ग्राफिक एरा का दसवां दीक्षांत समारोहः साइना नेहवाल व रुपिंदर को डी.लिट की मानद उपाधि, स्वामी चिंदानंद व डॉ जेपी चंद्रा को डॉक्टर ऑफ साईंस

डॉ. सहस्रबुद्धि आज देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, विज्ञान और अन्य विषयों में स्नातक से पीएचडी तक की उपाधि पाने वाले युवाओं को दीक्षांत भाषण कर रहे थे। मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डॉ अनिल डी. सहस्रबुद्धि ने कहा कि ग्राफिक एरा ने मानद उपाधि के लिए आध्यात्म, खेल और विज्ञान से जुड़े विशिष्ट लोगों को चुना है। इन तीनों क्षेत्रों का सफलता में बहुत योगदान है। विज्ञान और खेल का मार्ग बहुत परिश्रम का मार्ग है। उसमें जब सफलता मिलती है, तब जमीन पर रहने के लिए आध्यात्म की बहुत जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में गोल्ड मैडल पाने वाले 99 लोगों में युवतियों की संख्या 61 होना, यह दर्शाता है कि भारत में मातृशक्ति जागरुक हो रही है। इसके माध्यम से भारत दुबारा विश्व गुरू बनने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
विश्वविद्यालयों को होना चाहिए मल्टी डिसिपिनसरी
डॉ. सहस्रबुद्धि ने कहा कि यूनाइटेड नेशन पूरी दुनिया को एक परिवार कहता है, हमारे देश में वसुधैव कुटुम्बकम का यह विचार हजारों साल पहले से है। नई शिक्षा नीति इसी आधार पर बनायी गई है और खुद प्रधानमंत्री मोदी जी समय समय पर इस पर चिंतन और इसकी समीक्षा करते हैं। नई शिक्षा नीति का एक साल होने पर मोदी जी ने चिंतन किया कि आत्मनिर्भरता के लिए ये शिक्षा नीति कैसे काम कर सकती है। चिंतन में यह तथ्य सामने आया कि विश्वविद्यालयों को मल्टी डिसिपिनसरी होना चाहिए। अनेक विषयों को एक साथ पढ़ाया जाना चाहिए। गणित के साथ म्यूजिक हो सकता है। छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए ये जरूरी है। मुझे खुशी है कि ग्राफिक एरा में मल्टी डिसिपिनरी विषयों की शिक्षा दी जाती है।
जिंदगी का असली प्रारंभ यहीं से
उन्होंने कहा कि यह दीक्षांत नहीं, बल्कि दीक्षा है। जिंदगी का असली प्रारंभ यहां से होता है। इसके बाद युवा समाज में जाएंगे, जहां उनकी शिक्षा की असली परीक्षा होगी। डॉ सहस्रबुद्धि ने कहा कि वे जानते हैं कि ग्राफिक एरा में प्रारंभ से ही इन चीजों की शिक्षा दी जाती है। यहां से बाहर जाने वाले युवा बाहर जाएंगे, तो झंडा ऊंचा करेंगे। एलुमिनाई संस्था के लिए कुछ करके अपनी गुरू दक्षिणा देनी चाहिए। अपने माता पिता, गुरू और समाज के प्रति अपने कर्तव्य याद रखने चाहिएं।
डॉ. कमल घनसाला हैं समाज सेवा के रोल मॉडल
मुख्य अतिथि ने कहा कि ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से संस्थापक डॉ कमल घनशाला खुद टीचर हैं। जो कोरोना काल में समाज की मदद, अपनों को खोने वालों से फीस न लेने और पहाड़ के युवाओं के लिए बिना फीस के कोर्स शुरू करने जैसे कार्य करके रोल मॉडल बन गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। डॉ. घनशाला खुद क्लास लेते हैं। यह बहुत ही सराहनीय है।
गीत से जरिये डॉ. घनसाला ने दिया बड़े सपने देखने का संदेश
ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने दीक्षांत समारोह में कहा कि 28 साल पहले ट्रांसफोर्मिंग ड्रीम्स इन टू रियल्टी के रूप में जिस मिशन की शुरूआत की थी। हर साल हजारों युवाओं के सपनों को हकीकत में बदल कर हम उसे आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ घनशाला ने सेना, नौसेना, वायुसेना, इसरो, गूगल आदि में ग्राफिक एरा के युवाओं के चयन का उल्लेख करते हुए कहा कि काफी युवा ग्राफिक एरा के सेंटर में सुविधाओं का लाभ उठाकर रोजगार देने वालों की श्रेणी में पहुंच गए हैं। उन्होंने मजरूह सुल्तानपुरी का गीत – रुक जाना नहीं तू कहीं हार के… गाकर बड़े सपने देखने का आह्वान किया।
