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September 17, 2024

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सीएम और गृहमंत्री के सवालों पर किया पलटवार

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उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पूछे गए 10 सवालों पर पवटवार किया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मुख्यमंत्री और अमित शाह यह बताएं कि राहुल गांधी ने सरकारी एजेसियों के दुरुपयोग, अडाणी महाघोटाले, हिडनबर्ग के खुलासे पर सैंकडों सवाल केन्द्र सरकार से पूछे हैं, वे उनके जबाव क्यों नही दिये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

करन माहरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर भाजपा मे बोखलाहट क्यों हैं? उन्होंने कहा कि यह वहीं नेशनल कांफ्रेंस है, जिसके साथ भाजपा का लम्बे समय तक गठबंधन रहा। फारूख अब्दुल्ला भाजपा सरकार में लम्बे समय तक केन्द्रीय मंत्री रहे। तब तो भाजपा को कोई आपत्ति नही थी। भाजपा की नजर में फारूख अब्दुल्ला तब बड़े देश भक्त थे। अब उनका गठबंधन कांग्रेस से हुआ है, तो भाजपा को उनमें खोट नजर आ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ भी भाजपा का गठबंधन रहा। महबूबा को मुख्यमंत्री भी बनाया। तब उनको वहां भी देश भक्ति नजर आती थी, लेकिन जैसे ही किसी भी राजनीतिक दल का भाजपा से गठबंधन टूटता है तो वो भाजपा की नजर में वह देशद्रोही पार्टी हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

करन माहरा ने कहा कि भाजपा की यह दोगली राजनीति नही चलेगी। कांग्रेस पार्टी अगर किसी भी राज्य में वहां के लोगों की हक की लड़ाई लड़ती है, तो उसमें भाजपा को बुराई नजर आती है। देश की आजादी से पहले और आजतक हमेशा कांग्रेस ने आम लोगों को साथ लेकर देश की मजबूती, एकता और अखण्डता के लिए काम किया है। देश की जनता इस बात को भलीभॉति जानती है। हमें भाजपा से देश भक्ति का प्रमाणपत्र लेने की आवश्कता नही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर हो, या देश के किसी भी अन्य राज्य में कोई भी अगर गैर कानूनी काम करता है, देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है, तो उसे देश के कानून के हिसाब से कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृहमंत्री अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि 11 वर्षो से देश में किसकी सरकार है। जम्मू कश्मीर में कौन शासन कर रहा है? अगर वहां पर कुछ भी कानून के खिलाफ हो रहा है तो वहां कानून व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी किसकी है।देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजो की जासूसी करने वाले लोग कांग्रेस को देश भक्ति का पाठ ना पढ़ाएं तो ही अच्छा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

करन माहरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर गंभीर आरोप लगाये थे, जिनके जबाव आज तक जनता को नही मिले हैं। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने की गारंटी देने वाली केन्द्र सरकार के शासन में वहां लगातार आतंकवादी हमलों में हमारे वीर सैनिक शहीद हो रहे हैं। केन्द्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। इससे जनता में भारी आक्रोश है। जन आक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए ही भाजपा नेता इस प्रकार की अनर्गल बातें कर रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि में आये दिन हमारे वीर सैनिकों के शव आ रहे हैं। इस पर कौन जबाव देगा? माहरा ने कहा कि अरूणाचल सीमा पर चीन ने हमारी जमीन पर अतिक्रमण कर पक्के निर्माण कैसे किये हैं। इसका उत्तर कौन देगां? चीन की कम्पनियों को खरबों का रूपये का ठेका किसने दिया? सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति चीन से क्यों मंगवाई गई? स्वदेशी सामान का इस्तेमाल करो कहने वाले चीन का सामान देश में क्यों आयात कर रहे हैं? एक सिर के बदले 10 सिर लाने का वादा करने वाली सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर सेना को ही कमजोर करने का काम क्यों किया? इन सब सवालों का जबाव भी देश की जनता को मिलना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमित शाह ने राहुल गांधी से पूछे थे दस सवाल
गृह मंत्री अमित शाह ने एनसी के घोषणा पत्र को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से 10 सवाल पूछे थे। उन्होंने पूछा है कि क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गया गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पाकिस्तान को लेकर भी पूछ लिया सवाल
केंद्रीय गृह मंत्री ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के वादे के साथ है? क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ फिर से ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ फिर से ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर भी किया सवाल
अमित शाह ने आगे पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौंपने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है? उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सामने रखते हुए अलग पोस्ट में कहा कि मोदी सरकार ने ‘आर्टिकल 370 और 35ए’ हटाने के बाद वर्षों से दलितों, आदिवासियों, पहाड़ियों और पिछड़ों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करके उन्हें आरक्षण देने का काम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमित शाह ने कहा कि क्या राहुल गांधी जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में उल्लेखित दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने वाले आरक्षण विरोधी प्रस्ताव का समर्थन करते हैं? नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन करने के बाद कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को देश के सामने अपनी आरक्षण नीति को स्पष्ट करना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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