बैंकों के राष्ट्रीयकरण के स्वरूप को बचाने को संघर्ष के लिए रहें तैयारः जगमोहन मेंदीरत्ता

बैंकों के राष्ट्रीयकरण के स्वरूप को बचाने के लिए बैंककर्मी फिर से संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं। एआईबीईए के आह्वान पर बैंककर्मियों की यूनियनों की ओर से बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस के उपलक्ष्य में देशभर में 10 जुलाई से 25 जुलाई तक जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं। इसी कड़ी में उत्तरांचल बैंक इम्प्लाईज़ यूनियन के केन्द्रीय कार्यालय नेशविला रोड देहरादून में सभा आयोजित की गई। इसमें बैंकों के राष्ट्रीयकरण स्वरूप को बचाने के लिए आंदोलन को तैयार रहने का आह्वान किया गया। सभा की अध्यक्षता यूनियन अध्यक्ष अनिल जैन और संचालन साथी चन्द्रकान्त जोशी ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर सभी वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एक स्वर में बैंकों के राष्ट्रीयकरण स्वरूप को बचाने का आहवान किया। मुख्य अतिथि एवं यूबीईयू के पूर्व महासचिव जगमोहन मेंदीरत्ता ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण मुख्यतः किसानों के उत्थान, छोटे व मंझले व्यवसाईयो, समाज के गरीब तबके के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिये किया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल जैन ने भी राष्ट्रीयकरण स्वरूप को बचाने के लिये हर संभव संघर्ष के लिये तैयार रहने का आहवान किया। इस मौके पर विनय शर्मा, राजन पुंडीर, बीपी सुन्दरियाल ने भी विचार व्यक्त किये। सभा में आरके गैरोला, गोपाल तोमर, विनोद उनियाल, मुरारी लाल नौटियाल, आकाश उनियाल, सन्नी कुमार, केके शर्मा, बन्टी कुमार, रूचिका सुयाल, आशा शर्मा, महेश गुप्ता, सौरभ शममा, ललित भट्ट, संदीपकुमार, सरज कमल, अमर सिंह, नारायण सिंह, रजनीश अग्रवाल, दिनेश सिंह आदि मौजूद थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।