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December 22, 2024

बाबा साहेब अंबेडकर पर टिप्पणी के खिलाफ माकपा का प्रदर्शन, गृह मंत्री अमित साह का पुतला जलाया

संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर देश के गृहमंत्री अमित शाह की अशोभनीय टिप्पणी का विरोध बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शन के दौरान माकपा कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी एवं भाजपाइयों की ओर से गृह मंत्री के बयान को लेकर बचाव में उतरने और इस मामले में लीपापोती करने की कड़े शब्दों में निन्दा की गई। आज शनिवार को पार्टी ने गांधी पार्क के पास जिला कार्यालय से जलूस निकाला। राजपुर रोड पर प्रदर्शनकारियों ने अमितशाह एवं मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। साथ ही गगनभेदी नारों के बीच गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि संघ परिवार की सोची समझी नीति का की जितनी निन्दा की जाये, उतनी कम है। वक्ताओं ने कहा है कि दलित, अल्पसंख्यक तथा महिला विरोधी मानसिकता रखने वाले बीजेपी का नेतृत्व पहले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के हत्यारों का समर्थन करता रहा। वे गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की नृशंस हत्या को जायज ठहराते रहे। आज भी यही प्रयास करते हैं। तथा बापू को निरन्तर गाली देते हैं। उनके दर्शन का लाभ अपने नीहित स्वार्थों के लिऐ करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वक्ताओं ने कहा कि इन लोगों ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ भी ऐसा ही किया। अब संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ वही सबकुछ कर रहे हैं। दरअसल, अमित शाह और उनकी राजनैतिक बिरासत आजादी के आन्दोलन से अब तक वर्ण व्यवस्था के प्रबल हिमायती रही है। इसलिये उन्हें अम्बेडकर की राजनीति एवं उनका हमारे देश खासकर दलित, पिछड़ों तथा समाज के दबे कुचले वर्ग के लिए योगदान फूटीकौड़ी नहीं सुहाता है। इसलिये वे समय समय जहर उगलकर अपनी कुण्ठित मानसिकता का परिचय देते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

वक्ताओं ने कहा अमित शाह की डॉ. अंबेडकर पर की गई टिप्पणी तथा पीएम मोदी की चुप्पी की जितनी निन्दा की जाए, वह कम है। वक्ताओं ने कहा है कि संविधान की शपथ लेकर कुर्सी पर बैठे ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर सीपीएम के जिला सचिव शिव प्रसाद देवली, पछवादून सचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीटू जिला महामंत्री लेखराज, जनवादी महिला समिति से इंदु नौडियाल, भगवंत पयाल, अभिषेक भंडारी, नरेंद्र सिंह, प्रेमा, किरण, अंजली, अनुराधा, प्रदीप कुमार, जबर सिंह रावत, ब्रह्मानन्द कोठारी, मनोज बंसल, कुसुम नौडियाल, अनिता रावत, शेर सिंह, भीम आर्मी के आजम खान आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यहां से बढ़ा मामला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर बयान दिया था, जिसपर सियासी विवाद छिड़ गया था। इसी बयान के बाद कांग्रेस भड़क गई और फिर सियासी विवाद बढ़ता चला गया। यही नहीं, गुरुवार को संसद परिसर में जब कांग्रेसी सांसद प्रदर्शन कर रहे थे, तो उनके बीच डंडों पर पोस्टर लगाकर बीजेपी के सांसद भी पहुंच गए। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ धक्कामुक्की का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस सांसदों का कहना है कि धक्कामुक्की के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गिर गए। उनके घुटने में चोट आई। वहीं, बीजेपी के दो सांसद भी चोटिल बताए गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में बीजेपी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं में रिपोर्ट लिखाई गई है। वहीं, कांग्रेस ने भी बेजेपी के खिलाफ तहरीर दी है। कांग्रेस का कहना है कि उनके सांसदों को संसद में प्रवेश द्वार पर बीजेपी के सांसद रोक रहे थे। साथ ही धमका रहे थे और धक्कामुक्की कर रहे थे। हालांकि, दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसी वीडियो फुटेज सामने नहीं आई, जिससे किसी पक्ष के आरोप पुख्ता साबित हो सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गृह मंत्री ने की थी ये टिप्पणी
मान्यवर अभी एक फैशन हो गया। अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अमित शाह के भाषण का इतना अंश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है। इसके बाद बीजेपी ने वीडियो पोस्ट किया। इसमें उक्त बयान के आगे का भाषण भी दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसमें अमित शाह कहते हैं, अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं। अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा। उन्होंने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति और अनुच्छेद-370 से असहमत हूं। इसलिए वो छोड़ना चाहते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, अब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना लिया है। साथ ही अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं, अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जो शुरुआती लाइन बोली, उससे गृह मंत्री ने ये दर्शा दिया कि वह बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति मन में कितनी घृणा रखते हैं। वहीं, दलित समाज के लोग भी इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि डॉ. अंबेडकर की वजह से ही नर्क से बदतर जीवन जी रहे गरीब, दलित, शोसित समाज के साथ ही महिलाओं का जीवन स्तर बदला है। इसलिए डॉ. अंबेडकर का स्थान उनके लिए भगवान से भी बढ़कर है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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