हम सब मिलकर दीप जलाएँ इस दिवाली नव दीप जलाएं मन के आँगन को महकाएं। मन के तम को दूर...
युवा कवि विनय अन्थवाल की कविता-महाभारत
भारतीय सेना ही, इस धरा की शान है। प्रवीर सब सेनानी हैं, वसुन्धरा की आन हैं। साहसी पराक्रमी कर्मनिष्ठ हैं...
समय समय यूँ ही बीत रहा है दिन यूँ ही गुजर रहा है। मंजिल का कुछ पता नहीं है साँसें...
जीवन सुमन जीवन सुंदर फूलों जैसा गुणों की इसमें सुगंध होती है। मन को अपने निर्मल रखना अच्छे लोगों से...
महाभारत महाभारत फिर सज रहा है महायुद्ध भी ठन रहा है। मानव- दानव बन रहा है भावी युद्ध को सजा...