गांधी पार्क में कंक्रीट से निर्माण का विरोध, समय देने के बाद ऐन वक्त पर मेयर हुए गायब, पर्यावरण प्रेमी हुए नाराज

देहरादून के गांधी पार्क में पैदल पथ से सटकर किए जा रहे कैंटीन के निर्माण का पर्यावरण प्रेमियों के साथ ही पार्क में भ्रमण करने वालों में विरोध बढ़ता जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों और विभिन्न संगठन से जुड़े लोगों ने इस मुद्दे पर बातचीत के लिए मेयर से समय मांगा था, लेकिन मुलाकात से पहले अचानक पता चला कि आज मेयर उपलब्ध नहीं हैं। इस पर पर्यावरण प्रेमी नाराज हो गए। उन्होंने नगदर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा और निर्माण कार्य का विरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बुधवार को गांधी पार्क में कैंटीन के निर्माण का कार्य देख पर्यारवण प्रेमियों ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि कैंटीन के निर्माण के लिए पेड़ भी काटे जाएंगे। इससे शहर के बीच के इस भाग में भी शुद्ध हवा मिलनी मुश्किल हो जाएगी। इसका असर हरी घास पर भी पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही उन्होंने कहा कि गांधी पार्क में वर्षो से स्वास्थ्य लाभ के लिए काफी लोग सुबह सैर के लिए जाते है। वे फूल पौधे के रूप में सौंदर्यकरण का स्वागत करते हैं, लेकिन कैंटीन के नाम पर कंक्रीट के निर्माण को सहन नहीं करेंगे। साथ ही उनका कहना है कि कैंटीन बनने से गांधी पार्क में नशाखोरी का अड्डा बन सकता है। पर्यावरण प्रेमियों ने देहरादून के मेयर से मुलाकात का समय मांगा था। इस पर आज गुरुवार की दोपहर करीब 12 बजे का समय तय हो गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि सुबह अचानक मेयर के पीए का फोन आया और बताया गया कि आज मेयर मुलाकात के लिए उपलब्ध नहीं हैं। इस पर पर्यावरण प्रेमी भड़क गए और काफी संख्या में लोग नगर निगम परिसर में एकत्र हो गए। मेयर से फोन पर बातचीत के बाद उन्होंने नगर आयुक्त से मिलने को कहा। इस पर पर्यावरण प्रेमियों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा और निर्माण कार्य रुकवाने की मांग की। इस मांग को लेकर कुछ लोगों की नगर आयुक्त से बहस भी हो गई। आखिरकार नगर आयुक्त ने फिलहाल काम रुकवाने का आश्वासन दिया। साथ ही तय हुआ कि नगर निगम की टीम और पर्यावरण प्रेमियों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मौके का मुआयना करेगा। ठीक कोई वैकल्पिक व्यवस्था पर निर्णय किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कई लोगों का कहना है कि गांधी पार्क का स्वरूप ना बिगाड़ा जाए। निर्माण के चलते कई पेड़ों पर आरी भी चल सकती है। शहर में घंटाघर के निकट सिर्फ यही एकमात्र पार्क है, जहां हरियाली है। पेड़ हैं और घास है। यहां भी कैंटीन का निर्माण होने से पार्क में भ्रमण का मकसद पूरा नहीं होता। पार्क में लोग या तो व्यायाम करते हैं, या फिर दौड़ते हैं या पैदल चलते हैं। किसी भी व्यायाम को करने से कई घंटे पहले और बाद में कुछ खाया नहीं जाता है। ऐसे में ये कैंटीन किसके लिए बनाई जा रही है। वो भी हरी घास को नष्ट करके। इससे पार्क में गंदगी भी फैलेगी। ऐसे में इस कार्य को तुरंत रुकवाया जाय। ज्ञापन देने वालों ने कहा कि अगर कार्य नहीं रोका गया तो इसके लिए वे आंदोलन को भी तैयार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में दून सिटीजन फोरम से जुड़े वरिष्ठ नागरिक जगमोहन मेंदीरत्ता, ईको ग्रुप से आशीष गर्ग, महिला मंच से कमला पंत, गढ़वाल सभा से निर्मला बिष्ट, पूर्व पार्षद मोंटी कोहली, दून सिटीजन फोरम ग्रीन फोर्स से जया सिंह के साथ ही राघवेंद्र, नरेश चंडोक, संदीप मल्होत्रा, आर नरूला, फ्लोरेंस आदि शामिल थे। वहीं, ज्ञापन में हस्ताक्षर करने वालों में पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा, अनूप नॉटियाल, पत्रकार जितेंद अंथवाल, प्रदीप कुकरेती, स्पैक्स संस्था के अध्यक्ष बृज मोहन शर्मा आदि भी थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।