हरीश रावत ने सरकार पर लगाया रोजगार विरोधी नीति का आरोप, एक घंटे बैठे मौन उपवास पर

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव आज सुबह एक घंटे के मौन उपवास पर बैठे। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर सरकार से मांग की है कि विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियों में आवेदकों को उम्र सीमा में छूट दी जाए। इससे पहले इसी मुद्दे पर हरीश रावत पिछले कई दिनों से लगातार सोशल मीडिाय में पोस्ट डाल रहे हैं। इसके तहत आज उन्होंने मसूरी रोड स्थित अपने आवास पर एक घंटे का मौन उपवास किया।
इसके तहत वह आज गुरुवार की सुबह आठ बजे से नौ बजे तक एक घंटे के मौन उपवास पर बैठे। उनका कहना है कि ये मौन उपवास बच्चों के भविष्य को लेकर है, ताकि सरकार का ध्यान इस ओर जाए। ये सरकार का विरोध नहीं है। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट भी डाली और वीडियो भी शेयर किया। इसमें कहा गया है कि-
मैंने कल घोषणा की थी कि मैं ऐसे बच्चे जो सरकार की रोजगार विरोधी नीति के कारण बेरोजगार हैं, उनकी समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मौन उपवास करूंगा। उन्होंने सरकार से कहा कि -आपने पिछले 4 वर्षों के अन्दर भर्तियां की ही नहीं। सरकारी विभागों में पद खाली रहे। चाहे वो शिक्षा से संबंधित हो या दूसरे विभागों से संबंधित हों। वह बच्चे सब ओवर ऐज हो गये हैं। शैक्षिक योग्यता है, मगर अब उनके हाथ से अवसर निकल रहा है।
उन्होंने कहा कि जब आप पद विज्ञापित कर रहे हैं तो वो अपनी उम्र खोज रहे हैं। उनकी उम्र निकल चुकी है। उन बच्चों में बड़ी निराशा है। मैंने मांग की थी कि आवेदन के लिए कम से कम सरकार 4 वर्ष और उम्र बढ़ाएं। मगर ऐसा किया नहीं गया है और यहां तक कि जो कमजोर वर्ग से आने वाले बच्चे हैं, जिनके लिये हर जगह कुछ विभागों में उम्र बढ़ाई जाती है। उत्तराखंड में उम्र नहीं बढ़ाई गई है। तो मैं पुनः इस मौन उपवास के माध्यम से सरकार से आग्रह कर रहा हूं कि कम से कम चार साल उम्र बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि यह किसी विरोध में नहीं है। ये उन बच्चों का भविष्य का सवाल है। आप 4 साल और उम्र बढ़ाकर उनको भी अवसर दीजिये। ताकि वो आवेदन कर सकें।