इनको अलंकृत किया गया उपाधि से
दीक्षांत समारोह में सुपर स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि दी गई। इनके साथ ही परमार्थ निकेतन के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और वानिकी विशेषज्ञ डॉ जे. पी. चंद्रा को डॉक्टर ऑफ साईंस की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जिंदगी को आप जैसी बनानी चाहों, यह वैसी बन जाती है। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट को इनरनैट से जोड़ने की जरूरत है। जिंदगी में कम्प्यूनिकेशन, कनेक्शन और कम्पैशन बहुत जरूरी हैं।
साइना नेहवाल ने संदेश के जरिये जताया आभार
मानद उपाधि पाकर प्रख्यात हॉकी खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह ने कहा कि हमेशा बड़ा लक्ष्य रखना चाहिए। तभी बड़ी कामयाबी मिल सकती है। साइना नेहवाल ने डेनमार्क में मैच होने के कारण न आ पाने का जिक्र करते हुए वहां से भेजे ने संदेश में ग्राफिक एरा से जुड़ने पर आभार जताया। उनकी ओर से मैनेजमेंट बोर्ड की वरिष्ठ पदाधिकारी राखी घनशाला ने मानद उपाधि प्राप्त की। वानिकी विशेषज्ञ डॉ जे पी चंद्रा ने युवाओं को कुछ अच्छा करने की स्वतंत्रता पाने और देश की प्रगति के लिए प्राइवेट सेक्टर में जाने का सुझाव दिया।
कुलपति ने नव उपाधिधारकों को दिलाई शपथ
कुलपति डॉ राकेश कुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ ही नव उपाधि धारकों को शपथ दिलायी। चांसलर डॉ आर सी जोशी ने नए उपाधिधारकों को विश्वविद्यालय का अम्बेसडर बताया।
इस दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय से वर्ष 2019, 20 और 21 में पासआउट होने वाले 5317 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान गईं। इसके साथ ही 99 टॉपर्स को गोल्ड मैडल दिए गये। दीक्षांत समारोह में 98 सिल्वर और 91 ब्रॉंज मैडल भी दिए गए। समारोह में 32 शोधकर्ताओं को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और अन्य विषयों में शोध कार्य के लिए पीएचडी की उपाधि दी गई। संचालन डॉ एम पी सिंह ने किया।
सैल्फी प्वाइंट पर रही भीड़
देहरादून, 10 अक्टूबर। कोविड के खौफ और चारों तरफ मौत की आहट के बाद पहली बार कनवोकेशन समारोह हुआ, तो युवाओं के जोश और उत्साह से यूनिवर्सिटी गुलजार हो उठी। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनविर्सिटी के दीक्षांत समारोह में वर्ष 2019, 20 और 21 में पासआउट होने वाले युवा अपनी डिग्री और मैडल लेने पहुंचे। इनमें से ज्यादातर का विभिन्न कम्पनियों में प्लेसमेंट हो चुका है, काफी हायर स्टैडी कर रहे हैं।
दीक्षांत समारोह में आकर अधिकांश क्लास रूम से लेकर कैंटीन तक में गुजरे समय की याद ताजा करते नजर आये। युवाओं की दिलचस्पी को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने समारोह स्थल के पास पांच सैल्फी प्वाइंट बनाये थे। सैल्फी प्वाइंट्स पर सैल्फी लेने के लिए पूर्व छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके परिजनों की भी भीड़ रही। दीक्षांत समारोह में मैडल और डिग्री पाने वाले युवाओं के खिले हुए चेहरे आज सैल्फी को शानदार बना रहे थे। भारतीय परिधान की थीम के कारण दीक्षांत समारोह में संस्कृति की भी खूबसूरत छवि दिखाई दी।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।