गैरसैंण में प्रदेश के ज्वलंत सवालों से घबरा कर मैदान छोड़ कर भागी सरकारः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मात्र तीन दिनों के गैरसैंण सत्र में सरकार विपक्ष की ओर से जन सरोकारों के मुद्दों को उठाने से घबरा गई। ऐसे में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दूसरे ही दिन सरकार गैरसैंण से उल्टे पांव भाग खड़ी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले तो तीन दिन का सत्र ही नाकाफी था। प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए और फिर पीठ की ओर से कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष की नियम 310 के अंतर्गत प्रदेश की ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था और प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा पर बहस की मांग को ना मानना करना सरकार की अक्षमता को दर्शाता ही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि पूरे राज्य में कानून व्यवस्था चौपट है। नैनीताल जिले में उच्च न्यायालय है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश समेत सारी बैंच के न्यायाधीश इस जिले में रहते हैं। मंडल के कमिश्नर, आईजी भी नैनीताल में बैठते हैं। उनकी नाक के नीचे जिला पंचायत सदस्यों का हथियारबंद लोग अपहरण करते हैं। बेताल घाट में प्रमुख चुनावों में पुलिस के सामने गोलियां चलती है। दोनों मामलों में पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। यह प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का सबसे बड़ा उदाहरण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि प्रदेश के हर हिस्से में महिलाओं के खिलाफ हिंसा हत्या व बलात्कार की घटनाओं की बाढ़ आई हुई है। पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। उत्तरकाशी के धराली, हर्षिल, यमुनोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के अलावा राज्य के सभी पर्वतीय जिले भयंकर आपदा की चपेट में हैं। धराली, हर्षिल में अभी तक सरकार जान मॉल की हानी का आंकलन नहीं कर पाई है। बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। धराली बर्बाद हो गया है, लेकिन आज की तारीख तक कोई भी केंद्रीय दल आपदा का जायज़ा लेने नहीं आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री मुखबा आए थे और लोगों को घाम तापो का मूल मंत्र दे कर गए थे। उन्होंने केवल फोन से आपदा की जानकारी ले कर और एक संदेश दे कर अपने कर्तव्यों की इति श्री कर ली। धस्माना ने कहा कि राज्य के इन दो मुद्दों पर विपक्ष नियम 310 के तहत चर्चा की मांग कर रहा था, किंतु सत्ताधारी दल जवाब देने की जगह अपना बोरिया बिस्तर बांध कर उल्टे पांव गैरसैंण से देहरादून भाग गई, जो निंदनीय है। इसके उलट अब भाजपा विधानसभा सत्र के स्थगन का आरोप कांग्रेस पर मढ़ने की कोशिश कर रही है, जबकि पूरे देश और प्रदेश यह जानता है कि सदन को आहूत करने का अधिकार किसका होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस के विधायक मंडल दल ने सत्र की पहली रात इस उम्मीद से विधानसभा में ही गुजारी कि क्या पता सरकार का चर्चा कराने का मन बन जाए। राज्य की सरकार ने अगले दिन ही बिना विपक्ष के अपने नौ बिल पास कराए और देहरादून भाग गई। धस्माना ने कहा कि सरकार का चर्चा से भागना राज्य की जनता के साथ सरासर अन्याय है। इससे सरकार गैरसैण के प्रति गंभीरता भी पता चलती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।