प्रशांत महासागर में 7.7 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट, महासागर के तल में छेद से धरती पर भूकंप का खतरा
प्रशांत महासागर में आए भूकंप ने दुनिया के वैज्ञानिकों को दहला दिया है। दरअसल यहां सुबह करीब आठ बजकर 27 मिनट पर 7.7 मैग्नीट्यूड की तीव्रता वाला भूकंप आया। इससे प्रभावित देश न्यू कैलेडोनिया और वानुअतु हैं। इस भूकंप का केंद्र न्यू कैलेडोनिया से 338 किमी की दूरी पर स्थित था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक जानकारी मिली है कि ये भूकंप जमीन के 10 किमी (6.21 मील) की गहराई में आया था। इस भूकंप से आस पास के द्विपीय और महाद्विपीय इलाकों में सुनामी का खतरा बढ़ गया है। इसको लेकर स्थानीय सरकार ने अलर्ट भी जारी कर दिया है। यह चेतावनी अमेरिका में न्यू कैलेडोनिया, फिजी और वानुअतु के क्षेत्रों के लिए जारी की गई है। हांलाकि, अभी इससे नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रशांत महासागर के तल में छेद, हो रहा रिसाव
प्रशांत महासागर में फाल्ट लाइन नाम का एक एरिया है, जिसमें वैज्ञानिकों ने एक अजीबों-गरीब रिसाव देखा है। ऐसा रिसाव पहले कभी नहीं देखा गया है। वैज्ञानिकों को डर है कि ये रिसाव भूकंप का कारण बन सकता है। इस रिसाव को पाइथिया ओएसिस के रूप में जाना जाता है। यह रिसाव कैस्केडिया सबडक्शन जोन (CSZ) में है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले नहीं हुई ऐसी घटना
विशेषज्ञों के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के प्रशांत तटों से ऐसा रिसाव पहले कभी नहीं देखा गया था। यह पहली बार है जब ऐसी कोई घटना देखने को मिल रही है। रिसाव CSZ में है और यह वो जगह होती है, जहां दो प्लेटें टकराती हैं, लेकिन, ऐसा संभव है कि यह फ्लूइड महासागरीय और महाद्वीपीय प्लेटों के बीच दबाव को नियंत्रित कर रहा हो। रिसाव के कारण बाहर निकलने वाला पानी फाल्ट लाइन पर है, जहां तापमान 300 और 500 डिग्री फ़ारेनहाइट के बीच में रहता है। यही कारण है कि न्यूपोर्ट, ओरेगॉन से लगभग 50 मील की दूरी पर समुद्र में पानी गर्म है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्यादा पानी निकलने से बढ़ सकता है भूकंप का खतरा
रिपोर्ट कहती है कि किसी भी सूरत में अगर ज्यादा पानी निकलता रहा, तो इससे फॉल्ट पर दबाव बढ़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप दोनों प्लेटों पर जोर भी बढ़ सकता है। ऐसे में अगर तनाव बढ़ता है और प्लेटें हिलने लगी, तो भूकंप आ सकता है। रिसाव के साथ ही वैज्ञानिकों ने समुद्र के एक मील नीचे मीथेन के बुलबुले भी उठते देखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस कारण फिसल सकती हैं दो प्लेटें
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञानी और इस घटना की जानकारी देने वाले जर्नल साइंटिफिक एडवांस में प्रकाशित लेख के सह लेखक इवान सोलोमन ने कहा कि अगर फ्लूइड का दबाव अधिक है, तो इसका अर्थ है कि घर्षण कम है। ऐसे में दो प्लेटें फिसल सकती है। वहीं, अगर दबाव कम है, तो प्लेटें लॉक हो जाएंगी। उनका कहना है कि फाल्ट लाइन से निकलने वाला फ्लूइड लुब्रिकेंट को लीक करने जैसा है। भूकंप के खतरों के लिहाज यह एक बुरी खबर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रिसाव उत्तरी अमेरिका के तट पर बड़े पैमाने पर भूकंप का संकेत हो सकता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।