोसेल, बम्पर कार्स, वंडर बैलून और वंडर बोट सहित कई आकर्षक राइड्स और खेलों का आनंद लिया। इस वर्ष का नया आकर्षण ‘लाइट एटेलियर’रहा। इसे नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर ने कतर के दादू – द चिल्ड्रन्स म्यूज़ियम के सहयोग से प्रस्तुत किया। 4 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए तैयार यह प्रदर्शनी रोशनी, छाया और रंगों की दुनिया को खेल-खेल में समझने का अवसर देती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिलायंस फाउंडेशन का ESA कार्यक्रम बच्चों को समान अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम करता है, ताकि हर पृष्ठभूमि के बच्चे सीखने और आगे बढ़ने का अनुभव पा सकें। यह पहल रिलायंस के ‘वी केयर’ दर्शन पर आधारित है। दिसंबर में आयोजित यह विशेष कार्यक्रम बच्चों की कल्पनाशक्ति को नई उड़ान देने, उनके सपनों को प्रोत्साहित करने और खुशी व साझा करने की भावना को मनाने का अवसर बना।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



