बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष सहित 13 गिरफ्तार, उत्तराखंड बंद आज, दून में धारा 144, नकल के खिलाफ अध्यादेश को सीएम का अमुमोदन
गुरुवार को देहरादून में प्रदर्शनकारी बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के खिलाफ आज 10 फरवरी को बेरोजगार संघ ने उत्तराखंड बंद का आह्वान किया है। इसके मद्देनजर देहरादून प्रशासन ने जिले में धारा 144 लगा दी है। डीआईजी दिलीप कुंवर ने आमजन से शांति की अपील की है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाठीचार्ज और पथराव की घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए। उधर, गुरुवार को बेरोजगार संघ के प्रदर्शन में हुई पत्थरबाजी की घटना में पुलिस ने संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत 13 प्रदर्शनकरियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों को भी चोट आई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में गुरुवार को प्रदेशभर में युवाओं ने लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन किया। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। इस दौरान पुलिस के साथ ही कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम ने लाठीचार्ज की मजिस्ट्रीयल जांच के दिए निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कानून व्यवस्था की उत्पन्न विषम परिस्थिति तथा लाठीचार्ज के पूरे घटना क्रम की विस्तृत मजिस्ट्रीयल जाँच के लिए मुख्य सचिव को निर्देशित किया है। जांच अधिकारी समस्त तथ्यों और परिस्थितियों की जाँच कर विस्तृत जांच आख्या शासन को उपलब्ध करायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नकल विरोधी अध्यादेश 2023 को अनुमोदन
शासन की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि उत्तराखंड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आज दिनांक 09 फरवरी, 2023 को उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुमोदित कर दिया है। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके साथ ही यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में धारा 144 लागू
पुलिस अधीक्षक (नगर) देहरादून से प्राप्त सूचना के अनुसार बेरोजगार संघ के युवाओं उनके अभिभावकों के देहरादून के गांधी पार्क, परेड ग्राउंड में 10 फरवरी 2023, अधिक संख्या में पहुंचने की सम्भावना हैं। इससे शान्ति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना है। इसके दृष्टिगत शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए परेड ग्राउण्ड के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में धारा-144 लागू की गई है। उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान, चैराहे अथवा अन्य जगह पर पाँच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे। तथा किसी भी प्रकार के समूह में बसों, ट्रैक्टर ट्रॉलियों अथवा दोपहिये वाहनों तथा चौपहिया वाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध रहेगा। किसी भी प्रकार के जुलूस/प्रदर्शन सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकार
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भर्ती परीक्षा को लेकर ऐसे सामने आए घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।