बीजेपी में दूसरे दलों की भीड़ से पुराने नेता असहज, विवाद हो रहे सार्वजनिक, नेता बयां कर रहे दर्द, कांग्रेस ले रही चुटकी
1 min readउत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सहित दूसरे दलों को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का जो सिलसिला चला, वो उत्तराखंड में मतदान के बाद भी जारी रहा। हाल ही में कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधु अनुकृति गुसाईं बीजेपी में शामिल हो गई थी। इसके पीछे हरक सिंह के खिलाफ ईडी की जांच व अन्य कारण बताए गए। वहीं, अब बाहरी नेताओं के बीजेपी में आने से पुराने कार्यकर्ताओं में असहज की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में वे अपना दर्द दबा नहीं पा रहे हैं। वहीं, बीजेपी में बड़ रही भीड़ का नतीजा ये हो रहा है कि नेताओं पर आपसी टकराव भी शुरू हो गया है। इसका उदाहरण टिहरी में देखा जा रहा है। इन सबके बीच उत्तराखंड कांग्रेस इन सब बातों को लेकर मजा ले रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हाल ही में हरक सिंह रावत की पुत्रवधु अनुकृति गुसाई बीजेपी में शामिल हुई तो लैंसडौन विधायक महंत दिलीप रावत का दर्द भी छलक उठा। अनुकृति ने पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से लैंसडौन से लड़ा था और दिलीप रावत ने उन्हें हरा दिया था। कांग्रेस से त्यागपत्र देकर अनुकृति गुसाईं के भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने पर दिलीप रावत ने इशारों-इशारों में अपने गुस्से का इजहार किया। साथ ही पार्टी नेतृत्व को भी घेरा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लैंसडाउन विधानसभा से विधायक दिलीप रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा कि -राम तेरी गंगा मैली हो गई पापियों के पाप धोते-धोते। इसके साथ ही लिखा है कि अब क्या नमामी गंगे योजना यहां भी शुरू की जाएगी या नहीं? उनकी इस पोस्ट को अनुकृति के बीजेपी में शामिल होने से जोड़ कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अनुकृति गुसाईं के बीजेपी में शामिल होने से लैंसडाउन विधायक खुश नजर नहीं आ रहे हैं। एक बार फिर उनकी नारजगी खुलकर सामने आने लगी है। अनुकृति के भाजपा में शामिल होने पर निशाना साधने के साथ ही उन्होंने अपने पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल उठा दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
टिहरी में पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक में खींचतान
टिहरी विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक किशोर उपाध्याय कांग्रेस छोड़कर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया और वह जीत भी गए। वहीं, कभी कांग्रेस में रहे पूर्व विधायक दिनेश धनै ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी – उत्तराखंड जन एकता पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया था। अब उनका विवाद टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय के साथ सार्वजनिक हो रहा है। दोनों में पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व आम चुनाव की तैयारियों को लेकर टिहरी में बीजेपी की बैठक हुई थी। किशोर उपाध्याय का आरोप है कि बैठक में दिनेश धनै ने टीएचडीसी के अधिकारियों के हवाले से कहा था कि टिहरी झील के कई कार्य विधायक के कहने पर आवंटित किए गए। अब किशोर ने टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक को पत्र लिखा।
पत्र में किशोर उपाध्याय ने टीएचडीसी के कार्यकारी निदेशक एलपी जोशी से कहा कि अभी एक बैठक में हमारे सम्मानित साथी पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने आपका नाम लेते हुए मुझे आरोपित किया है कि मेरे और मेरे समर्थकों के टीएसडीसी के करोड़ों के ठेके चल रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ठेकेदारी को लेकर खींची तलवारें
किशोर ने आगे कहा कि मुझे इससे गहन पीड़ा हुई। इस तरह की बातें लोगों के बीच पहुंचती है तो मेरी छवि पर गंभीर नकारात्मक असर पड़ता है। उन्होंने कार्यकारी निदेशक से कहा कि इस संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट होनी चाहिए। निगम में कौन कौन ठेकेदार काम कर रहे हैं और किसकी अनुशंसा से कर रहे हैं। किशोर के इस पत्र से साफ है कि ठेकेदारी को लेकर बीजेपी के दो नेताओं में तलवारें खिंच गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें पत्र
वहीं, मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, पूर्व मंत्री धनै ने कहा कि किशोर पार्टी के बड़े नेता हैं। उन्हें इस तरह की बात पार्टी फोरम में उठानी चाहिए। साथ ही कहा कि यदि विधायकजी को पत्र लिखना था तो टीएसडीसी की बजाय सीबीआई को लिखना चाहिए। या फिर ईडी को। ताकि झील में हुए कार्यों की सच्चाई सबके सामने आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जब बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय: गरिमा मेहरा दसौनी
बीजेपी में चल रहे नेताओं के विवाद पर उत्तराखंड कांग्रेस ने भी कटाक्ष किया। कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने टिहरी से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय के टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के निदेशक को लिखी चिट्ठी पर भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष किया है। साथ ही कहा है कि दल बदल पर प्रदेश में रुझान आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जब बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की राजनीतिक को निम्नतम स्तर पर पहुंचा दिया है। कभी जातिवाद कभी क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड को विश्व के मानस पटल पर कलंकित करने का काम किया है। तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड को अपनी प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल किया, वह बहुत ही निंदनीय है। उसने उत्तराखंड की छवि को बहुत धूमिल करने का काम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा ने कहा कि कांग्रेस बहुत लंबे समय से इस बात को कह रही है कि जिस तरह से उत्तराखंड बीजेपी जॉइनिंग के कार्यक्रम करवा रही है, वह अपने लिए ही कील बोने का काम कर रही है। विपक्ष मुक्त भारत का नारा देने वाले सत्ता के नशे में इतने अहंकारी हो गए कि उन्होंने अपने ही दल को विपक्ष युक्त कर लिया। इस होड़ में उन्हें अपना कसमसाता और इन ताबड़तोड़ ज्वाइनिंग से दुखी कार्यकर्ता भी नहीं दिखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा ने कहा कि किशोर उपाध्याय की चिट्ठी और लैंसडाउन से भाजपा विधायक महंत दिलीप सिंह रावत की सोशल मीडिया पर पोस्ट बहुत कुछ बयां करती है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की राजनीति में बहुत ज्यादा सियासी उठा पटक के साथ-साथ जलजला आने वाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा की अभी तो यह शुरुआत है। अभी तो भारतीय जनता पार्टी को दिन में भी तारे नजर आएंगे। सुचिता और अनुशासन की बात करने वाली पार्टी किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी। दसौनी ने कहा कि बार-बार कांग्रेस पार्टी इस बात को कह रही थी कि भारतीय जनता पार्टी जिन लोगों को ले जाने में गर्व महसूस कर रही है वही लोग उनकी नाक में दम करके रखेंगे,यह निश्चित है।
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