दलित उत्पीड़न के खिलाफ, दोषियों पर कार्रवाई को लेकर सीपीएम का प्रदर्शन, ई-रिक्शा चालकों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप
उत्तराखंड के चमोली जिले में दलित उत्पीड़न की घटना के खिलाफ और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, पीड़ित परिवार को सुरक्षा की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने देहरादून में जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। वहीं, ई रिक्शा चालकों के उत्पीड़न के खिलाफ सीटू के बैनर तले चालकों ने एसएसपी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जिला मुख्यालय के समक्ष किए गए सीपीआई (एम) के प्रदर्शन के दौरान उपजिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन करने वालों का आरोप है कि चमोली जिले में जोशीमठ के गांव सुभाई चाचड़ी में दलित युवक के ढोल न बजाने से नाराज गांव के दबंगो ने 5000 रु का अर्थदण्ड का फैसला सुनाया था। साथ ही सभी दलित परिवारो का पानी बंद कर कर दिया। उन्होंने साथ ही दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की। साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जनपद चमोली के थाना गोपेश्वर के अंतर्गत विकासखंड जोशीमठ के अंतर्गत सुभाई चाचड़ी में यह प्रकरण सामने आया है। क्षेत्र में बैसाखी का मेला का आयोजन किया जाना था। इसमें गांव के अनुसूचित जाति के एक युवक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसे पूरी रात ढोल बजाना था, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह ढोल दो ही घंटे बजा पाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि सवर्ण मानसिकता के दबंगो और मनुवादी विचारधारा के लोगों ने एक पंचायत कर ढोल वादक को पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इस जुर्माने को भरने के बावजूद भी पुष्कर लाल और उसके परिवार सहित सभी अनुसूचित जाति परिवार का बहिष्कार कर दिया गया। साथ ही उनकी पानी की सुविधाएं बंद कर दी गई। ये एक घोर अपराध है। मनुवादी विचारधारा रखने वाले लोगों के खिलाफ अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी ने कहा कि दशकों पहले कफिल्टा दलितों के सामुहिक नरसंहार के दोषियों सर्वोच्च न्यायालय ने दण्डित किया है। उत्तराखंड में दलित उत्पीड़न की दर्जनों घटनाऐं हो चुकी हैं। पिछले साल पुरोला में अल्पसंख्यक समुदाय को हिन्दुवादी मानसिकता के लोगों ने पुरोला छोड़ने के लिऐ मजबूर कर दिया था। वनफूलपुरा हल्द्वानी की घटनाओं ने राज्य की छवि को देशभर में धूमिल किया है। हमारे राज्य में एक के बाद एक घटनाओं का होना दर्शाता है कि कहीं न कहीं इन असामाजिक तत्वों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि हाल ही में नवादा देहरादून में धर्मान्तरण की आढ़ में ईसाई परिवार के घर में घुसकर असमाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की गई। पुलिस द्वारा इन तत्वों को गिरफ्तारी न करना, पुलिस प्रशासन पर कही न कही सत्ता का दबाव दर्शाता है। पिछले महीने ऋषिकेश पुलिस की हिरासत में पिटाई के बाद रणबीर सिंह की जिला कारागार सुद्धोवाला में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। कुछ दिन पहले हरिद्वार में दलित महिला के साथ दंबगों की ओर से सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद हत्या में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी न होना भी निंदनीय है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि साम्प्रदायिक मानसिकता के आधार योगी व उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड क्षेत्र में मुस्लिम तथा हिन्दू दुकानों पर पहचान अनिवार्य रूप से दर्शाने के निन्दनिय कदम हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के फैसले पर कड़ा ऐतराज दर्शाया। साथ ही सरकार के फैसले पर रोक लगाना एक सबक है कि संविधान से ऊपर कोई भी नही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में जोशीमठ में दलित उत्पीड़न, नवादा घटना में ईसाई परिवार के घर में तोड़फोड़ करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों में सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, पार्टी नेता सुरेन्द्र सजवाण, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, पछवादून सचिव कमरूद्दीन, पार्टी सचिव मण्डल के सदस्य लेखराज, किशन गुनियाल, शम्भू प्रसाद ममगाई, नितिन मलेठा, हिमांशू चौहान, शैलेन्द्र परमार, अयाज अहमद, राम सिंह भंडारी, नुरेशा अंसारी, सुधा देवली, अमर शाही, मनमोहन रौतेला, शांति प्रसाद, पंकज कुमार, नरेंद्र सिंह, सोनू कुमार, प्रेमा, किरण, के साथ ही आरयूपी के केंद्रीय अध्यक्ष नवनीत गुसाई भी शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीटू से सम्बद्ध ई-रिक्शा वर्क्स यूनियन ने सेलाकुई पुलिस पर ई-रिक्शा चालकों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। इस आरोप को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। ये प्रदर्शन जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन के बाद किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि सेलाकुई पुलिस बिना किसी कारण के यूनियन से जुड़े ई-रिक्शा चालकों के उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि सीटू से जुड़ी ई-रिक्शा वर्कर्स की ई-रिक्शा का भारी भरकम चालान किया जाता है। आज प्रातः ही सेलाकुई पुलिस की ओर से रूट पर संचालित ई- रिक्शाओं के चालान करने के साथ ही रिक्शा थाने में खड़ी कर दी। जो कि गरीब लोगों का उत्पीड़न है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर यूनियन के अध्यक्ष सोनू कुमार ने कहा कि सरकार व परिवहन विभाग की ओर से बाहरी लोगों को लोकल आईडी पर ई-रिक्शा खरीदने पर खुली छूट दी गयी है। इससे अनियंत्रित रूप से ई – रिक्शाओ का संचालन हो रहा है। इस सन्दर्भ में यूनियन ने आरटीओ, परिवहन सचिव ज्ञापन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि ई- रिक्शा से बड़ी संख्या में विकलांग जन भी जुड़े हैं, जो सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर रहे है। उन्होंने कहा कि सेलाकुई थाने की ओर से यदि उत्पीड़न यदि नही रुकता है तो वे अपनी ई- रिक्शा कागज सहित थाने में खड़ा कर देंगे। उन्होंने प्रेमनगर से संचालित टाटा मैजिक चालकों पर भी ई रिक्शा चालकों को डराने धमकाने का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के जिलाध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, राम सिंह भंडारी, सोनू कुमार, प्रेमा, किरण, बिलाल अहमद, दिलशाद अहमद, रियासत, अनीस, गुलशेर, बबलू, अनीस, अनिल, अक्षय, फैजान, समीर, मुकेश, अर्जुन, दिलदार आदि भी शामिील थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।