उत्तराखंड में अशासकीय कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन, एक बार फिर से करेंगे आंदोलन

उत्तराखंड में अशासकीय कॉलेजों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिल पाया है। ऐसे में अब शिक्षक फिर से आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर हैं। इससे तीन माह पहले भी वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों ने आंदोलन किया था, तब जाकर पिछले वेतन का भुगतान किया गया था। अब एक बार फिर से शिक्षकों का वेतन भुगतान अधर में लटका हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किसी भी देश या प्रदेश की तरक्की का आधार स्वास्थ्य, शिक्षा सुविधा होता है। वहीं, उत्तराखंड में दोनों की स्थिति बदहाल हैं। हालांकि, कागजों में विकास हो रहा है। शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की कमी है। सरकारी अनुदान से चलने वाले कॉलेजों में बार बार वेतन भुगतान की समस्या बनी रहती है। आरोप लगते हैं कि शासन की ओर से वेतन ग्रांट जारी करने के बाद भी निदेशालय स्तर पर वेतन जारी नहीं किया जा रहा है। सरकार निश्चिंत है और लोगों को हिंदू सुख भोगने का गर्व महसूस कराया जाता रहता है। बाकि मुद्दे भूल जाओ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर नाराज ग्रुटा पदाधिकारियों की एक बैठक देहरादून में संगठन के महासचिव डॉ डी के त्यागी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में गढ़वाल यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों एवं समस्त अशासकीय महाविद्यालयों में विगत तीन महीनों से वेतन भुगतान नहीं होने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार की ओर से वेतन की ग्रांट जारी करने के बाद भी उच्च शिक्षा सचिव की ओर से 14 अगस्त के बाद भी वेतन भुगतान के प्रति कोई कार्यवाही नहीं की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा सचिव ने वेतन देने के लिए आश्वस्त किया था। ग्रुटा सचिव ने शासन से अपेक्षा की है कि तत्काल वेतन जारी कराया जाए। बैठक में चेतावनी दी गई है कि यदि शीघ्र वेतन का भुगतान न नहीं किया गया तो शिक्षक आंदोलन के लिये बाध्य होंगे। यह भी तय किया गया कि 25 अगस्त 2025 से वेतन भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।