बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में 21 मेधावी छात्राओं को किया पुरस्कृत
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत वर्ष 2020-21 में दसवीं और 12वीं की 21 मेधावी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने इन छात्राओं को आगे भी इसी तरह के बेहतर प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान दसवीं की 11 और बाहरवीं की 10 छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
इन छात्राओं में 12 वीं की पुरस्कृत बालिकाओं में श्रृष्टि रयाल, शिवानी, सुजाता रमोला, मल्लिका बरोली, मानसी गोयल, नेहा, लक्की शर्मा, कविता सकलानी, अनामिका, मोनिका गुप्ता थीं। वहीं, 10 वीं की छात्राओं में निशा मुण्डेपी, महक जोशी, प्रिया पंवार, आस्था, सानिया पुण्डीर, अनु कुमारी, मानसी, निशा शाह, मुस्कान चौहान, सलोनी रयाल, महिमा सजवाण को सम्मानित किया।
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एवं महिला शक्ति केन्द्र योजना के अन्तर्गत गठित जिला टास्कफोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने बालिकाओं के जीवन, गौरव, शिक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य, जीविका और सशक्तिकरण के लिए सभी सम्बन्धित विभागों और टास्कफोर्स के सदस्यों को कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी बालिकाओं को पोषण, स्वास्थ्य, सैनिटेशन, कैरियर कउान्सिलिंग, आदि के बारे में लगातार जागरूक करने तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न स्किल्ड में पारंगत करने के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी बालिकाओं और महिलाओं को नेचुरल हाईजिन के बारे में अधिक जागरूक करने को कहा तथा जागरूकता के पश्चात इसका अनुपालन हो रहा है कि नही, साथ ही इसके उपरान्त विभिन्न प्रकार की छोटी-मोटी बिमारियों में कमी आ रही कि नहीं, इसका भी अवलोकन करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि ड्राप आर्डर होने वाली बालिकाओं को वापस शिक्षा से जोड़ने अथवा उनको किसी भी प्रकार का स्किल्ड प्रशिक्षण दिलवाएं। जिससे वह आत्मनिर्भर हो सकें। साथ ही प्रशिक्षण कोर्स के पश्चात उनको सर्टिफिकेट भी जारी करें। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने महिलाओं को ऐसे फील्ड में भी काम करने के अवसर पैदा करने के निर्देश दिए, जिसमें अभी तक महिलाएं आगे ना के बराबर हैं। जैसे ड्राईविंग, आर्म्स गार्ड, टूरिस्ट गाईड इत्यादि।
उन्होंने महिलाओं के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने तथा प्रसव पूर्व से पंजीकरण के दूसरे चरण में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए। ताकि बेटियों को हर प्रकार से सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने बाल लिंगानुपात के वर्तमान आंकड़ों की समीक्षा करते हुए कालसी डोईवाला के सीडीपीओ को सख्त निर्देश दिए कि वे अपने-अपने ब्लॉक में बाल लिंगानुपात के आंकड़ों में तेजी से सुधार लाएं और इसके लिए विशेष रिव्यू करने तथा पीसीपीएनडीटी की बैठक में दोनों विकासखण्डों के कार्यों पर विस्तृत चर्चा करने को कहा।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास विभाग दोनों को संयुक्त रूप से गर्भवती महिलाओं को लगातार फालोअप (निगरानी) करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास और शिक्षा-विभाग को सभी बालिका इन्टर कालेजों में लगातार इन्सूरेटर मशीन को चलायमान रखने के निर्देश दिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।