देश में बदलेगा टोल कलेक्शन का तरीका, नहीं लगेगा जाम, सरपट दौड़ेंगे वाहन, फास्टैग को विदाई, जीपीएस होगा लागू
भारत में बहुत जल्द ही हाईवे पर टोल कलेक्शन का तरीका बदलने वाला है। कुछ समय बाद फास्टैग की बजाए आपकी गाड़ियों से जीपीएस के जरिये टोल कट जाया करेगा और गाडियां फर्राटे भरते हुए बिना रुके अपना सफर पूरा कर सकेंगी। तीन साल पहले जब देश में फास्टैग के जरिए टोल कलेक्शन की प्रक्रिया शुरू की गई तो इसे गेमचेंजर कहा गया था। अब तरीके के भी बदलने के लिए कसरत शुरू हो चुकी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश भर के हाईवे पर एक जीपीएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू करने की संभावना का पता लगाने के लिए एक अध्ययन शुरू किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भुगतान के लिए टोल प्लाजा पर नहीं पड़ेगा रुकना
एनएचएआई ने शीर्ष अधिकारी ने कहा, “इस सिस्टम में, मोटर चालकों को भुगतान करने के लिए टोल प्लाजा पर इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। और न ही उन्हें हाईवे के पूरे हिस्से के लिए भुगतान करना होगा। टोल शुल्क सिर्फ जीपीएस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके तय की गई दूरी के लिए तय किया जाएगा। इस सिस्टम को लागू करने के लिए, हम ट्रैफिक, राजस्व, वाहन-उपयोगकर्ताओं के व्यवहार आदि पर डेटा इकट्ठा कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विकसित किया जा रहा है सॉफ्टवेयर प्रोग्राम
विशेषज्ञ जीओ-फेनसिंग के जरिए मोटर चालकों द्वारा तय की गई दूरी की गणना करने के लिए एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि टोल कलेक्शन के संबंध में बैंकों के साथ चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि हमने भारत भर में पांच हाईवे का चयन किया है। जिनमें बंगलूरू-मैसूरू एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे भी शामिल है। जहां जीपीएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मार्च 2024 से लागू होने की उम्मीद
मार्च 2024 से सरकार की जीपीएस टोल कलेक्शन को शुरू करने की योजना है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तीन सप्ताह पूर्व कहा था कि देश में जीपीएस से टोल कलेक्शन की शुरुआत मार्च 2024 से शुरू हो सकती है। इसी कड़ी में अब अगले महीने यानी फरवरी 2024 से देश के लगभग 10 राजमार्ग (हाईवे) पर जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन की टेस्टिंग शुरू होने वाली है। इसका साफ अर्थ है कि जल्द ही फास्टैग के जरिए टोल कलेक्शन लेना बीते जमाने की बात हो जाएगी और जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन लोगों के जीवन में शामिल हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले शुरू किया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट
देशभर में इस नए जीपीएस टोल कलेक्शन प्रोसेस को चालू करने से पहले इसका पायलट प्रोजेक्ट कुछ सीमित हाईवे पर चलाया जाएगा। इसके जरिए देखा जाएगा कि किस तरह इसे सुचारू रूप से और बिना दिक्कत के मार्च तक पूरे देश भर में लागू करने की दिशा में काम किया जा सकता है। ये जानकारी सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे काम करेगा नया जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम
नए सिस्टम के जरिए टोल कलेक्शन रास्ते के जरिए ही वसूल लिया जाएगा और इससे तयशुदा टोल प्लाजा की जरूरत खत्म हो जाएगी. इसके लिए हाईवे की जियोफेंसिंग की जाएगी जो कि ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) या फिर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID)के जरिए पूरी की जाएगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।