विभिन्न कॉलेजों के 70 प्राध्यापक श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में समायोजित, शासनादेश जारी, ये रहेंगी शर्तें
उत्तराखंड में विभिन्न सरकारी कॉलेजों के विभिन्न विषयों के 70 प्राध्यापकों को श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में सामायोजित कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि उत्तराखंड में सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों की केंद्रीय एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्धता समाप्त की जा रही है। इन महाविद्यालयों को श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जा रहा है। इसके खिलाफ देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज, बीएसएम कॉलेज रुड़की हरिद्वार, सतीकुंड महाविद्यालय हरिद्वार की प्रबंध समिति हाईकोर्ट की शरण में है। हाईकोर्ट में ये मामला विचाराधीन है। इस मामले में सभी पक्षों ने पत्रावलियां हाईकोर्ट में प्रेषित की हुई हैं। अब अंतिम सुनवाई तब होगी, जब भौतिक रूप से कोर्ट का कार्य प्रारंभ होगा। इस बीच पांच अशासकीय महाविद्यालय ने श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की शरण में आ गए हैं। यानी कि 19 में से पांच महाविद्यालयों ने घुटने टेक दिए। इस संबंध में विश्वविद्यालय ने पांच महाविद्यालयों को संबद्ध किए जाने के आदेश भी पूर्व में जारी कर दिए गए थे।
इस विवाद के बीच ही सरकारी डिग्री कॉलेजों से विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों से श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के परिसर पं. ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ऋषिकेश में विभिन्न विषयों के लिए विपल्प मांगे गए थे। इनमें 70 का चयन कर उन्हें इस महाविद्यालय से समायोजित कर लिया गया है। अब इन शिक्षकों के समायोजन के लिए राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इन प्राध्यापकों का हुआ समायोजन
जिन प्राध्यापकों का समायोजन हुआ, इसमें हिंदी विषय में प्रो. कल्पना पंत, प्रो. अधीर कुमार और प्रो. मुक्तिनाथ यादव शामिल हैं। संस्कृत में डा. पूनम पाठक, अंग्रेजी में प्रो. हेमंत कुमार शुक्ला, डा. प्रमोद कुमार, डा. पारूल दुबे, अर्थशास्त्र में डा. पुष्पांजलि आर्य, डा. गिरीश चंद्र बैंजवाल, डा. अशोक कुमार, सामज शास्त्र में प्रो. प्रशांत कुमार सिंह, भूगोल विषय में प्रो. अरूण कुमार सिह, प्रो. दिनेश चंद्र गोस्वामी, डा. वेद प्रकाश, डा. अरूणा पी सूत्राधर को समायोजन हुआ है।
इसके अलावा इतिहास में डा. संगीता मिश्रा, राजनीति विज्ञान में प्रो. हेमलता मिश्रा, प्रो. दिनेश शर्मा, प्रो. दुर्गाकांत प्रसाद चौधरी, शिक्षा शास्त्र में डा. अटल बिहारी शास्त्री, गृह विज्ञान में प्रो. प्रीति कुमारी, वाणिज्य में प्रो. विजय प्रकाश, डा. कंचल लता सिन्हा, डा. वंदना तिवारी, प्रो. राज मणि, डा. विरेंद्र नाथ गुप्ता, डा. भरत सिंह, डा. विरेंद्र कुमार गुप्ता, डा. चतर सिंह नेगी, डा. धर्मेंद्र कुमार, डा. गिरीश चंद्र डंगवाल हैं।
रसायन विज्ञान में में प्रो. नीता जोशी, प्रो. शांति प्रसाद सती, संजय कुमार, आशीष कुमार शर्मा, डा. हितेंद्र सिंह, डा. विभा कुमार, डा. सीमा, डा. राकेश कुमार जोशी, गणित में प्रो. नवीन भगत, प्रो. अनीता तोमर, डा. गोविंद पाठक, डा. दीपा शर्मा, जंतु विज्ञान में प्रो. राकेश कुमार, प्रो. देवमणि त्रिपाठी, डा. महावीर सिंह रावत, डा.एसएन राव, डा. स्मिता बडोला, डा. अहमद परवेज, वनस्पति विज्ञान प्रो. विद्याधर पांडे, प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा, प्रो. नवीन कुमार शर्मा, डा. इंदु तिवाड़ी, डा. शालिनी रावत, डा. सुनिती कुमार कुड़ियाल, डा. प्रीति बहुखंडी, भूगर्भ विज्ञान में डा. श्रीकृष्ण नौटियाल और डा. अरविंद भटट, भौतिक विज्ञान प्रो. सुमिता श्रीवास्तव,प्रो. योगेश शर्मा, प्रो. मनोज यादव, प्रो. विमल प्रकाश बहुगुणा, प्रो. राज कुमार त्यागी, डा. हेमंत सिह, शारीरिक शिक्षा में डा. पुष्कर गौड़ को समायोजित किया गया है।
