सामाजिक संगठनों ने मोमबत्ती जलाकर सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का किया विरोध, कहा- हिमालय की आवाज़ दबाने का प्रयास

प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न संगठन आवाज उठा रहे हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में उत्तराखंड इंसानियत मंच, उत्तराखंड महिला मंच एवं अन्य संगठन से जुड़े लोगों ने गांधी पार्क के गेट के समक्ष मोमबत्ती जलाकर गिरफ्तारी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हम सोनम वांगचुक की अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि सरकार अब हिमालय की पीड़ा और पर्यावरण की सुरक्षा की आवाज़ों को कुचलना चाहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लद्दाख से उत्तराखंड तक पूरा हिमालय संकट में
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि लद्दाख से उत्तराखंड तक पूरा हिमालय संकट में है। क्लाउडबर्स्ट, भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप अवैज्ञानिक विकास योजनाओं का परिणाम हैं। वनों की कटाई, जलविद्युत परियोजनाओं और पर्यटन दबाव जीवन, संस्कृति और आजीविका को गंभीर खतरे में डाल रहे हैं। उत्तराखंड में एलिवेटेड रोड जैसी विनाशकारी योजनाएँ, बढ़ती बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और छात्रों-युवाओं के आंदोलनों का दमन जनता का भरोसा तोड़ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि गांधी पार्क में कैंटीन बनाने की योजना जैसी पर्यावरणहित विरोधी पहल लोकतंत्र और सार्वजनिक हित के खिलाफ़ हैं। जनता इसे सख्ती से खारिज करती है। सोनम वांगचुक ने सदा टिकाऊ और प्रकृति-सम्मत विकास की वकालत की है। उनकी गिरफ्तारी मात्र एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि हिमालयी जनमानस की आवाज़ को दबाने की साजिश है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
की गई ये मांग
1.वांगचुक की तत्काल व बिना शर्त रिहाई और उन पर लगे सभी निराधार आरोप हटाए जाएँ।
2.केंद्र और राज्य सरकार स्थानीय समुदायों के साथ सार्थक संवाद करें और समयबद्ध, पारदर्शी व टिकाऊ विकास योजना बनायें।
3.नीतियों में परिवर्तन, कॉरपोरेट हितों की बजाय जनता और पर्यावरण को प्राथमिकता दी जाए।
4.उत्तराखंड में युवाओं व छात्रों के आंदोलनों का सम्मान हो; रोजगार सृजन और भ्रष्टाचार पर प्रभावी कार्रवाई हो।
5.गांधी पार्क में कैंटीन बनाने की योजना रद्द की जाए तथा सार्वजनिक स्थानों की रक्षा और लोकतांत्रिक उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
6. हम सोनम वांगचुक के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करते हैं और सरकार से तत्काल उनकी रिहाई की माँग करते हैं। ताकि हिमालय और यहाँ के लोगों की रक्षा की जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
प्रदर्शन करने वालों में पूर्व आईएएस एसएस पांगती, वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, महिला मंच की संयोजक कमला पंत, इंसानियत मंच से हरि ओम पाली, गढ़वाल सभा से निर्मला बिष्ट, सीपीआई (एमएल) से इंद्रेश मैखुरी, पर्यावरणविद् जया सिंह, राहुल कोठियाल आदि शामिल रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।