उत्तराखंड के नगर निकाय चुनावों में 66 फीसद मतदान, दिन भर जगह जगह होते रहे बवाल, कांग्रेस ने लगाया मतपेटी से छेड़छाड़ का आरोप
उत्तराखंड में 100 नगर निकायों के चुनाव में गुरुवार 23 जनवरी को जमकर मतदान हुआ। रात करीब नौ बजे तक सरकार के सूचना विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदेश भर में 66 फीसद मतदान (अनंतिम) रिकॉर्ड किया गया। मतगणना कल 25 जनवरी को होगी। मतदान के दौरान पूरे दिन भर जगह जगह से बवाल की खबरें आती रहीं। इसमें ज्यादा खबरें नामांकन सूची से नाम गायब होने की रही। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम भी मतदाता सूची में गायब मिला। इस पर उन्होंने निर्वाचन अधिकारी से जानकारी मांगी तो मतदान समाप्ति के समय पांच बजे के बाद उन्हें बताया गया कि उनका नाम किस मतदान केंद्र में है। यानि हरीश रावत का पहले नाम किसी केंद्र में था, जो बदल दिया गया। इससे उन्हें परेशानी हुई। खैर पूर्व सीएम की ओर से मतदान से दिन ही मतदाता सूची में नाम तलाशने पर भी उनकी मतदान के प्रति जागरूकता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
11 नगर निगमों में मेयर के लिए 72 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि 89 नगर पालिका, नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 445 प्रत्याशी हैं। सभी निगम, पालिका, पंचायतों में वार्ड सदस्य/पार्षद के कुल 4,888 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मतदान प्रतिशत भी बढ़ता गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शुरुआती दो घंटे में राज्य में 11.36 प्रतिशत मतदान हुआ। यह आंकड़ा दोपहर 12 बजे तक बढ़कर 25.70 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसके बाद दो बजे तक मतदान प्रतिशत 42.19 रिकॉर्ड हुआ। शाम 4 बजे तक प्रदेश में 56.81 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड हुआ। रात नौ बजे 66 फीसदी मतदान रिकॉर्ड हो चुका था। बता दें कि 2018 के निकाय चुनाव में 69.79 फीसदी मतदान हुआ था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने लगाया मतपेटियों से छेड़छाड़ का आरोप
उत्तराखंड कांग्रेस के मीडिया समन्वयक राजीव महर्षि ने निर्दलीय प्रत्याशी पर मतपेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि नगर निगम देहरादून के चुनाव वार्ड 41 इंदिरापुरम में मतदान संपन्न होने के उपरांत रात्रि लगभग 10:00 बजे क्षेत्र के एक निर्दलीय प्रत्याशी और उसके सहयोगियों द्वारा मत पेटियों से छेड़ छाड़ करने का प्रयास किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि जब सामान्य परीक्षण के लिए रात्रि 10.00 बजे शास्त्री नगर स्थित सामुदायिक भवन मतदान स्थल पर कांग्रेस पार्टी के मतदान अभिकर्ता पहुंचे तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी और उसके सहयोगियों को वहां उपस्थित पाया। इसका कांग्रेस पार्टी के लोगों ने विरोध किया गया तो, वे लोग मत पेटियों अपने हाथ में उठा कर भागने लगे। इस घटना का वीडियो भी बना लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद घटनास्थल पर महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी, प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, कांग्रेस नेता संग्राम सिंह पुंडीर, अनुज दत्त शर्मा अन्य कार्यकताओं को लेकर इंदिरा नगर चौकी पहुंचे और इस घटनाक्रम की रिपोर्ट कांग्रेस पार्टी की पार्षद प्रत्याशी पायल बहल ने लिखा दी है। राजीव महर्षि ने कहा कि मतपेटियों से छेड़ छाड़ एक जघन्य अपराध है और इस पर पीठासीन अधिकारी एवं अन्य दोषियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूची में नाम न होने से हुए परेशान
बड़ी संख्या में लोगों ने शिकायत की कि जब वह मतदान करने गए तो वहां सूची में उनका नाम ही नहीं मिला। इसके चलते कई जगह झड़प की नौबत आ गई तो कई जगह लोगों को घंटों परेशान होना पड़ा। इसके अलावा लोगों ने अपना नाम दूसरे वार्ड की सूची में होने, नाम गलत लिखा होने की भी शिकायत की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत माजरा बूथ पर मतदान करते आ रहे थे। उनका नाम सूची में नहीं मिला तो उन्होंने इसकी जानकारी निर्वाचन अधिकारी से मांगी। तब मौजूद स्टाफ ने बताया सर्वर डाउन है। इसके बाद शाम पांच बजे मतदान समाप्ति का समय आया तो बताया गया कि उनका नाम वार्ड-76 माजरा के बजाय वार्ड-58 डिफेंस कॉलोनी की वोटर लिस्ट में है। तब तक समय निकल गया था और रावत मतदान से वंचित रह गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मतदान के दिन ही मतदाता सूची में अपना नाम तलाशना भी पूर्व सीएम के लिए हास्यास्पद है। या फिर कांग्रेस का संगठन ग्राउंड स्तर पर काम नहीं कर रहा है। क्योंकि कई वार्डों में तो बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों ने मतदाताओं के घर घर मतदाता क्रमांक और बूथ की जानकारी से संबंधित सूची पहुंचा दी थी। वहीं पूर्व सीएम के मामले में ऐसी लापरवाही को क्या कहेंगे। वहीं अब बीजेपी भी वो मतदाता सूची वायरल कर रही है, जिसमें हरीश रावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम हैं। साथ ही उन पर भ्रामक समाचार फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मत पत्र को लेकर भी हंगामा
कई जगह लोगों ने शिकायत की कि मत पत्र को मोड़ने पर दूसरे प्रत्याशी के चिह्न पर भी स्याही लग रही है। इससे वोट खराब हो रहे हैं। ऐसे मामलों में मतदान कर्मियों की कमी ही कहेंगे। क्योंकि वे भी बैलेट पेपर को सही तरीके से फोल्ड कर मतदाता को देते हैं। वहीं, चंपावत के लोहाघाट में मतपत्र पर स्याही दिखी तो भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी धरने पर बैठ गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
होता रहा हंगामा
रुड़की के माहीग्रान स्थित मतदान केंद्र के गेट शाम पांच बजे बंद करने से नाराज लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने भीड़ हटाने के लिए लाठियां फटकारी, जिससे भगदड़ मच गई। इस दौरान कई महिलाएं घायल हो गईं। वहीं, मंगलौर में धीमी गति से मतदान होने और पुलिस द्वारा मतदाताओं की पर्ची चेक करने पर मंगलौर के कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने नाराजगी जताई। इस दौरान नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोप है कि हरिद्वार के ज्वालापुर में शराब बांटने से रोकने पर कार्यकर्ताओं ने एक कांग्रेस प्रत्याशी की पिटाई कर दी। कनखल में भी शराब पिलाने पर हंगामा हुआ। वहीं, उत्तरकाशी के बड़कोट में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी के मतदान केंद्र में जाने और यमुनोत्री विधायक को केंद्र के अंदर जाने नहीं देने पर हंगामा हो गया। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।