नियम व शर्तें
1-समायोजित प्राध्यापक श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर
कार्यालय में अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत करेगें।
2-समायोजित प्राध्यापक विश्वविद्यालय के पं0 ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में ही कार्यरत/सेवारत रहेंगे एवं उनकी सेवा अस्थानान्तरणीय (Non-transferable) होगी।
3- विश्वविद्यालय के उक्त परिसर में समायोजित प्राध्यापकों की वरिष्ठता पूर्ववत रहेगी अर्थात् समायोजित प्राध्यापकों की वरिष्ठता उत्तराखण्ड शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित/प्रख्यापित राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राचार्य/
प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची के अनुरूप होगी।
4-समायोजित प्राध्यापकों का शैक्षणिक पद (असि0प्रो०/एसो०प्रो०/प्रोफेसर) वेतन (वेतनमान, अकेडेमिक लेवल, मूल वेतन/अनुमन्य भत्ते एवं वेतन-वृद्धि) संरक्षित होगी। समायोजन के पश्चात वे उसी शैक्षणिक पद पर एवं वेतनमान में कार्यरत होंगे, जिस पद व वेतनमान में वह राजकीय महाविद्यालय में अंतिम रूप से कार्यरत /सेवारत थे। वेतन वृद्धि की तिथि पूर्ववत रहेगी।
5-विश्वविद्यालय के उक्त परिसर में समायोजन के पश्चात प्राध्यापकों को 02 वर्ष का धारणाधिकार अनुमन्य होगा।
6- समायोजित प्राध्यापक उसी पेंशन प्रणाली से आच्छादित होंगे, जिस पेंशन प्रणाली से वह राजकीय महाविद्यालय में आच्छादित थे।
7- विश्वविद्यालय के उपर्युक्त परिसर में समायोजित प्राध्यापक को सेवानिवृत्त अथवा स्वैच्छिक सेवानिवृत्त होने पर उत्तराखण्ड शासन द्वारा अनुमन्य पेंशन/ सेवानिवृत्तिक लाभ/ देयकों, जैसे-अधिवर्षता पेंशन, पारिवारिक पेंशन एवं मृत्यु/
सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी/अर्जित अवकाश के हकदार होंगे। प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति या अधिवर्षिता आयु पूर्ववत होगी।
8- सामान्य भविष्य निधि के सम्बन्ध में शासन द्वारा निर्धारित प्रचलित नियमावली लागू होगी।
9- प्राध्यापकों की समस्त सेवा-शर्ते यथावत् वही होंगी जो राजकीय सेवा में नियुक्ति के समय लागू थी एवं अद्यतन जो यथा संशोधित लागू है।
10-इस वित्तीय वर्ष 2021-22 के वेतन का भुगतान शासन स्तर से जारी वित्तीय प्रावधानों के तहत उच्च शिक्षा निदेशालय/उच्च शिक्षा विभाग से पूर्व की भांति किया जायेगा। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में विश्वविद्यालय स्वयं शासन से इसकी व्यवस्था अपने बजट साहित्य में यथाप्रक्रिया करायेगा।
11-उक्तानुसार समायोजित प्राध्यापक एक सप्ताह में समायोजित पद पर कार्यभार ग्रहण करना सुनिश्चित करेंगे, अन्यथा की दशा में यह माना जायेगा कि वह समायोजित पद पर कार्यभार ग्रहण करने के इच्छुक नहीं हैं।
12-समायोजन प्रक्रिया के पश्चात् ऋषिकेश महाविद्यालय में कार्यरत इस विषय के अन्य प्राध्यापक जो समायोजित नहीं हुए हैं, वे सभी उच्च शिक्षा निदेशालय, हल्द्वानी/क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून से सम्बद्ध हो जायेंगे तथा उनकी तैनाती विषयवार रिक्त पदों के सापेक्ष पृथक से की जायेगी।
13- उक्त समायोजन मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल में योजित रिट याचिका संख्या-442(एस0बी0)/2020, डॉ. अजय प्रसाद उनियाल एवं उत्तराखण्ड राज्य अन्य में पारित होने वाले अन्तिम निर्णय के अधीन होगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।