नासा के वैज्ञानिकों ने खोजा मंगल ग्रह में कछुआ, सच्चाई जानकार आप हो जाओगे हैरान

दुनिया भर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष और ब्रह्मांड में कई तरह की खोज में हमेशा जुटे रहते हैं। यदि बात लाल ग्रह की बात की जाए तो मंगल में कई देखों की एजेंसियों ने रोवर भेजे हैं। इसका मकसद वहां जीवन की संभावनाओं को लेकर किया जा रहा एक शोध है। रोवर की ओर से खींची गई तस्वीरों का वैज्ञानिक अध्ययन करते हैं। इसी कड़ी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ( NASA) की हालिया खोज ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। मंगल पर भेजे गए रोवर ने ऐसी तस्वीर कैद की है, जिसमें कछुए जैसी आकृति नजर आ रही है। मंगल ग्रह की सतह पर कार के आकार के पर्सिवियरेंस रोवर ने हाल ही में एक ऐसी चट्टान की तस्वीर खींची है, जो देखने में कछुए जैसी लगती है। इस खोज ने वैज्ञानिकों के बीच उत्सुकता पैदा कर दी है। हालांकि, ये एक चट्टान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वर्ष 2020 में लॉंच किया था रोवर
नासा के पर्सिवियरेंस रोवर को 2020 में लॉन्च किया गया था। यह फरवरी 2021 में जेजेरो क्रेटर के पास सुरक्षित रूप से उतरा। अब तक रोवर ने मंगल पर 37 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पूरी कर ली है। रोवर की यह नई तस्वीर उसके डिवाइस और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा से खींची गई है। यह डिवाइस रोबोटिक हाथ पर लगा उपकरण है, जो सतह की बनावट और पैटर्न को नजदीक से देखने में मदद करता है। NASA का पर्सिवियरेंस रोवर कार के आकार का एक रोबोट है। ये मंगल ग्रह पर जीवन के पुराने संकेतों की खोज कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगल में कछुए की इस तस्वीर को खींचने के लिए पर्सिवियरेंस ने अपने SHERLOC नाम के डिवाइस का इस्तेमाल किया। इस डिवाइस को रोवर के रोबोटिक हाथ पर लगा है। SHERLOC का इस्तेमाल सतह पर मौजूद चीजों और उनकी बनावट को नजदीक से देखने के लिए किया जाता है। WATSON नाम का एक कैमरा SHERLOC के साथ मिलकर काम करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगल जो मिला उसने चौंकाया
नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक ऐसी चट्टान की तस्वीर ली है, जो देखने में कछुए जैसी लगती है। इस तस्वीर ने कभी को चौंका दिया। यहां ये भी बताना जरूरी है कि मंगल ग्रह पर चट्टानों और मिट्टी की तस्वीरें लेना उसके इतिहास को समझने के लिए बहुत जरूरी है। सतह के पैटर्न को देखर वैज्ञानिक पता लगा सकते हैं कि यह ग्रह कैसे बना, यहां की हवा कैसी है। रेत के टीले कैसे बने और खनिज कैसे जमा हुए। SHERLOC और WATSON कैमरा सिस्टम वैज्ञानिकों को इन पैटर्न को बेहतर तरीके से समझन में मदद करते हैं। इससे पहले भी नासा के रोवर ने ऐसी तस्वीरें ली हैं, जिससे पता चलता है कि मंगल गृह में नदी भी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लगें हैं 23 कैमरे
पर्सिवियरेंस रोवर में कुल 23 कैमरे लगे हैं। इसमें 16 कैमरे नेविगेशन, इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक कामों को पूरा करते हैं। इन्हीं में से एक मास्टकैम-जेड कैमरे का इस्तेमाल रोवर अपनी ज्यादातर मशहूर तस्वीरें लेने के लिए करता है। मंगल पर ‘कछुए’ जैसी तस्वीर लेने के लिए पर्सिवियरेंस ने अपने SHERLOC डिवाइस का इस्तेमाल किया। इसके अलावा इसमें WATSON हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा है जो उन चीजों की तस्वीर लेता है जिन पर SHERLOC अल्ट्रावॉयलेट लाइट डालता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब तक की मशहूर तस्वीरें
इस रोवर का WATSON कैमरा इतनी साफ तस्वीरें लेता है कि वैज्ञानिक मंगल ग्रह की चट्टानों और मिट्टी को बहुत ही बारीकी से देख सकते हैं। यह पहली बार नहीं है, जब पर्सिवियरेंस रोवर ने कई दिलचस्प चट्टान देखी है। पिछले साल रोवर ने मंगल ग्रह की बहुत साफ तस्वीरें ली थी, जिसमें चमकीली नीली चट्टानें दिखाई दे रही थीं। इसमें वैज्ञानिकों के मन में लाल ग्रह के इतिहास को लेकर कई सवाल उठे थे। इसने मंगल पर एक ‘खोपड़ी’ की तस्वीर ली थी। हालांकि यह असली नहीं थी, बस अलग-अलग तरह की चट्टानों का हिस्सा थी।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।