अपारदर्शी घटना से जब एक भावपूर्ण इंसान का भाव शून्य हो जाता है जब गुजरता है इंसान इस राह से...
साहित्य
ऐसा तो कभी सोचा न होगा कितने अरमान होंगे मन में दबे, कितने सपने आंखों में बसे टूटकर चूर हो...
प्रदूषण है शैतान काला धुआँ, कूड़े के ढेर, सांसें रुके, दुखी है शहर। पानी गंदा, हवा भी भारी, प्रदूषण ने...
एक बार फिर कश्मीर जल रहा है, फिर वही आतंकवाद पल रहा है, निहत्थे बेकसूरों को मारकर मर्दानगी दिखाते हैं,...
खून जब बहा धर्म के नाम कल पुलवामा आज पहलगाम, मचाया किसने ये कोहराम मची है चहुंदिश चीख पुकार, खून...
ओ छोरी विमला, हाय छोरी विमला। पढ़ि ले अआ-कख, लेखि ले इमला।। ओ छोरी... पढ़ि-लेखि बेर विमु, मिटलो अज्ञान। पढ़न-लेखन...
बहुत ज्यादा सोचने वाले लोग खुद के लिए बुरे होते हैं खुद को विचारों के आगोश में थामे नहीं दे...
चलो आज एक सवाल पूछता हूँ, तुम्हारा ध्यान समाज की ओर खींचता हूँ, सत्ता में बैठे सरकारी रोटी सेंकने वालों,...
छोड़ो लौंडे की यारी जैसे गधे की सवारी सीधी साधी बात भारी कहती है यह दुनिया सारी छोड़ो लौडे की...
हिंदी के जाने माने कथाकार सुभाष पंत का आज सोमवार सात अप्रैल की सुबह देहरादून में अपने डोभालवाला स्थित आवास...