पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में 43 नए व पुराने मंत्री लेंगे शपथ, निशंक की छुट्टी, अजय भट्ट की संभावना, पढ़िए संभावित नाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में फेरबदल आज बुधवार की शाम 6 बजे कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि भारत के इतिहास में ये अब तक की सबसे युवा कैबिनेट होगी। इसमें औसतन आयु अभी तक सबसे कम होगी। साथ ही इस बार शैक्षणिक योग्यता को भी तव्वजो दी जा रही है। इनमें पीएचडी, एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक 43 नए व पुराने मंत्री शपथ लेंगे। पहली बार 12 दलित समुदाय से मंत्री बनाए जाने की संभावना है। कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी संभव है। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की छुट्टी हो गई है। उनके स्थान पर उत्तराखंड से अजय भट्ट को तव्वजो दी जा रही है। इनमें कई पुराने मंत्रियों ने इस्तीफा भी दे दिया। इनमें केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, शिक्षा मंत्री निशंक भी शामिल हैं। निशंक का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से बताया जा रहा है। युवाओं को तव्वजो देने की शुरुआत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी से कर दी गई थी। अब केंद्र में भी बदलाव किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कुछ और मंत्रियों की टीम मोदी से विदाई हो सकती है। इनमें सदानंद गौड़ा का भी नाम चल रहा है।सात राज्यमंत्रियों का हो सकता है प्रमोशन
मंत्रिपरिषद में 14 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। जिन लोगों को मंत्री बनाया जाना है, वे सभी पीएम आवास पहुंच चुके हैं। इनके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा भी पीएम आवास पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री निवास पहुंचने वालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र से नारायण राणे, कपिल कामत, उत्तराखंड से अजय भट्ट भी शामिल हैं। इनके अलावा जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह और लोजपा के पशुपति कुमार पारस भी शामिल हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल सात राज्यमंत्रियों का प्रमोशन हो सकता है। इनमें अनुराग ठाकुर, जीके रेड्डी, मनसुख मांडव्या, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और पुरुषोत्तम रूपाला के नाम की चर्चा है। ये सभी पीएम आवास पहुंचे हैं।
JDU से RCP सिंह बनेंगे मंत्री, LJP से पशुपति पारस
प्रधानमंत्री निवास पहुंचने वालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र से नारायण राणे, कपिल कामत, उत्तराखंड से अजय भट्ट भी शामिल हैं. इनके अलावा जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह और लोजपा के पशुपति कुमार पारस भी शामिल हैं।
हर राज्य पर विशेष ध्यान
सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक राज्य और यहां तक कि राज्यों के क्षेत्र पर कैबिनेट विस्तार को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। करीब दो दर्जन ओबीसी का प्रतिनिधित्व होगा। छोटे समुदायों को शामिल करने की योजना है। अधिक महिला मंत्री होंगी और प्रशासनिक अनुभव रखने वालों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
इनके नामों पर भी है चर्चा
कैबिनेट में शामिल होने को लेकर जिन लोगों की चर्चा हैं, उनमें से कई दिल्ली आ चुके हैं, जबकि कुछ दिल्ली आ रहे हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, पशुपति पारस, नारायण राणे और वरुण गांधी शामिल हैं।
पूजा करते दिखे सिंधिया
दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा करते हुए दिखे। सिंधिया ने बताया कि मैं उज्जैन की यात्रा पूरी करने के बाद दिल्ली जाऊंगा। सिंधिया ने पिछले साल ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। वहीं, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल चुनाव के बाद हेमंत बिस्वा सरमा के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए राजी हो गए थे। उन्हें भी केंद्रीय मंत्री बनाने की चर्चा है।
कुर्ता खरीदते नजर आए पारस
बिहार से पशुपति पारस को कुर्ता खरीदते हुए देखा गया। जब उस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें दिल्ली से निमंत्रण मिला है तो उन्होंने कहा कि-राज को राज ही रहने दो। उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से फोन आया था।
गहलौत की जगह आ सकता है नया चेहरा
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में उनकी जगह खाली हो गई है। उनका राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक का है। ऐसे में मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्ति को शामिल किया जा सकता है, जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है। उसे गहलोत के बाकि बचे हुए कार्यकाल के लिए राज्यसभा में भेजा जा सकता है।
20 से 22 नए मंत्री ले सकते हैं शपथ
मंत्रिमंडल में 20 से 22 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों से 8 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में वर्तमान में 53 मंत्री शामिल हैं और विस्तार के बाद 81 सदस्य हो सकते हैं। गठबंधन दल भी इस बार मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं और जेडीयू, एलजेपी के अलावा अपना दल कोटे से नेता शपथ ले सकते हैं।




