ओएनजीसी से सेवानिवृत्त इंजीनियर की चाकुओं से गोदकर हत्या, बाथरूम में खून से लथपथ मिला शव
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जीएमएस रोड स्थित पाश कालोनी अलकनंदा एन्क्लेव में ओएनजीसी से सेवानिवृत्त इंजीनियर की चाकुओं से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी। बुजुर्ग का खून से लथपथ शव बाथरूम में मिला। बुजुर्ग घर पर अकेले रहते थे। पड़ोसियों ने घर में चिल्लाने की आवाज सुनकर पुलिस को सूचना दी। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस का दावा है कि घर से कोई सामान चोरी नहीं हुआ है। बुजुर्ग की हत्या के पीछे की वजह पता नहीं चल पाई है। माना जा रहा है कि जिस समय बुजुर्ग की हत्या की गई, उससे पहले घर पर दो से तीन लोग मौजूद थे। वहां टेबिल पर दो चाय के कप व बिस्कुट भी रखे हुए थे। ऐसे में पुलिस को शक है कि उन्होंने ही हत्या को घटना को अंजाम दिया है। घर पर सीसीटीवी कैमरे न लगे होने के कारण पुलिस ने आसपास के घरों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बुजुर्ग की हत्या क्यों की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस को घटना की जानकारी सोमवार रात करीब आठ बजे मिली। पुलिस घर पहुंची तो मकान के मुख्य हिस्से में कोई नहीं था। घर की सारी लाइटें खुली थीं। घर के पिछले हिस्से में देखा तो वहां भी सारी लाइटें जल रही थीं। बाथरूम से कराहने की आवाज आ रही थी। पुलिस वहां पहुंची तो देखा कि बुजुर्ग अशोक कुमार गर्ग घायल अवस्था में पड़े थे। पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया लेकिन चंद मिनट के इलाज के बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ओएनजीसी से वरिष्ठ इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त अशोक गर्ग (72 वर्ष) अलकनंदा एन्क्लेव के 25 नंबर मकान में रहते थे। उनकी दो बेटियां हैं। इनमें से एक चेन्नई में रहती हैं और उनके पति एयर फोर्स में हैं। दूसरी बेटी गुरुग्राम में रहती हैं, उनके पति विदेश में रहते हैं। अशोक गर्ग घर पर अकेले रहते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि अशोक कुमार गर्ग के बारे में पता चला है कि वह 2008 में ओएनजीसी के इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त हुए थे। कुछ साल पहले ही उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। अशोक कुमार गर्ग के पेट और छाती पर चाकू से कई घाव किए गए हैं। जांच के लिए एसओजी और पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अशोक गर्ग ने पहले मकान किराए पर दिया हुआ था। किराएदारों ने 30 नवंबर को ही घर खाली किया था। ऐसे में बुजुर्ग ने दोबारा किराएदार रखने के लिए गेट पर बोर्ड भी लगाया हुआ था। मौजूदा समय में वह घर पर अकेले ही रह रहे थे। पड़ोसियों की मानें तो अशोक गर्ग का व्यवहार बहुत अच्छा था और वह सभी से प्यार से बात करते थे। उनकी हत्या क्यों की गई इसके बारे में बताने को कोई भी तैयार नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बुजुर्ग इन दिनों घर पर रंग रोगन का काम भी करवा रहे थे। ऐसे में श्रमिक घर पर काम करने के लिए आते थे। पुलिस अब उनका श्रमिकों का भी पता लगा रही है, जो इन दिनों रंग रोगन का काम कर रहे थे। ऐसे में श्रमिक भी शक के दायरे में आ गए हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।