उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति और बस्ती बचाओ आंदोलन का सचिवालय कूच, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

देहरादून में उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियंस संघर्ष समिति और बस्ती बचाओ आंदोलन ने संयुक्त रूप से रैली निकालकर सचिवालय कूच किया। राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क से रैली आरंभ की गई और सचिवालय से कुछ पहले प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक दिया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रैली में सीटू, एटक, इंटक व बस्ती बचाओ आंदोलन से जुड़े लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने, न्यूनतम वेतनमान 26000 रुपये लागू करने, देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड व एनजीटी के नाम पर बस्तियों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने, एलिवेटेड रोड योजना रद्द करने, संविदा श्रमिकों को नियमित करने, स्कीम वर्कर्स को कामगार घोषित करने आदि की मांग को लेकर अलग – अलग ज्ञापन दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर आयोजित सभा में सीटू के जिला महामंत्री महामंत्री लेखराज ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार व राज्य की धामी सरकार मजदूरों के खिलाफ हमले कर रही है। केंद्र सरकार मजदूरों के अधिकारों, श्रम कानूनों के स्थान पर मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताएं लागू करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वहीं धामी सरकार रिस्पाना ब बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रयास कर रही है। इससे लाखों लोग प्रभावित होंगे। क्योंकि इस योजना के तहत लोगों के घरों को ध्वस्त कर उन्हें बेघर किया जा रहा है। उन्होंने एलिवेटेड रोड परियोजना को समाप्त किए जाने की मांग सरकार से की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
Bilkul thik kiya are pehele basti walo se vot le liye or ab unko bighar kar rahe ho agar road bana rahe ho too unko ghar y jamin bhi do