एम्स ऋषिकेश में निर्मित होगा 150 आईसीयू बेड का अस्पताल, संस्थान का केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के साथ हुआ एमओयू
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में वर्तमान में 960 बेड का अस्पताल संचालित हो रहा है। यहां दैनिक तौर पर 2500 से 3000 मरीज ओपीडी में विभिन्न विभागों के डॉक्टरों से चिकित्सकीय परामर्श लेने आते हैं। राज्य में सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान होने के नाते यहां इलाज हेतु भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। खासकर गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स की ट्रॉमा बिल्डिंग के निकट एक मिनी क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल बिल्डिंग का निर्माण होने जा रहा है। मिनी अस्पताल की इस बिल्डिंग में बेड स्थापित होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एम्स ऋषिकेश और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मध्य एमओयू गठित कर दोनों पक्षों की ओर से करार पर हस्ताक्षर किए गए। गरीब लोगों के उपचार के लिए विशेष लाभदायक सिद्ध होने जा रही अस्पताल निर्माण की यह योजना प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत स्वीकृत की गई है। योजना के तहत निर्मित होने वाली अस्पताल की बिल्डिंग भूतल सहित 7 मंजिल की होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस योजना के बाबत एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने बताया कि यह मिनी अस्पताल पूर्णतः केन्द्रीयकृत एसी सुविधा वाला होगा। इस आईसीयू अस्पताल में 12 इमरजेंसी बेड सहित डे केयर बेड, डायलिसिस, आईसोलेशन रूम, एचडीयू, आईसीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू और ऑप्रेशन थियेटर की सुविधा भी उपलब्ध होगी। प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने कहा कि योजना के तहत सिविल कंस्ट्रक्शन का सभी कार्य केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वर्तमान में एम्स अस्पताल में बेडों की कुल संख्या 960 है, जिनमें से 200 आईसीयू बेड हैं। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ. )मीनू सिंह ने यह भी बताया कि शीघ्र ही बीमारी से ग्रसित छोटे बच्चों के इलाज के लिए 42 बेड का एक अन्य आईसीयू भी बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल ए.आर. मुखर्जी, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, सीपीडब्लूडी के ऋषिकेश डिवीजन के अधीक्षण अभियंता चंद्रपाल, एम्स के प्रभारी अधीक्षण अभियंता विपुल कुमार मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।