Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

January 10, 2025

स्थानीय निकाय चुनाव आए तो मलिन बस्तियों में सरकार ने फैलाया डर, कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने उठाए सवाल

जब भी उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनाव होते हैं, तो मलिन बस्तियों में रहने वालों लोगों के भीतर डर बैठाया जाता है। तब बस्तियों को उजाड़ने की बात को हवा दी जाती है। ये एक सोची समझी साजिश है। ये कहना है कि उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट का। उन्होंने देहरादून में मलिन बस्तियों को लेकर पैदा किए गए नए खतरे पर बीजेपी सरकार पर सियासी हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मलिन बस्तियों के नियमितीकरण और पुनर्वास के प्रति गंभीर नहीं है। साथ ही सरकार लोगों को इस मुद्दे पर गुमराह कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार मलिन बस्तियों के लिए बिल लाने की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार अध्यादेश अध्यादेश का खेल करती रही है। साथ ही मलिन बस्ती के लोगों को गुमराह कर रही थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि खुद एनजीटी ने अपने हालिया आदेश में कर दी है। एनजीटी ने अपने आदेश में मलिन बस्तियों के लिए राज्य सरकार के अध्यादेश को मानने से इनकार कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सारी एजेंसियां केंद्र सरकार की हैं। ऐसे में ईडी, सीबीआई और एनजीटी या कोई अन्य एजेंसी हों, इनका इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया जाता रहा है। अब स्थानीय निकाय चुनाव हैं। ऐसे में पहले यहां के लोगों को डराया जा रहा है। फिर सरकार या सत्ताधारी पार्टी की ओर से कोी बयान जारी होगा और लोगों को ये जताने का प्रयास होगा कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। ये खेल पिछले दस से 12 साल से हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि जैसा भय फैलाया जा रहा है, उससे लगता है कि मलिन बस्तियों का भविष्य फिर अंधकार में लटक गया है। सरकार को मलिन बस्तियों के लिए अपनी नीति और मनसा स्पष्ट करनी चाहिए। ताकि मलिन बस्ती निवासियों के मन में जारी संशय समाप्त हो सके। शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि अब हालिया 16 दिसंबर को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश की वजह से मलिन बस्तियों में गरीब परिवारों के घर खतरे में हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के हर मंत्री और प्रत्याशी दावा कर रहे हैं कि उनके अध्यादेश की वजह से तीन साल तक मलिन बस्तियों को बचाया गया है। इस आदेश में प्राधिकरण ने साफ कहा है कि वह इस अध्यादेश को मानते ही नहीं। प्राधिकण के आदेश के अनुसार 13 फरवरी तक रिस्पना नदी पर हजारों परिवारों को हटाने के लिए सरकार को कदम उठाना पड़ेगा। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अगर यह आदेश जारी रहेगा तो मलिन बस्तियों पर फिर ध्वस्तीकरण की तलवार लटक गई है। इससे मलिन बस्ती वासी अपने भविष्य के प्रति चिंतित हो गए हैं। इसके अलावा सरकार मलिन बस्तियों के पुनर्वास और मुआवजे के बारे में कोई जिक्र ही नहीं कर रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि यह आदेश विधिविरुद्ध एवं गैर संवैधानिक है। आदेश सात जनवरी को सार्वनजिक हुआ था। सरकार को तीन सप्ताह से इस आदेश के बारे में पता था। इतना समय बीतने के बावजूद सरकार ने इस आदेश के खिलाफ कोई भी कदम क्यो नहीं उठाया है। उच्चतम न्यायालय में इसके खिलाफ कोई याचिका अभी तक नहीं डाली है। इससे साफ है कि मलिन बस्तियों के लोगों को डराने का अभियान चल रहा है। ताकि कोई बीजेपी प्रत्याशी से इतर किसी दूसरे को वोट ना करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत अभी भी निकाय चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी और नेता दावा कर रहे हैं कि किसी भी बस्ती के लिए कोई खतरा नहीं है, जबकि उनको पता है कि यह सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट लग रहा है कि चुनाव के बाद इस आदेश के बहाने गरीबों के घरों पर फिर बुलडोजर चलाना सरकार की मंशा है। पहले पहाड़ी क्षेत्रों में भी इस सरकार ने ऐसे ही किया, बार बार कोर्ट के आदेश का बहाना बनाकर के लोगों के मकानों और दुकानों को तोड़ा गया हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत इस आदेश के खिलाफ कानूनी कदम उठा कर लोगों पर लटक रही ध्वस्तीकरण की तलवार पर रोक लगा दे। किसी भी हालत में गरीब लोगों को बेघर न करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2016 में मलिन बस्तियों के लिए जो कानून लाया गया था, भाजपा सरकार तत्काल उस अधिनियम पर अमल कर बस्ती में रहने वाले परिवारों का पुनर्वास या नियमितीकरण करे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page