उत्तराखंड में भी हुई अडानी की एंट्री, स्मार्ट मीटर से शुरुआत, विद्युत उत्पादन और वितरण की साजिश, कांग्रेस करेगी विरोधः सूर्यकांत धस्माना
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उत्तराखंड में भी अडानी की एंट्री हो चुकी है। इसकी शुरुआत बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने से है। आने वाले दिनों में विद्युत उत्पादन और वितरण का काम भी अडानी को सौंप दिया जाएगा तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पहले चरण के तहत स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है। ये कहना है उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज देहरादून में ईसी रोड स्थित अपने कैंप कार्लालय में पत्रकारों से बातचीत में धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रदेश सरकार का निर्णय वास्तव में प्रदेश का विद्युत उत्पादन व वितरण भविष्य में अडानी को सौंपने की शुरुआत का पहला कदम है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार व सत्ताधारी दल के प्रवक्ता जिस तरह स्मार्ट मीटर के फायदे गिनवा रहे हैं, वो बिल्कुल वैसे ही है, जैसे पांच साल पहले इन्होंने देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के फायदे गिनवाए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि आज पांच साल बाद जब हजारों करोड़ रुपए खर्च करके स्मार्ट सिटी के कार्य पूरे होने की घोषणा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की सीईओ तत्कालीन जिलाधिकारी ने की तो देहरादून के लोग ठगे के ठगे रह गए। कारण ये है कि देहरादून तो स्मार्ट बना नहीं, भाजपा के नेता जरूर स्मार्ट बन गए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर को मोबाइल रिजार्च की तर्ज पर बनाया हुआ है। यानि आपके रिचार्ज के पैसे खत्म तो अचानक बिजली भी गुल। ये आम जनता से मजाक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यदि स्मार्ट सिटी की बात की जाए तो हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी आज देहरादून शहर में ड्रेनेज सिस्टम नहीं बन पाया। शहर में पेयजल का गंभीर संकट है, किन्तु पीने के पानी का कोई नया स्रोत आज तक नहीं बना। हालांकि पेयजल स्रोतों की कमी नहीं है, लेकिन सरकार की इच्छा शक्ति में कमी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि शहर में कूड़ा उठान ठेके के भरोसे है। घर घर से कूड़ा उठान भी मजाक बन गया है। दो से तीन दिन तक गली मोहल्लों में कूड़ा उठाने वाला वाहन नहीं आता है। साथ ही सड़कों की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। यह स्मार्ट सिटी का हाल है। वैसे ही स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को कुछ फायदा होने वाला नहीं। उल्टा राज्य का बिजली सैक्टर अडानी के नाम जरूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्मार्ट मीटर लगाए जाने के सख्त खिलाफ है। इसके खिलाफ पार्टी प्रदेशव्यापी जन आंदोलन चलाएगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।