Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 8, 2024

कांग्रेस ने चुनावी चंदे पर उठाए सवाल, कोविड वैक्सीन की उच्च स्तरीय जांच की मांग, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन भेज कर मांग की है कि कोविडरोधी टीके कोविशिल्ड प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उक्त वैक्सीन लेने से पीड़ित नागरिकों को सम्यक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए। जो लोग टीके के कारण तमाम अवांछित बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके उपचार की गारंटी कंपनी ली जाए। साथ ही टीका निर्माता कंपनी को लाभ पहुंचाने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के कोष से वसूली की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस ने मांग की है कि देश की जनता के अमूल्य स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के दोषी लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि राजनीतिक स्वार्थों के वशीभूत गंभीर आपराधिक कृत्य के लिए दोषी लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ताकि भविष्य को इस तरह के आपराधिक षड्यंत्र की पुनरावृत्ति न हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में कहा गया है कि देश और दुनिया में तमाम मीडिया रिपोर्टों के कारण कोविशील्ड के घातक दुष्प्रभावों के मामले की उच्चस्तरीय जांच कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के दोषी लोगों को कानून के शासन के तहत दंडित किया जाए। कोरोना काल में जब समूची मानवता संकट में थी, उस समय कोविड वैक्सीन को अमृत के रूप में माना जा रहा था। क्योंकि मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे थे, लेकिन आज जिस तरह से मीडिया रिपोर्ट सामने आ रही हैं, उन्होंने समूची मानवता को न सिर्फ झकझोर दिया है, बल्कि चिंता भी बढ़ा दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन में कहा है कि ब्रिटेन के अदालत में पेश दस्तावेजों में कोविड वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्रोजेनेका ने साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार कर भारतीय समाज की चिंता को अत्यंत बढ़ा दिया है। यह रिपोर्ट भारत के लिए इसलिए भी ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि भारत में कोविड-19 के प्रसार के दौरान बड़े पैमाने पर ऑक्सफोर्ड- एस्ट्रोजेनेका की इसी वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था और इसका निर्माण पूना की सीरम इंस्टीट्यूट ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कहा कि भारतीय नागरिकों को सर्वाधिक टीके इसी कंपनी के लगाए गए हैं। इसलिए उक्त टीके के दुष्प्रभावों के बारे में कंपनी की स्वीकारोक्ति से जनता के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है। ज्ञापन में इस बात का खासतौर पर उल्लेख किया गया है कि भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्रोजेनेका से हासिल लाइसेंस के तहत देश में इस वैक्सीन का उत्पादन किया था और इसे सिर्फ भारत के कोविड टीकाकरण अभियान में ही नहीं इस्तेमाल किया गया था, बल्कि दुनिया के कई देशों को भी निर्यात किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में कहा गया कि एस्ट्रोजेनेका पर पीड़ित लोगों की ओर से दायर मुकदमों में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि इस टीके को लेने के बाद लोग ब्रेन डैमेज के शिकार हुए। इस कारण भारतीय समाज में भी स्वाभाविक रूप से चिंता बढ़ गई है। कोविड के बाद ऐसी मौतों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई थी, जिनमें कारण का स्पष्ट पता नहीं चला था। इनमें से अधिकांश को किसी न किसी शारीरिक समस्या से जोड़ कर देखा गया और सरकार व स्वास्थ्य जगत ने यह कभी नहीं माना कि कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण ऐसा हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में कहा गया कि अब कंपनी ने स्वीकार किया है कि इस टीके के दुष्प्रभाव के परिणामस्वरूप शरीर में खून का थक्का जमने, थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की स्थिति बन सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि टीटीएस का संबंध मस्तिष्क या अन्य भीतरी अंगों की रक्त वाहिकाओं में थक्का जमने एवं प्लेटलेट काउंट कम होने की बीमारी से है। इस स्थिति में निसंदेह कोविड रोधी टीकों ने उस समय कई मौतों को रोकने में मदद की है, फिर भी इसके साइड इफेक्ट गंभीर चिंता का विषय हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में उन मीडिया रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया है, जिनमें कहा गया है कि जनस्वास्थ्य को लेकर चिंता ने आग में घी का काम किया है। यही नहीं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद निर्वाचन आयोग के सुपुर्द किए गए विवरण के मुताबिक भारत में कोविड रोधी टीका बनाने वाली कंपनी ने सत्तारूढ़ दल को 52 करोड़ रुपए से ज्यादा का चुनावी चंदा दिया है। यह चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में उसी अवधि में दिया गया, जब देश कोविड के संकट से गुजर रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आरोप लगाया गया कि इस लिहाज से सत्तारूढ दल द्वारा आम जनता के स्वास्थ्य के बजाय कंपनी के हितों को तरजीह दी गई। इस कारण संदेह और ज्यादा बढ़ जाता है कि महज चुनावी चंदे के फेर में आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर कंपनी के हितों को तरजीह दी गई, इस तरह यह कृत्य न सिर्फ अक्षम्य है बल्कि विधिक, नैतिक और मानवीय, हर दृष्टि से यह राष्ट्र के प्रतिकूल है। राष्ट्रपति से मांग की गई है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों को दंडित कर जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेताओं ने यह ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष कुमार को सौंपा। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि, पूर्व महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी, चंद्रमोहन कंडारी, सुनील नौटियाल, संजय शर्मा, रोहित ठाकुर, प्रदेश सचिव उत्तराखंड कांग्रेस विकास नेगी, अमित मसीह सहित अन्य नेता मौजूद थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page