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August 23, 2025

आपदा में मृत्यु के 72 घंटे में आर्थिक सहायता देने के मुख्यमंत्री धामी के निर्देश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपदों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा के दौरान किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात अनुग्रह राशि का वितरण 72 घंटे में प्रभावित परिवार, मृतक आश्रित को अनिवार्य रूप से कर दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि मृतक की शिनाख्त या अन्य किसी कारण से कुछ विलंब हो रहा हो तो एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से अनुग्रह राशि मृतक के आश्रित को हर हाल में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री जी द्वारा अनुग्रह राशि वितरण के संबंध में दिए गए निर्देशों से अवगत कराया। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने आगामी कुछ दिनों में मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए सावधानी बरतने तथा नदी, नालों के जल स्तर पर नियमित रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक के माध्यम से मानसून से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून अवधि में अब तक हुई विभागीय क्षति का आकलन कर जल्द से जल्द इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए ताकि एसडीआरएफ तथा एसडीएमएफ मद में भारत सरकार से अतिरिक्त धनराशि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव यथाशीघ्र भेजा जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विनोद कुमार सुमन ने एसडीआरएफ, नॉन एसडीआरएफ, एसडीएमएफ में खर्च की गई धनराशि के बारे में भी जनपदों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि जनपदों के पास आपदा राहत/बचाव तथा पुनर्निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, इसे हर हाल में समय पर खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश भर में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, तथा जनपदों को लगातार मुख्यमंत्री जी द्वारा मानसून अवधि की चुनौतियों का सामना करने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर बैठक में ऑनलाइन जुड़े आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि अभी भी मानसून अवधि का डेढ़ महीना शेष है। ऐसे में सभी जनपदों को हर समय अलर्ट रहने की आवश्यकता है। उन्होंने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों तथा नदियों के साथ ही अन्य संवेदनशील स्थानों में आम जनमानस की जागरूकता तथा उन्हें अलर्ट करने के लिए साइनेज अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदाओं का सामना करने के लिए प्रत्येक स्तर पर अलर्टनेस बहुत जरूरी है तभी हम जान माल के नुकसान को कम कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से सभी जनपदों में हर रोज समीक्षा बैठक की जाए। साथ ही स्कूली तथा कॉलेज के छात्र-छात्राओं, के साथ ही व्यापारियों का भी वाट्सएप गु्रप बनाया जाए। इस अवसर पर एसीईओ प्रशासन, अपर सचिव आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, डॉ. पूजा राणा, रोहित कुमार, हेमंत बिष्ट, डॉ. वेदिका पन्त, श्रीमती तंद्रीला सरकार आदि मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

प्रत्येक तहसील में होगा रेस्क्यू व्हीकल
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने जनपदों में गठित क्विक रिस्पांस टीमों को लेकर भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपेक्षानुसार जनपद स्तर पर प्रत्येक माह की 01, 11 और 21 तारीख को अनिवार्य रूप से बैठक कर इसका कार्यवृत्त यूएसडीएमए के साथ साझा किया जाए। साथ ही उन्होंने हर तहसील के लिए एक रेस्क्यू व्हीकल क्रय करने के निर्देश दिए, जिसका उपयोग आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जल्द आएगी भारत सरकार की टीम, तैयारी के निर्देश
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जल्द ही भारत सरकार की सात सदस्यीय टीम प्रदेश में अतिवृष्टि तथा आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आने वाली है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पूर्व से ही सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भारत सरकार के सामने आपदा से हुई क्षति की वास्तविक स्थिति रखी जा सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अधिकारियों का यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी के आधार पर भारत सरकार से क्षतिपूर्ति हेतु धनराशि प्राप्त होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

टिहरी बांध से जल छोड़ने पर एलर्ट रहें अधिकारी
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इन दिनों टिहरी बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने टिहरी के जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि पानी छोड़े जाने की सूचना देहरादून तथा हरिद्वार जनपद को समय पर दी जाए। साथ ही उन्होंने देहरादून तथा हरिद्वार जनपद को निर्देश दिए कि लगातार गंगा नदी के जलस्तर की निगरानी की जाए और आवश्यकतानुसार सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रत्येक व्यक्ति तक एलर्ट पहुंचाना यएसडीएमए का लक्ष्य
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने मानसून अवधि में अब तक हुई क्षति को लेकर भी जनपदों से जानकारी ली। उन्होंने जनहानि, पशु हानि, भवनों को हुई क्षति के बारे में पूछा तथा आपदा प्रभावितों को वितरित की गई धनराशि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि अहेतुक सहायता वितरण में बिल्कुल भी विलंब न किया जाए। साथ ही उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से भेजे जा रहे विभिन्न अलर्ट्स तथा चेतावनियों का जनपद स्तर पर बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रसारण की जानकारी ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप में प्रत्येक गांव के प्रधान, सरपंच के अलावा कम से कम 20 लोग जुड़े हों। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्य के प्रत्येक नागरिक को विभिन्न प्रकार के अलर्ट तथा सूचनाओं उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में जनपदों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धनराशि का ब्यौरा मांगा, हेलीपैडों का ऑडिट किया जाएगा
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने कहा कि जनपदों में आपदा संबंधी सूचनाएं हर वक्त अपडेट रहनी चाहिए ताकि भारत सरकार तथा गृह मंत्रालय द्वारा जब भी सूचनाओं की मांग की जाती है, उन्हें तुरंत ही उपलब्ध करा दिया जाए। साथ ही उन्होंने जनपदों द्वारा खर्च की गई धनराशि को लेकर रिपोर्ट भेजने तथा आवश्यकता होने पर अतिरिक्त धनराशि के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा कि धराली आपदा से सबक लेते हुए सभी जनपदों को नदियों के किनारे संवेदनशील रिहायशी क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए अलर्ट मेकैनिज्म डेवलप करना चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी जनपदों में ऐसे सभी हेलीपैडों ऑडिट करने का सुझाव दिया जो इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में उन्हें तुरंत उन्हें एक्टिवेट किया जा सके।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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