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November 11, 2024

मौसम विभाग ने कहा हीट वेव को लेकर बरतो एहतियात और हो गई झमाझम बारिश, गिरे ओले, पढ़ें काम की सलाह

है ना कमाल की बात। उत्तराखंड के मैदानी इलाके गर्मी से तपने लगे। साथ ही बार बार बिजली की कटौती भी कई इलाकों में झटका देने लगी। पहले चरण के मतदान के दिन 19 अप्रैल को कहीं कहीं बारिश हुई, लेकिन इसके बाद से मौसम विभाग का पूर्वानुमान मैदानी इलाकों के लिए सटीक नहीं बैठ रहा था। गर्मी बढ़ने पर उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कार्यशाला आयोजित कर लोगों को हीट वेव को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दी। ये कार्यशाला 26 अप्रैल को आयोजित की गई। सलाह काम की है। इसे पढ़ना भी जरूरी है। हालांकि, इसी दिन देशभर के विभिन्न राज्यों में दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ और शुक्रवार देर रात से राजधानी देहरादून सहित कई इलाकों में बारिश का जो सिलसिला शुरू हुआ वो शनिवार 27 अप्रैल की सुबह भी जारी रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई स्थानों पर गिरे ओले
हालांकि, बारिश रुक रुक कर हो रही है। कुछ देर झमाझम बारिश के बाद धूप भी निकल रही है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, आज 27 अप्रैल को राज्यभर में बारिश की संभावना है। चार हजार मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों पर बर्फबारी भी हो सकती है। 28 अप्रैल से लेकर एक मई तक कुछ जिलों में बारिश का क्रम जारी रहने की संभावना है। इस दौरान बारिश प्रभावित जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। हालांकि, बारिश के बावजूद तापमान में राहत की उम्मीद कम है। करीब एक सप्ताह तक तापमान 31 डिग्री से लेकर 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इसी तरह न्यूनतम तापमान 17 डिग्री से लेकर 23 डिग्री तक अलग अलग दिन रह सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हीट वेव को लेकर एहतियात बरतने की सलाह
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से शुक्रवार को हीट वेव की तैयारियों के संबंध में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में हीट वेव से बचाव को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। इस कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यशाला में मौसम केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने हीट वेव के विभिन्न चरणों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अगर मैदानी क्षेत्रों में चालीस डिग्री तथा पहाड़ी क्षेत्रों में तीस डिग्री तक तापमान पहुंच जाता है, तब हीट वेव की परिस्थितियां उत्पन्न होने की संभावना बनती हैं। अगर किन्हीं दो जगहों का तापमान लगातार दो दिन सामान्य से साढ़े चार से साढ़े छह डिग्री ऊपर, मैदानों में चालीस डिग्री से ऊपर तथा पहाड़ों में तीस डिग्री से ऊपर रहना अनिवार्यद्ध चला जाए तो हीट वेव मानी जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि गर्म हवा की एक स्थान पर लंबे समय तक मौजूदगी, ऊपरी वायुमंडल में नमी की कमी तथा साफ आसमान हो तो हीट वेव के हालात उत्पन्न होने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में मई के अंतिम सप्ताह तथा जून प्रथम सप्ताह में तापमान सबसे ज्यादा रहता है। रोहित थपलियाल के अनुसार मौसम विभाग कलर कोडेड वार्निंग जारी करता है। इनमें ग्रीन, येलो, आरेंज तथा रेड अलर्ट जारी किया जाता है। इसके साथ क्या-करें, क्या न करें संबंधी जानकारी भी आम लोगों के लिए साझा की जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गर्मी से बचना जरूरी, करें यह उपाय
स्वास्थ्य विभाग से डॉ. सुजाता ने अत्यधिक गर्मी से बचने के उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गर्मी जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए एहतियात बरतने बहुत जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी लगने से व्यक्ति में अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, जी मिचलाना, शरीर में ऐंठन, तेज धड़कन, भ्रम की स्थिति आदि लक्षण दिखने लगते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके लिए जरूरी है कि खूब पानी पीएं, प्यास न लगी हो तब भी पानी पीते रहें। गर्मी का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर पड़ता है, इसलिए एहतियात जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक घर से बाहर जाने से बचना चाहिए, साथ ही महिलाओं को इस समय खाना बनाने से परहेज करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. विमलेश जोशी ने कहा कि हीट वेव या अत्यधिक गर्मी से जितना खतरा इंसानों को है, उतना ही खतरा पशुओं को भी होता है, इसलिए उनका ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि धूप में खड़ी कार में बच्चों को न छोड़ें। यह खतरनाक हो सकता है। साथ ही धूप में खड़ी कार में सीधे न बैठें। दरवाजे और खिड़की खोलकर रख दें ताकि कार से हानिकारक गर्म हवा बाहर निकल जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूएसडीएमए की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बताया कि भारत सरकार ने हीट वेव को वर्ष 2019 में प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचने के लिए मौसम विभाग के एलर्ट को सुनना और दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी है। स्कूली बच्चों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए स्कूलों में प्रत्येक एक से डेढ़ घंटे के अंतराल में वॉटर बेल बजाई जानी चाहिए, ताकि बच्चों को याद रहे कि उन्हें पानी पीना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास विशेषज्ञ जेसिका टेरोन, आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत के अलावा सभी जिलों के डीडीएमओ, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, वन, उद्यान, पंचायती राज विभाग, पिटकुल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग आदि विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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